Description
भगवत में प्रेम के बारे में कुछ बातें:
- भगवत में प्रेम को विशुद्ध प्रेमशास्त्र माना गया है.
- भगवत में बताया गया है कि प्रेम एक साधन है जिससे ईश्वर प्रकट होते हैं.
- भगवत में बताया गया है कि प्रेम एक ऐसा अनुभव है जो हमारे मन, शरीर, और आत्मा को एक-दूसरे के करीब लाता है.
- भगवत में बताया गया है कि प्रेम में विश्वास, समर्पण, सम्मान, और सहानुभूति होती है.
- भगवत में बताया गया है कि प्रेम एक गहरा और निस्वार्थिक भावना है जो हमें दूसरों के प्रति समर्पित करती है.
- भगवत में बताया गया है कि प्रेम में त्याग हो और स्वार्थ की भावना न हो.
- भगवत में बताया गया है कि प्रेम किसी को पाना नहीं बल्कि उसमें खो जाना है.
- भगवत में बताया गया है कि प्रेम वही है जो हमारे मन को आनंद देता है, जो दूसरों के प्रति ख्याल रखता है, और जो हमें एकरूप बनाता है.
- भगवत में बताया गया है कि जो व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से नि:स्वार्थ भावना से प्रेम करता है, तो ऐसा प्रेम सच्चा माना जाता है.
- भगवत में बताया गया है कि जो लोग स्वार्थ की भावना से किसी व्यक्ति को प्रेम करते हैं, तो ऐसा प्रेम सच्चा प्रेम नहीं होता
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