Description
प्यार की भावना इंसान की सबसे बेहतरीन पहचान होती है। प्रेम ही इस ब्रह्मांड में ईश्वर की वास्तविक पहचान है। पुस्तक श्री वियोगी हरि द्वारा लिखित हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाइयों के बीच आपसी प्रेम के सिद्धांतों पर आधारित है। पुस्तक में विभिन्न प्रकार के प्रेम हैं जैसे अनन्य और अविभाजित प्रेम, लगाव और प्रेम, सांसारिक और अन्य सांसारिक प्रेम, दासता से भरा प्रेम, परोपकारी प्रेम, भाईचारा प्रेम आदि। पुस्तक दैनिक पढ़ने के योग्य है।
Additional information
Weight | 0.2 g |
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