• "श्री कृष्ण की जीवनी" – एक दिव्य प्रेरणादायक ग्रंथ

    "श्री कृष्ण की जीवनी" एक अद्भुत ग्रंथ है जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म, बाल लीलाओं, युवावस्था, महाभारत में उनकी भूमिका और उनके दिव्य उपदेशों को विस्तार से प्रस्तुत करता है। यह पुस्तक श्रीकृष्ण के जीवन और उनके द्वारा स्थापित धर्म के सिद्धांतों को सरल और प्रेरणादायक रूप में समझाने का कार्य करती है।

    पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ

    कृष्ण जन्म और बाल लीलाएँ

    • कंस के अत्याचारों के बीच भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य जन्म की कथा
    • गोकुल और वृंदावन में माखन चोरी, ग्वालबालों के साथ क्रीड़ा और पूतना वध जैसी अद्भुत लीलाएँ।

    असुरों पर विजय

    • श्रीकृष्ण द्वारा कालिया नाग का दमन, शकटासुर, अघासुर और बकासुर जैसे दैत्यों का वध
    • कंस के अंत और मथुरा में धर्म की स्थापना की कथा।

    रासलीला और भक्ति का संदेश

    युद्ध, राजनीति और धर्म स्थापना

    • कृष्ण द्वारा द्वारका नगरी की स्थापना और पांडवों की सहायता।
    • महाभारत युद्ध में अर्जुन को दिया गया गीता का उपदेश और कर्मयोग का संदेश।

    भगवद गीता के उपदेश

    • धर्म, भक्ति, ज्ञान और निष्काम कर्म का महत्व
    • जीवन में साहस, धैर्य और सत्य की आवश्यकता
  • "भारत और उसकी समस्याएँ" – स्वामी विवेकानंद द्वारा एक विचारोत्तेजक ग्रंथ

    "भारत और उसकी समस्याएँ" स्वामी विवेकानंद द्वारा भारत के सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक और राजनीतिक पहलुओं पर लिखित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है। यह पुस्तक भारत की वास्तविक स्थिति, उसकी कमजोरियों और उनके समाधान पर प्रकाश डालती है। स्वामी जी ने इस पुस्तक में राष्ट्रवाद, शिक्षा, समाज सुधार और स्वावलंबन को विशेष रूप से महत्व दिया है।

    पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ

    भारत का गौरवशाली अतीत

    • भारत की प्राचीन संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान और आध्यात्मिक विरासत का वर्णन।
    • स्वामी विवेकानंद ने बताया कि भारत ने विश्व को धर्म, योग और वेदांत का ज्ञान दिया

    भारत की वर्तमान समस्याएँ (स्वामी जी के समय की दृष्टि से)

    • अशिक्षा – शिक्षा की कमी के कारण सामाजिक और आर्थिक पिछड़ापन।
    • गरीबी और आर्थिक विषमता – समाज में व्याप्त आर्थिक असमानता और निर्धनता।
    • धर्म और समाज में बंधन – धार्मिक कट्टरता, अंधविश्वास और रूढ़ियों से ग्रसित समाज।
    • नारी उत्पीड़न – महिलाओं की स्थिति सुधारने की आवश्यकता।

    समस्याओं का समाधान

    • शिक्षा का प्रचार-प्रसार – स्वामी जी ने कहा, "एक समाज को ऊपर उठाने के लिए शिक्षा सबसे बड़ा साधन है।"
    • आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन – उन्होंने भारतीय युवाओं को स्वदेशी उद्योग और आत्मनिर्भरता अपनाने की प्रेरणा दी।
    • धर्म और सामाजिक सुधार – स्वामी जी ने सच्चे धर्म को अपनाने और अंधविश्वास को छोड़ने पर जोर दिया।
    • नारी शिक्षा और सशक्तिकरण – उन्होंने महिलाओं की शिक्षा और स्वतंत्रता को आवश्यक बताया।

    राष्ट्रवाद और युवा शक्ति का महत्व

    • भारत के पुनर्निर्माण में युवाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण
    • स्वामी विवेकानंद ने कहा – "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।"
  • "विवेकानंद की जीवनगाथा" – स्वामी विवेकानंद की प्रेरणादायक जीवनी

    "विवेकानंद की जीवनगाथा" स्वामी विवेकानंद के प्रेरणादायक जीवन की कहानी है। यह पुस्तक उनके बचपन, आध्यात्मिक यात्रा, शिक्षाओं और समाज में उनके योगदान पर प्रकाश डालती है।

    स्वामी विवेकानंद का जीवन संघर्ष, आत्म-साक्षात्कार और राष्ट्र के प्रति समर्पण का उदाहरण है। यह पुस्तक उन सभी के लिए उपयोगी है जो स्वामी जी के विचारों और दर्शन को गहराई से समझना चाहते हैं

    📖 पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ

    👶 बचपन और प्रारंभिक जीवन

    • 1863 में कोलकाता में जन्मे स्वामी विवेकानंद का वास्तविक नाम नरेंद्रनाथ दत्त था।
    • बचपन से ही वे जिज्ञासु, तर्कशील और निर्भीक स्वभाव के थे।
    • ईश्वर की खोज में वे कई संतों से मिले और अंततः रामकृष्ण परमहंस के शिष्य बने।

    🧘 आध्यात्मिक जागरण

    • रामकृष्ण परमहंस ने उन्हें अद्वैत वेदांत और ईश्वर की एकता का गूढ़ ज्ञान दिया।
    • गुरु के महासमाधि लेने के बाद उन्होंने संन्यास ग्रहण किया और भारतभर में भ्रमण किया।
    • देश में फैली गरीबी, अज्ञानता और सामाजिक कुरीतियों को देखकर उन्होंने भारत के उत्थान का संकल्प लिया।

    🌍 शिकागो भाषण और विश्वप्रसिद्धि

    • 1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म महासभा में उनका ऐतिहासिक भाषण, जो "सिस्टर्स एंड ब्रदर्स ऑफ अमेरिका" से शुरू हुआ, उन्हें विश्वभर में प्रसिद्ध कर गया।
    • उन्होंने दुनिया को हिंदू धर्म, वेदांत और धार्मिक सहिष्णुता का संदेश दिया।

    🏛 रामकृष्ण मिशन की स्थापना

    • 1897 में उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा कार्यों में समर्पित है।
    • उन्होंने "व्यावहारिक वेदांत" का सिद्धांत दिया, जो आध्यात्मिकता को कर्म और सेवा से जोड़ता है।

    🔥 मुख्य शिक्षाएँ और विचार

    • "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।"
    • आत्मबल और आत्मनिर्भरता पर विशेष जोर।
    • धर्म को केवल पूजा-पाठ तक सीमित न रखकर जीवन में उतारने की प्रेरणा
    • भारत के पुनर्जागरण के लिए युवाओं को जागरूक करने का प्रयास

    🙏 अंतिम वर्ष और विरासत

    • स्वामी विवेकानंद ने केवल 39 वर्ष की आयु में 1902 में महासमाधि ले ली
    • उनकी शिक्षाएँ आज भी विश्वभर में लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं

  • स्वामी विवेकानंद द्वारा 'रामायण' पुस्तक के बारे में

    स्वामी विवेकानंद ने "रामायण" नामक कोई स्वतंत्र पुस्तक नहीं लिखी, लेकिन उन्होंने रामायण, भगवान राम, और उनके जीवन मूल्यों पर अपने भाषणों और लेखों में गहन चर्चा की है। उनके विचार "स्वामी विवेकानंद संपूर्ण रचनाएं", "कोलंबो से अल्मोड़ा तक प्रवचन", और "प्रैक्टिकल वेदांत" जैसी पुस्तकों में संकलित हैं।

    📖 स्वामी विवेकानंद के विचारों में रामायण

    1. भगवान राम का आदर्श चरित्र

    • स्वामी विवेकानंद के अनुसार, भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं—यानी आदर्श राजा, आदर्श पुत्र, आदर्श पति और आदर्श मित्र।
    • उन्होंने राम को कर्तव्य, सत्य, और धर्म का प्रतीक माना, जो हर इंसान को जीवन में अनुशासन और त्याग का पाठ पढ़ाते हैं।

    2. माता सीता – आदर्श नारी का प्रतीक

    • स्वामी विवेकानंद ने माता सीता को शक्ति, धैर्य और पवित्रता की मूर्ति बताया।
    • वे उनके त्याग और सहनशीलता की सराहना करते थे और महिलाओं के लिए उन्हें प्रेरणा स्रोत मानते थे।

    3. हनुमान – पूर्ण समर्पण और शक्ति का प्रतीक

    • वे हनुमान जी को भक्ति, साहस और शक्ति का आदर्श मानते थे।
    • उन्होंने युवाओं को हनुमान की तरह दृढ़ निश्चयी, निडर और सेवा भावी बनने की प्रेरणा दी।

    4. रामायण – एक जीवन दर्शन

    • विवेकानंद के अनुसार, रामायण केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि एक जीवन पथ प्रदर्शक है
    • इसमें कर्तव्य, आदर्श, बलिदान, और समाज सेवा के सर्वोच्च आदर्श सिखाए गए हैं।
  • 📖 पुस्तक: "ज्ञानयोग पर प्रवचन" – स्वामी विवेकानंद

    "ज्ञानयोग पर प्रवचन" स्वामी विवेकानंद के ज्ञानयोग (Jnana Yoga) पर दिए गए महत्वपूर्ण प्रवचनों का संग्रह है। यह पुस्तक भारतीय वेदांत के दर्शन, तर्क, और आध्यात्मिक ज्ञान का गहन अध्ययन प्रस्तुत करती है। इसमें विवेकानंद ने आत्मा, ब्रह्म, माया, मुक्ति, और अद्वैत वेदांत के सिद्धांतों को सरल और प्रभावशाली भाषा में समझाया है।

     पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ

    1. ज्ञानयोग का परिचय

    • स्वामी विवेकानंद के अनुसार, ज्ञानयोग आत्मा और ब्रह्म को जानने का मार्ग है
    • इसमें आत्मा की शाश्वतता, ब्रह्मांड की वास्तविकता और मानव जीवन के अंतिम लक्ष्य पर चर्चा की गई है।

    2. आत्मा और ब्रह्म का रहस्य

    • उन्होंने वेदांत के इस सिद्धांत को स्पष्ट किया कि ब्रह्म ही सत्य है और यह संसार माया है
    • आत्मा और परमात्मा में कोई भेद नहीं है—"तत्त्वमसि" (तू वही है) का व्याख्यान।

    3. माया और बंधन का सिद्धांत

    • माया का अर्थ केवल भ्रम नहीं, बल्कि ब्रह्म की शक्ति है, जो इस संसार को नियंत्रित करती है।
    • मनुष्य अज्ञान और अहंकार के कारण माया में फंस जाता है और जन्म-मरण के चक्र में बंध जाता है।

    4. मोक्ष और आत्मज्ञान का मार्ग

    • स्वामी विवेकानंद ने कहा कि ज्ञान का प्रकाश ही मुक्ति का द्वार खोलता है
    • आत्म-साक्षात्कार ही जीवन का अंतिम लक्ष्य है और इसे ध्यान, विवेक और वैराग्य से प्राप्त किया जा सकता है।

    5. अद्वैत वेदांत की व्याख्या

    • उन्होंने शंकराचार्य के अद्वैत वेदांत को सरल भाषा में समझाया।
    • उन्होंने यह भी बताया कि कैसे ज्ञान, भक्ति, कर्म और ध्यान—चारों योग एक ही सत्य की ओर ले जाते हैं

  • 📖 पुस्तक: "वर्तमान भारत" – स्वामी विवेकानंद

    "वर्तमान भारत" (Vartaman Bharat) स्वामी विवेकानंद द्वारा 1899 में लिखी गई एक प्रभावशाली पुस्तक है, जिसमें उन्होंने भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्थिति का विश्लेषण किया है। यह पुस्तक भारत के गौरवशाली अतीत, उसके पतन के कारणों और पुनर्जागरण के उपायों पर प्रकाश डालती है।

     पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ

    1. भारत का गौरवशाली अतीत और पतन के कारण

    • स्वामी विवेकानंद बताते हैं कि प्राचीन भारत ज्ञान, विज्ञान और आध्यात्मिकता का केंद्र था
    • लेकिन विदेशी आक्रमणों, सामाजिक बंधनों, अज्ञानता और आत्मसम्मान की कमी के कारण देश का पतन हुआ।

    2. भारत के पुनर्निर्माण में युवाओं की भूमिका

    • विवेकानंद जी कहते हैं कि भारत के उज्ज्वल भविष्य की नींव युवा शक्ति पर टिकी है
    • वे युवाओं से साहसी, आत्मनिर्भर और समाज के उत्थान के लिए समर्पित होने का आह्वान करते हैं।

    3. शिक्षा ही असली शक्ति है

    • वे उस शिक्षा प्रणाली की आलोचना करते हैं, जो केवल अंग्रेजी संस्कृति को बढ़ावा देती थी लेकिन भारत के मूल्यों को नजरअंदाज करती थी।
    • उन्होंने ऐसी शिक्षा का समर्थन किया जो आत्मनिर्भरता, चरित्र निर्माण और सेवा भाव को बढ़ावा दे।

    4. भारत की शक्ति आध्यात्मिकता में है

    • स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि भारत की आत्मा आध्यात्मिकता में बसती है, और यही उसकी सबसे बड़ी ताकत है।
    • वे इस बात पर जोर देते हैं कि भारत को आधुनिक विज्ञान और प्राचीन वेदांत ज्ञान को साथ लेकर आगे बढ़ना चाहिए।

    5. सामाजिक सुधारों की आवश्यकता

    • उन्होंने जातिवाद, छुआछूत और महिलाओं के प्रति भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयों का कड़ा विरोध किया।
    • वे मानते थे कि जब तक समाज के निचले तबके को ऊपर नहीं उठाया जाएगा, तब तक भारत सशक्त नहीं बन सकता
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    सिस्टर निवेदिता  / Sister Nivedita

    Original price was: ₹160.00.Current price is: ₹130.00.

    सिस्टर निवेदिता 

    "सिस्टर निवेदिता" पुस्तक स्वामी विवेकानंद की प्रमुख शिष्या, सिस्टर निवेदिता के जीवन, योगदान और शिक्षाओं को दर्शाती है। मार्गरेट एलिजाबेथ नोबल से सिस्टर निवेदिता बनने तक की उनकी यात्रा में, वे भारत के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और राष्ट्रीय जागरण में समर्पित रहीं।

    पुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ:

    प्रारंभिक जीवन और स्वामी विवेकानंद से भेंट – कैसे स्वामी विवेकानंद से प्रभावित होकर उन्होंने भारतीय संस्कृति को अपनाया।
    भारतीय समाज में योगदानमहिलाओं की शिक्षा, समाज सेवा और राष्ट्रीय चेतना के लिए उनका संघर्ष।
    भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका – उन्होंने भारतीयों में राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रीय चेतना का संचार किया।
    साहित्यिक और शैक्षिक योगदान – उन्होंने भारतीय संस्कृति, इतिहास और अध्यात्म पर कई महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे
    भारत के प्रति प्रेम और समर्पण – उन्होंने भारत को अपनी मातृभूमि माना और अपना जीवन भारतवासियों की सेवा में अर्पित कर दिया।

    यह पुस्तक किनके लिए उपयोगी है?

    इतिहास और आध्यात्मिकता के जिज्ञासुओं के लिए – जो भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण को समझना चाहते हैं।
    स्वामी विवेकानंद के अनुयायियों के लिए – क्योंकि सिस्टर निवेदिता उनकी शिष्या थीं और उनके विचारों को आगे बढ़ाया।
    राष्ट्रभक्तों और समाज सुधारकों के लिए – जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और समाज सुधार में रुचि रखते हैं।

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    "स्वामी विवेकानंद साहित्य संचयन" (Swami Vivekananda Sahitya Sanchayana)

    "स्वामी विवेकानंद साहित्य संचयन" स्वामी विवेकानंद द्वारा लिखित और बोले गए विचारों का एक संकलन है, जिसमें उनके प्रमुख व्याख्यान, पत्र, लेख, और संवाद शामिल हैं। यह पुस्तक भारतीय संस्कृति, धर्म, योग, समाज सुधार, शिक्षा, और राष्ट्रवाद पर उनके गहरे विचारों को प्रस्तुत करती है।

     पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ (मुख्य विषय)

    1. भारतीय आध्यात्मिकता और वेदांत

    • स्वामी विवेकानंद के व्याख्यान वेदांत, उपनिषद और भगवद गीता पर केंद्रित हैं।
    • वे बताते हैं कि आध्यात्मिकता ही भारत की आत्मा है और यह विश्व को मार्गदर्शन दे सकती है।

    2. कर्मयोग, ज्ञानयोग, भक्तियोग, और राजयोग

    • उन्होंने योग के चार मार्गों (कर्मयोग, ज्ञानयोग, भक्तियोग, और राजयोग) की व्याख्या की है।
    • इन योगों को अपनाकर कोई भी व्यक्ति आध्यात्मिक और मानसिक रूप से समृद्ध हो सकता है।

    3. राष्ट्रवाद और भारत का पुनरुत्थान

    • वे भारतीय युवाओं से स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता की भावना विकसित करने का आग्रह करते हैं।
    • वे भारत के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए शिक्षा और सेवा को अनिवार्य मानते हैं

    4. शिक्षा और समाज सुधार

    • वे ऐसी शिक्षा प्रणाली की वकालत करते हैं, जो केवल डिग्री नहीं बल्कि चरित्र निर्माण और आत्मनिर्भरता सिखाए।
    • वे जातिवाद, अंधविश्वास, और लैंगिक असमानता के खिलाफ हैं और समानता और स्वतंत्रता की बात करते हैं।

    5. पश्चिम और भारत की तुलना

    • वे पश्चिम की वैज्ञानिक उपलब्धियों की सराहना करते हैं, लेकिन भारत की आध्यात्मिक श्रेष्ठता को भी रेखांकित करते हैं।
    • वे मानते हैं कि विज्ञान और आध्यात्मिकता का संतुलन भारत को आगे ले जाएगा।
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    पुस्तक परिचय: "स्वामी विवेकानंद जैसा उन्हें देखा" – सिस्टर निवेदिता (हिंदी)

    "स्वामी विवेकानंद जैसा उन्हें देखा" सिस्टर निवेदिता (मार्गरेट नोबल) द्वारा लिखित एक प्रेरणादायक पुस्तक है, जिसमें उन्होंने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व, विचारों और आदर्शों को उनके निकटतम शिष्य की दृष्टि से प्रस्तुत किया है।

    यह पुस्तक स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व के अनछुए पहलुओं, उनकी आध्यात्मिक गहराई और भारत के प्रति उनके प्रेम को उजागर करती है।

    पुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ (हिंदी):

    व्यक्तिगत संस्मरण – सिस्टर निवेदिता द्वारा स्वामी विवेकानंद के साथ बिताए गए अनुभवों का संकलन।
    विचार और शिक्षाएँ – उनके आध्यात्मिक ज्ञान, राष्ट्रभक्ति और भारत के पुनर्जागरण के विचारों का वर्णन।
    स्वामी विवेकानंद का व्यक्तित्व – उनकी करुणा, अनुशासन, हास्य-प्रवृत्ति और नेतृत्व क्षमता पर प्रकाश।
    भारत और विश्व के लिए उनका संदेश – कैसे उन्होंने भारतीय संस्कृति और वेदांत को पश्चिम में फैलाया
    प्रेरणादायक पुस्तक – स्वामी विवेकानंद के विचारों से जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का मार्गदर्शन

  • Flashes from Sri Ramakrishna" is a collection of profound spiritual teachings, parables, and insights from Sri Ramakrishna Paramahamsa, one of India's most revered mystics and spiritual masters. The book presents his wisdom in short, illuminating passages that capture his unique way of expressing deep spiritual truths in a simple and relatable manner.

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