अष्टविनायक/ Astavinayak

30.00

अष्टविनायक गीता प्रेस, गोरखपुर द्वारा प्रकाशित एक संक्षिप्त और सारगर्भित पुस्तक है, जो महाराष्ट्र के आठ प्रमुख गणेश मंदिरों की पौराणिक कथाओं, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और धार्मिक महत्व को प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक उन श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो अष्टविनायक यात्रा की योजना बना रहे हैं या भगवान गणेश के इन आठ स्वरूपों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं।


🛕 अष्टविनायक मंदिरों की सूची:

  1. मयूरेश्वर (मोरेश्वर), मोरगांव

    • यह अष्टविनायक यात्रा का प्रारंभिक और अंतिम मंदिर है।

  2. सिद्धिविनायक, सिद्धटेक

    • भीमा नदी के किनारे स्थित, यह मंदिर सिद्धियों के दाता गणेश को समर्पित है।

  3. बल्लाळेश्वर, पाली

    • यह मंदिर भगवान गणेश के भक्त बल्लाल की कथा से जुड़ा है।

  4. वरदविनायक, महड

    • यहां भक्तों को स्वयं मूर्ति के समीप जाकर पूजा करने की अनुमति है।

  5. चिंतामणि, थेऊर

    • यह मंदिर चिंताओं को हरने वाले गणेश जी को समर्पित है।

  6. गिरिजात्मज, लेण्याद्री

    • यह एकमात्र अष्टविनायक मंदिर है जो एक पर्वत की गुफा में स्थित है।

  7. विघ्नेश्वर, ओझर

    • यह मंदिर विघ्नों को दूर करने वाले गणेश जी को समर्पित है।

  8. महागणपति, रांजणगांव

    • यहां भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध करने से पूर्व गणेश जी की आराधना की थी।                                                                                                                             

      📚 पुस्तक की विशेषताएँ:

      • संक्षिप्त और सरल भाषा में लिखी गई, जिससे सभी आयु वर्ग के पाठक इसे आसानी से समझ सकते हैं।

      • प्रत्येक मंदिर की कथा, इतिहास और महत्व को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है।

      • यात्रा की योजना बनाने वाले श्रद्धालुओं के लिए मार्गदर्शिका के रूप में उपयोगी।

Description

अष्टविनायक गीता प्रेस, गोरखपुर द्वारा प्रकाशित एक संक्षिप्त और सारगर्भित पुस्तक है, जो महाराष्ट्र के आठ प्रमुख गणेश मंदिरों की पौराणिक कथाओं, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और धार्मिक महत्व को प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक उन श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो अष्टविनायक यात्रा की योजना बना रहे हैं या भगवान गणेश के इन आठ स्वरूपों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं।


🛕 अष्टविनायक मंदिरों की सूची:

  1. मयूरेश्वर (मोरेश्वर), मोरगांव

    • यह अष्टविनायक यात्रा का प्रारंभिक और अंतिम मंदिर है।

  2. सिद्धिविनायक, सिद्धटेक

    • भीमा नदी के किनारे स्थित, यह मंदिर सिद्धियों के दाता गणेश को समर्पित है।

  3. बल्लाळेश्वर, पाली

    • यह मंदिर भगवान गणेश के भक्त बल्लाल की कथा से जुड़ा है।

  4. वरदविनायक, महड

    • यहां भक्तों को स्वयं मूर्ति के समीप जाकर पूजा करने की अनुमति है।

  5. चिंतामणि, थेऊर

    • यह मंदिर चिंताओं को हरने वाले गणेश जी को समर्पित है।

  6. गिरिजात्मज, लेण्याद्री

    • यह एकमात्र अष्टविनायक मंदिर है जो एक पर्वत की गुफा में स्थित है।

  7. विघ्नेश्वर, ओझर

    • यह मंदिर विघ्नों को दूर करने वाले गणेश जी को समर्पित है।

  8. महागणपति, रांजणगांव

    • यहां भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध करने से पूर्व गणेश जी की आराधना की थी।                                                                                                                             

      📚 पुस्तक की विशेषताएँ:

      • संक्षिप्त और सरल भाषा में लिखी गई, जिससे सभी आयु वर्ग के पाठक इसे आसानी से समझ सकते हैं।

      • प्रत्येक मंदिर की कथा, इतिहास और महत्व को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है।

      • यात्रा की योजना बनाने वाले श्रद्धालुओं के लिए मार्गदर्शिका के रूप में उपयोगी।

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