प्राचीन बाल कहानियाँ/Pracheen Bal Kahaniyan

प्राचीन_बाल_कहानियाँ पीरा छिन कलकी बात हे एक वन में रत्न कर नाम का डाकू रहता था जब निर्दये था वादा किया था कि जब चलते थे लोगों को लूट लेता था कभी कभी धन के लालच में आदमी मार देता था

प्राचीन बाल कहानियाँ हमें हमारी संस्कृति और नैतिकता के महत्वपूर्ण सिखावों को सिखाती हैं। ये कहानियाँ आमतौर पर पौराणिक और ऐतिहासिक घटनाओं, धार्मिक तत्त्वों और नैतिक मूल्यों पर आधारित होती हैं। इन कहानियों के माध्यम से बच्चों को साहस, ईमानदारी, समर्पण, सहनशीलता, धैर्य, और सामाजिक न्याय के महत्व को समझाया जाता है।

कुछ प्रमुख प्राचीन बाल कहानियाँ निम्नलिखित हैं:

  1. भगवान श्रीकृष्ण की बाललीलाएं: भगवान श्रीकृष्ण की बाल और किशोरावस्था की कई लीलाएं हैं, जिनमें उनके चारित्र, भक्ति, और ब्राह्मणगामी गुणों का महत्वपूर्ण सन्देश है।
  2. भगवान राम की कहानियाँ: रामायण में भगवान राम की बाल काल की कई महत्वपूर्ण कहानियाँ हैं, जैसे की बाल राम, राम और लक्ष्मण की शिक्षा, और सीता हरण।
  3. पंचतंत्र की कहानियाँ: पंचतंत्र कथाएं बच्चों को नैतिकता और जीवन के मूल्यों के बारे में सिखाती हैं, जैसे की शेर और गीदड़, और उधयन के गधे।
  4. अकबर-बीरबल की कहानियाँ: इस कहानी संग्रह में बीरबल के चतुराई और अकबर के न्याय के उदाहरण होते हैं, जो बच्चों को विवेक और समझ की प्रेरणा देते हैं।

ये कहानियाँ बच्चों को मनोरंजन के साथ-साथ नैतिक और धार्मिक मूल्यों की शिक्षा भी प्रदान करती हैं।

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श्री रामचरित मानस/Shree Ramcharit manas

श्रीरामचरितमान गोस्वामी तुलसीदास द्वारा १६वीं सदी में रचित प्रसिद्ध महाकाव्य है। इसके नायक मर्यादा पुरुषोत्तम राम है और इसकी भाषा अवधी है। इस ग्रन्थ को अवधी साहित्य (हिंदी साहित्य) की एक महान कृति माना जाता है। इसे सामान्यतः ‘तुलसी रामायण’ या ‘तुलसीकृत रामायण’ भी कहा जाता है।

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अरण्य-किष्किन्धा-सुन्दरकाण्ड/ Aranya- Kiskindhya-Sundarkand

संकटमोचक , कष्टनिवारक , भक्ति – मुक्ति प्रदायक सुन्दरकाण्ड किष्किन्धा काण्ड श्री हनुमान चालीसा संकट मोचन हनुमानाष्टक श्री हनुमान जी की आरती श्री राम – स्तुति एवं श्री रामायण जी की आरती सहित सुन्दरकाण्ड का नियमित पाठ ऊपरी बाधाओं , ग्रह – पीड़ाओं एवं सभी संतापों का हरण करने वाला है तथा आपको हर प्रकार का वैभव , यश , मान –

अरण्य काण्ड, किष्किन्धा काण्ड, और सुन्दर काण्ड वाल्मीकि रामायण के प्रमुख काण्ड (अध्याय) हैं, जो भगवान राम की जीवन यात्रा और लंका पर विजय की कथा को विस्तार से प्रस्तुत करते हैं। इन काण्डों में भगवान राम के विभिन्न कृत्यों, संघर्षों, और विजय की कहानियों को दर्शाया गया है।

अरण्य काण्ड

अरण्य काण्ड रामायण का तीसरा काण्ड है और इसमें राम, सीता, और लक्ष्मण के वनवास के तीसरे वर्ष का विवरण है।

  1. वनवास की यात्रा:
    • राम, सीता, और लक्ष्मण पंचवटी में निवास करते हैं।
  2. शूर्पणखा की घटना:
    • राक्षसी शूर्पणखा राम से विवाह का प्रस्ताव रखती है, जिसे राम अस्वीकार कर देते हैं। लक्ष्मण शूर्पणखा की नाक काट देते हैं।
  3. मारीच का वध:
    • रावण, मारीच को सोने के हिरण का रूप धारण करने के लिए कहता है। राम मारीच का वध करते हैं।
  4. सीता हरण:
    • रावण सीता का हरण कर उन्हें लंका ले जाता है।
  5. जटायु वध:
    • जटायु रावण को रोकने की कोशिश करता है, लेकिन रावण उसे घायल कर देता है। राम जटायु से सीता के अपहरण का विवरण जानकर आगे की यात्रा करते हैं।

किष्किन्धा काण्ड

किष्किन्धा काण्ड रामायण का चौथा काण्ड है और इसमें हनुमान, सुग्रीव और बाली की कहानी मुख्य रूप से वर्णित है।

  1. सुग्रीव से मित्रता:
    • राम और लक्ष्मण किष्किन्धा पहुंचते हैं और सुग्रीव से मित्रता करते हैं।
  2. बालि वध:
    • राम, सुग्रीव की सहायता से बालि का वध करते हैं और सुग्रीव को किष्किन्धा का राजा बनाते हैं।
  3. सीता की खोज:
    • हनुमान और वानर सेना सीता की खोज में चारों दिशाओं में जाते हैं।

सुन्दर काण्ड

सुन्दर काण्ड रामायण का पाँचवां काण्ड है और इसमें हनुमान की अद्भुत वीरता और लंका की यात्रा का वर्णन है।

  1. हनुमान की लंका यात्रा:
    • हनुमान समुद्र पार कर लंका पहुंचते हैं और अशोक वाटिका में सीता को खोजते हैं।
  2. हनुमान का सीता से मिलन:
    • हनुमान सीता को राम की अंगूठी देते हैं और उनकी स्थिति का पता लगाते हैं।
  3. लंका में हनुमान का उत्पात:
    • हनुमान लंका में राक्षसों से युद्ध करते हैं, अशोक वाटिका को नष्ट करते हैं, और रावण के दरबार में आग लगा देते हैं।
  4. लौटने का संदेश:
    • हनुमान वापस राम के पास लौटते हैं और सीता का संदेश देते हैं।

इन काण्डों का महत्व

  • अरण्य काण्ड में राम के धैर्य और संघर्ष की कथा है, जो धर्म और अधर्म के बीच के संघर्ष को दर्शाती है।
  • किष्किन्धा काण्ड में मित्रता, विश्वास, और संकल्प की महत्ता बताई गई है।
  • सुन्दर काण्ड में हनुमान की भक्ति, साहस और बुद्धिमत्ता का वर्णन है, जो हर भक्त के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

रामायण के ये तीन काण्ड न केवल भगवान राम के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन करते हैं, बल्कि मानवता, धर्म, और नैतिकता की शिक्षा भी देते हैं। इन कथाओं के माध्यम से व्यक्ति को जीवन के कठिनाइयों का सामना करने और सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।

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श्री राम कृष्ण लीला- भजनावली।/Shree Ram Krishna Leela- Bhajanavali

“श्री राम कृष्ण लीला-भजनावली” एक संग्रह होता है जो भगवान श्री राम और भगवान कृष्ण की लीलाओं को समर्पित है। यह भजनावली भक्ति और आध्यात्मिकता के उदाहरणों के रूप में सबसे प्रसिद्ध है, जिनमें रामायण और भगवद गीता के घटनाक्रम और कथाएँ शामिल होती हैं।

“श्री राम कृष्ण लीला-भजनावली” में अनेक भक्ति भजन होते हैं जो राम और कृष्ण की लीलाओं, गुणों, और महिमा का गान करते हैं। ये भजन भक्तों के मन को शांति और सुख प्रदान करते हैं, और उन्हें भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।

इस भजनावली में राम और कृष्ण की लीलाओं को समर्पित किए गए भजनों के माध्यम से भक्त भगवान के दिव्य रूप को स्मरण करते हैं, उनके गुणों की स्तुति करते हैं, और उनकी भक्ति में रमण करते हैं। यह भजनावली भक्तों के द्वारा नियमित रूप से पाठ की जाती है, जो उन्हें आत्मिक आनंद और संतोष का अनुभव कराती है।

देखो सखी रंग बनोदो तिरारी पार्वती की सखिया शाही हिल मिल हावे गारी तेर बसम रमाई

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श्री रामचरित मानस- सुन्दरकाण्ड (मूल)/ Shree Ramcharit Manas- Sundarkand (Mool)

“श्री रामचरितमानस-सुन्दरकाण्ड” भगवान श्री रामचंद्र जी की महाकाव्य “श्री रामचरितमानस” का एक अध्याय है जो वाल्मीकि रामायण के “सुन्दरकाण्ड” के आधार पर लिखा गया है। इस अध्याय में मुख्य रूप से हनुमान जी का कार्यक्रम वर्णित है, जो लंका जाकर माता सीता का पता लगाने और उन्हें श्री राम की संदेश पहुँचाने के लिए किया गया था।

“सुन्दरकाण्ड” का अनुवाद और टीका कुछ विशेष प्रशंसा पाता है, और “श्री रामचरितमानस-सुन्दरकाण्ड (सटिक)” एक ऐसा संस्करण है जिसमें इस अध्याय का संक्षेपित संग्रह होता है। यह संस्करण साधारणत: सुन्दरकाण्ड की मुख्य कथा और महत्त्वपूर्ण घटनाओं को संक्षेप में प्रस्तुत करता है।

“सुन्दरकाण्ड” में हनुमान जी की महान कार्यशीलता, भक्ति, और साहस का वर्णन होता है, जो भगवान श्री राम के परम भक्त थे। इस अध्याय के पाठ से भक्त अपने जीवन में साहस, धैर्य, और भक्ति की प्रेरणा प्राप्त करते हैं, और श्री राम के भक्तों के रूप में समर्पित होते हैं।

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श्री रामचरितमानस-सुन्दरकाण्ड (सटिक)/ Shree Ramcharitmanas- Sundarkand (Satik)

“श्री रामचरितमानस-सुन्दरकाण्ड” भगवान श्री रामचंद्र जी की महाकाव्य “श्री रामचरितमानस” का एक अध्याय है जो वाल्मीकि रामायण के “सुन्दरकाण्ड” के आधार पर लिखा गया है। इस अध्याय में मुख्य रूप से हनुमान जी का कार्यक्रम वर्णित है, जो लंका जाकर माता सीता का पता लगाने और उन्हें श्री राम की संदेश पहुँचाने के लिए किया गया था।

“सुन्दरकाण्ड” का अनुवाद और टीका कुछ विशेष प्रशंसा पाता है, और “श्री रामचरितमानस-सुन्दरकाण्ड (सटिक)” एक ऐसा संस्करण है जिसमें इस अध्याय का संक्षेपित संग्रह होता है। यह संस्करण साधारणत: सुन्दरकाण्ड की मुख्य कथा और महत्त्वपूर्ण घटनाओं को संक्षेप में प्रस्तुत करता है।

“सुन्दरकाण्ड” में हनुमान जी की महान कार्यशीलता, भक्ति, और साहस का वर्णन होता है, जो भगवान श्री राम के परम भक्त थे। इस अध्याय के पाठ से भक्त अपने जीवन में साहस, धैर्य, और भक्ति की प्रेरणा प्राप्त करते हैं, और श्री राम के भक्तों के रूप में समर्पित होते हैं।

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सुन्दरकाण्ड /Sundarkand- Shree Ramcharit Manas

श्री रामचरितमानस सुंदरकांड (मूल) श्री हनुमान चालीसा शाहितवाल्मीकि रामायण दुनिया की सबसे उल्लेखनीय क्लासिक्स में से एक है और अपनी नैतिक अपील में सभी को उत्कृष्ट बनाती है। यह सभी के लिए सबक से भरा है और स्वस्थ साहित्य के सभी प्रेमियों द्वारा रुचि और लाभ के साथ पढ़ने के योग्य है। यह अपनी काव्य उत्कृष्टता के लिए विख्यात है

त्रेतायुग में महर्षि वाल्मीकि के श्रीमुख से साक्षात वेदों का ही श्रीमद्रामायण रूप में प्राकट्य हुआ, ऐसी आस्तिक जगत की मान्यता है। अतः श्रीमद्रामायण को वेदतुल्य प्रतिष्ठा प्राप्त है। धराधाम का आदिकाव्य होनेसे इसमें भगवान के लोकपावन चरित्र की सर्वप्रथम वाङ्मयी परिक्रमा है। इसके एक-एक श्लोक में भगवान के दिव्य गुण, सत्य, सौहार्द्र, दया, क्षमा, मृदुता, धीरता, गम्भीरता, ज्ञान, पराक्रम, प्रज्ञा-रंजकता, गुरुभक्ति, मैत्री, करुणा, शरणागत-वत्सलता जैसे अनन्त पुष्पोंकी दिव्य सुगन्ध है। प्रस्तुत पुस्तक में श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण के सुन्दरकाण्ड का हिंदी टीका के साथ प्रकाशन किया गया है

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अयोध्या-महात्म्य/Ayoddhya-Mahatmya

“अयोध्या-महात्म्य” एक प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक पुराण है जो अयोध्या नामक पवित्र नगरी के महत्व को बताता है। इस पुराण में अयोध्या के ऐतिहासिक, धार्मिक, और सांस्कृतिक महत्व का वर्णन किया गया है।

“अयोध्या-महात्म्य” में अयोध्या के इतिहास, विभिन्न मंदिरों और तीर्थ स्थलों का वर्णन, उनके महत्व, और उनके पीछे चिपी रहस्यों को समेटा गया है। यह पुराण अयोध्या के पुरातात्विक, ऐतिहासिक, और सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित है।

अयोध्या का उल्लेख वेद, पुराण, रामायण, और महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। इसे भगवान राम के जन्मस्थल के रूप में भी जाना जाता है, और यह एक प्रमुख धार्मिक तीर्थ स्थल है जो लाखों भक्तों को आकर्षित करता है।

अयोध्या के सम्बंध में कई पुराण और ऐतिहासिक ग्रंथों में विस्तार से वर्णन किया गया है, और इनमें “अयोध्या-महात्म्य” एक प्रमुख ग्रंथ है जो इस नगरी के महत्व को समझने में मदद करता है।

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