Description
आत्मनियन्त्रण एवं आत्मपरिष्कार के द्वारा स्वयं को पूर्ण विकसित फूल के रूप में परिष्कृत कर के सज्जनता सद्व्यवहार की दिव्य सुगन्धि से जगत को सुवासित कर देना सच्ची मानवता है। यह पुस्तक मनुष्य के जीवन का परिष्कार कर के अनेक सद्गुणों से अलंकृत करने वाले डॉ. रामचरण महेन्द्र के अनेक शोधपूर्ण विचारों का अनुपम संग्रह है।
Additional information
Weight | 0.2 g |
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