Description
यह पुस्तक ब्रह्मलीन श्री जयदयाल जी गोयन्दका द्वारा भक्ति के स्वरूप, भक्तों के लक्षण, नाम-जप, श्रद्धा, प्रेम, शरणागति इत्यादि अनेक विषयों पर सरल भाषा में विशद विश्लेषण है।
यह पुस्तक ब्रह्मलीन श्री जयदयाल जी गोयन्दका द्वारा भक्ति के स्वरूप, भक्तों के लक्षण, नाम-जप, श्रद्धा, प्रेम, शरणागति इत्यादि अनेक विषयों पर सरल भाषा में विशद विश्लेषण है।
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