सुंदरकांड/ Sundarakand

22.00

 सुंदर कांडा (सुंदर कांड), शाब्दिक रूप से “सुंदर एपिसोड / पुस्तक”, गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित हिंदू महाकाव्य रामचरितमानस का पांचवां अध्याय है। इसमें हनुमान के कारनामों को दर्शाया गया है। मूल सुंदर कांड संस्कृत में है और इसकी रचना वाल्मीकि ने की थी, जिन्होंने सबसे पहले रामायण को लिपिबद्ध किया था। सुंदर कांड रामायण का एकमात्र अध्याय है जिसमें नायक राम नहीं, बल्कि हनुमान हैं। पाठ में हनुमान की निस्वार्थता, शक्ति और राम के प्रति समर्पण पर जोर दिया गया है। हनुमान को उनकी मां अंजनी ने प्यार से सुंदर कहा था और ऋषि वाल्मीकि ने इस नाम को दूसरों के ऊपर चुना क्योंकि यह कांड मुख्य रूप से हनुमान की लंका की यात्रा से संबंधित है।

Description

 सुंदर कांडा (सुंदर कांड), शाब्दिक रूप से “सुंदर एपिसोड / पुस्तक”, गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित हिंदू महाकाव्य रामचरितमानस का पांचवां अध्याय है। इसमें हनुमान के कारनामों को दर्शाया गया है। मूल सुंदर कांड संस्कृत में है और इसकी रचना वाल्मीकि ने की थी, जिन्होंने सबसे पहले रामायण को लिपिबद्ध किया था। सुंदर कांड रामायण का एकमात्र अध्याय है जिसमें नायक राम नहीं, बल्कि हनुमान हैं। पाठ में हनुमान की निस्वार्थता, शक्ति और राम के प्रति समर्पण पर जोर दिया गया है। हनुमान को उनकी मां अंजनी ने प्यार से सुंदर कहा था और ऋषि वाल्मीकि ने इस नाम को दूसरों के ऊपर चुना क्योंकि यह कांड मुख्य रूप से हनुमान की लंका की यात्रा से संबंधित है।

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