सत्संग-सुधा/ Satsang Sudha

40.00

इस पुस्तकमें प्रकाशित लेख हमारे एक अति निकटस्थ ऐसे साधुके द्वारा बड़े आग्रह करनेपर लिखे गये हैं, जो अपना नाम प्रकट नहीं करना चाहते । लेखोंमें   भगवान्के विश्वास   की बड़ी ही महत्वपूर्ण बातें हैं । इनसे पाठकोंको विशेष लाभ उठाना चाहिये ।

श्री हनुमानप्रसाद जी पोद्दार के गुणग्राही मनोवृत्तिद्वारा संगृहीत एक भगवत्कृपा-पथ-पथिक साधु के राग-द्वेष को शिथिल करने वाले तथा भगवद्विश्वास की वृद्धि करने वाले अनेक आध्यात्मिक विषयों पर शोधपूर्ण विचारों का अनुपम संग्रह।

एक धार्मिक विद्वान एक प्रवचन देता है कि कैसे आत्म-परिवर्तन और सकारात्मकता किसी के जीवन को समृद्ध कर सकती है और शुद्ध सुख और अपार शांति प्राप्त करने में मदद कर सकती है।

Description

इस पुस्तकमें प्रकाशित लेख हमारे एक अति निकटस्थ ऐसे साधुके द्वारा बड़े आग्रह करनेपर लिखे गये हैं, जो अपना नाम प्रकट नहीं करना चाहते । लेखोंमें   भगवान्के विश्वास   की बड़ी ही महत्वपूर्ण बातें हैं । इनसे पाठकोंको विशेष लाभ उठाना चाहिये ।

श्री हनुमानप्रसाद जी पोद्दार के गुणग्राही मनोवृत्तिद्वारा संगृहीत एक भगवत्कृपा-पथ-पथिक साधु के राग-द्वेष को शिथिल करने वाले तथा भगवद्विश्वास की वृद्धि करने वाले अनेक आध्यात्मिक विषयों पर शोधपूर्ण विचारों का अनुपम संग्रह।

एक धार्मिक विद्वान एक प्रवचन देता है कि कैसे आत्म-परिवर्तन और सकारात्मकता किसी के जीवन को समृद्ध कर सकती है और शुद्ध सुख और अपार शांति प्राप्त करने में मदद कर सकती है।

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