Description
इस पुस्तककी उपादेयताके विषयमें इतना ही कहना पर्याप्त होगा कि यह परम श्रद्धेय श्रीजयदयालजी गोयन्दकाद्वारा रचित तत्त्व चिन्तामणि नामक पुस्तक के तीसरे भाग की एक किरण है ।
यह 172 पेज की किताब हिंदी में है . यह किताब आपकी ज़िन्दगी के लिए बहुत ही उत्तम सबित होगी
आपकी जिदगी में किसी भी तरह की परेशानी में यह किताब आपकी मदद करेगी. यह किताब सभी
हिन्दू भाईओ और बहनों को अपनी संस्कृति से जोड़ने के लिए एक रास्ता दिखाएगी . इस किताब में हम क्या है, हमारे कर्तव्य क्या है, इश्वर महिमा, इश्वर में विश्वास, शिव तत्व , शक्ति का रहस्य, भगवत प्राप्ति के उपाय और इसके इलावा कई गुप्त सूत्रों का समावेश है . मुझे सम्पुरण यकीन है की इस किताब के अद्ययन से आपको ज़िन्दगी में एक नई दिशा मिलेगी .
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