Description
प्रस्तुत पुस्तक में भक्त-श्रेष्ठ हनुमान जी की विभिन्न लीलाओं का वाल्मीकीय रामायण, अध्यात्म रामायण, ब्रह्माण्ड पुराण तथा पद्म पुराण के आधार पर बड़ा ही सुन्दर और सरस चित्रण किया गया है। पं. श्री शान्तनुविहारीजी द्विवेदी ने कृपापूर्वक इस काम को स्वीकार कर लिया और उसी के फलस्वरूप यह ‘आदर्श चरितमाला’ का प्रथम पुष्प ‘भक्तराज हनुमान‘ आपके हाथों में है।
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