Description
प्राचीनतम मौखिक कथाओं एवं पवित्र ग्रंथों पर आधारित भगवान कृष्ण, जो हिन्दू देवताओं में सर्वाधिक प्रिय मने जाते हैं, को अनेक रूपों में दर्शाया गया है. वे दिव्या बालक, नटखट, आदर्श प्रेमी, विश्व नायक, विलक्षण शासक और ईश-स्वरूप हैं. इस पुस्तक में भगवान कृष्ण के अवतार जीवन को समग्रता के साथ प्रस्तुत किया है.
भगवद पुराण, भगवद गीता, महाभारत और भारत की मौखिक परंपराओं द्वारा, कृष्ण के जीवन की अनेक कथाओं का वर्णन किया है. इनमें कारागृह में कृष्ण का जन्म, वृंदावन ने उनके बचपन के नटखट दिन, द्वारका में उनका विलक्षण शासनकाल तथा कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत युद्ध में वीर अर्जुन के गुरु और सारथी की भूमिका में उनका शक्तिशाली रूप प्रमुख हैं. कृष्ण किस प्रकार महायोगी, नटखट प्रेमी और दैवी शासक के अदभुत गुणों को समाहित करते हुए दर्शाया है कि कृष्ण के जीवन की कथाओं में उत्कृष्ट सादगी एवं परिहास की अभिव्यक्ति कुछ इस तरह हुई है कि सभी – पुरुष, स्त्री अथवा बालक – भगवान कृष्ण के उपदेशों में छिपे ज्ञान को आत्मसात कर सकते हैं.
यह मनुष्य के रूप में परमात्मा की कथा है, जिसके चिंतन द्वारा श्री कृष्ण का दिया ज्ञान, अंतर्मन को आलोकित कर सकता है
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