शतनामस्तोत्रसग्रह /Shatnnam Stotra Sangrah

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श्रवण मास में भोलेनाथ शंकर की सादगी का वर्णन करने से ‍शिव प्रसन्न होते हैं। शिव के इस महिम्न स्तोत्रम् में शिव के दिव्य स्वरूप एवं उनकी सादगी का वर्णन है। इस महिम्न स्तोत्र के पीछे अनूठी और सुंदर कथा प्रचलित है।

“शतनामस्तोत्र” एक प्रसिद्ध हिन्दू धार्मिक पाठ है, जिसमें भगवान के विभिन्न नामों की महिमा और महत्त्व का वर्णन किया गया है। यह पाठ विभिन्न पुराणों, शास्त्रों और ग्रंथों में उपलब्ध है और इसे ध्यान, भक्ति और आध्यात्मिक साधना के रूप में पढ़ा जाता है। इसमें भगवान के नामों की गुणों का विस्तृत वर्णन किया गया है और इसका पाठ करने से अनेक साधकों को आध्यात्मिक शक्ति और आनंद मिलता है।

“शतनामस्तोत्रसग्रह” का अर्थ होता है “शतनामस्तोत्रों का संग्रह”। यह एक संग्रह होता है जिसमें विभिन्न पुराणों, ग्रंथों, और शास्त्रों से लिए गए अनेक शतनामस्तोत्रों का समावेश होता है। यह संग्रह भक्तों को एक ही स्थान पर विभिन्न भगवानों के नामों की शक्ति का अनुभव करने की सुविधा प्रदान करता है।

शतनामस्तोत्रसग्रह में कई भगवानों के विभिन्न नामों की स्तुति की गई होती है, जिसमें विष्णु, शिव, दुर्गा, सूर्य, गणेश, लक्ष्मी, कृष्ण, राम, हनुमान, सरस्वती, और अन्य देवी-देवताओं के नाम शामिल होते हैं। इन नामों का जाप, पाठ या सुनने से भक्त अपने आत्मिक और मानसिक स्थिति को उन्नति देते हैं और आनंद महसूस करते हैं।

 

Description

श्रवण मास में भोलेनाथ शंकर की सादगी का वर्णन करने से ‍शिव प्रसन्न होते हैं। शिव के इस महिम्न स्तोत्रम् में शिव के दिव्य स्वरूप एवं उनकी सादगी का वर्णन है। इस महिम्न स्तोत्र के पीछे अनूठी और सुंदर कथा प्रचलित है।

“शतनामस्तोत्र” एक प्रसिद्ध हिन्दू धार्मिक पाठ है, जिसमें भगवान के विभिन्न नामों की महिमा और महत्त्व का वर्णन किया गया है। यह पाठ विभिन्न पुराणों, शास्त्रों और ग्रंथों में उपलब्ध है और इसे ध्यान, भक्ति और आध्यात्मिक साधना के रूप में पढ़ा जाता है। इसमें भगवान के नामों की गुणों का विस्तृत वर्णन किया गया है और इसका पाठ करने से अनेक साधकों को आध्यात्मिक शक्ति और आनंद मिलता है।

“शतनामस्तोत्रसग्रह” का अर्थ होता है “शतनामस्तोत्रों का संग्रह”। यह एक संग्रह होता है जिसमें विभिन्न पुराणों, ग्रंथों, और शास्त्रों से लिए गए अनेक शतनामस्तोत्रों का समावेश होता है। यह संग्रह भक्तों को एक ही स्थान पर विभिन्न भगवानों के नामों की शक्ति का अनुभव करने की सुविधा प्रदान करता है।

शतनामस्तोत्रसग्रह में कई भगवानों के विभिन्न नामों की स्तुति की गई होती है, जिसमें विष्णु, शिव, दुर्गा, सूर्य, गणेश, लक्ष्मी, कृष्ण, राम, हनुमान, सरस्वती, और अन्य देवी-देवताओं के नाम शामिल होते हैं। इन नामों का जाप, पाठ या सुनने से भक्त अपने आत्मिक और मानसिक स्थिति को उन्नति देते हैं और आनंद महसूस करते हैं।

 

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