Description
इस संसारमें सभी सरायके मुसाफिर हैं, थोड़ी देरके लिए एक जगह टिके हैं, सभीको समयपर यहाँसे चल देना है, घर-मकान किसीका नहीं है, फिर इनके लिए किसीसे लड़ना क्यों चाहिए ?
जगतमें जड़ कुछ भी नहीं है, हमारी जड़वृत्ति ही हमें जड़के दर्शन करा रही है, असलमें तो जहाँ देखो, वहीं वह परम सुखस्वरूप नित्य चेतन भरा हुआ है! तुम-हम कोई उससे भिन्न नहीं! फिर दुःख क्यों पा रहे हो? सर्वदा-सर्वदा निजानन्दमें निमग्न रहो!
जगतमें जड़ कुछ भी नहीं है, हमारी जड़वृत्ति ही हमें जड़के दर्शन करा रही है, असलमें तो जहाँ देखो, वहीं वह परम सुखस्वरूप नित्य चेतन भरा हुआ है! तुम-हम कोई उससे भिन्न नहीं! फिर दुःख क्यों पा रहे हो? सर्वदा-सर्वदा निजानन्दमें निमग्न रहो!
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