सब जग ईश्वररूप है/Sab Jag Ishwar Roop Hai

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परमेश्वर वह सर्वोच्च परालौकिक शक्ति है जिसे इस संसार का सृष्टा और शासक माना जाता है। हिन्दी में ईश्वर को भगवान, या परमात्मा भी कहते हैं। अधिकतर धर्मों में परमेश्वर की परिकल्पना व्रह्माण्ड की संरचना करने वाले से जुड़ी हुई है। संस्कृत की ईश् धातु का अर्थ है- नियंत्रित करना और इस पर वरच् प्रत्यय लगाकर यह शब्द बना है। इस प्रकार मूल रूप में यह शब्द नियंता के रूप में प्रयुक्त हुआ है। इसी धातु से समानार्थी शब्द ईश व ईशिता बने हैं।

ईश्वर सर्वव्यापी है, मानो तो संसार मे हर जगह,कण-कण में ईश्वर है। ईश्वर एक विश्वास है , आशा है, मन है ,शांति भी है ।

Description

परमेश्वर वह सर्वोच्च परालौकिक शक्ति है जिसे इस संसार का सृष्टा और शासक माना जाता है। हिन्दी में ईश्वर को भगवान, या परमात्मा भी कहते हैं। अधिकतर धर्मों में परमेश्वर की परिकल्पना व्रह्माण्ड की संरचना करने वाले से जुड़ी हुई है। संस्कृत की ईश् धातु का अर्थ है- नियंत्रित करना और इस पर वरच् प्रत्यय लगाकर यह शब्द बना है। इस प्रकार मूल रूप में यह शब्द नियंता के रूप में प्रयुक्त हुआ है। इसी धातु से समानार्थी शब्द ईश व ईशिता बने हैं।

ईश्वर सर्वव्यापी है, मानो तो संसार मे हर जगह,कण-कण में ईश्वर है। ईश्वर एक विश्वास है , आशा है, मन है ,शांति भी है ।

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