हम कैसे रहें?/ Ham Kaise Rahen?

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“हम कैसे रहें?” नामक यह लघु पुस्तक जीवन को धर्मानुकूल, सरल, नैतिक और संतुलित रूप से जीने की कला सिखाती है। इसमें यह बताया गया है कि मनुष्य को अपने आचार-विचार, व्यवहार और जीवन शैली को किस प्रकार ढालना चाहिए जिससे उसका जीवन न केवल सुखी हो, बल्कि समाज, राष्ट्र और आत्मा के हित में भी हो।

इस पुस्तक में विशेष रूप से इन बातों पर बल दिया गया है:

  • जीवन में सदाचार का महत्व

  • संयमित और सात्त्विक जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा

  • दूसरों के साथ व्यवहार में करुणा, सेवा और सत्य की भावना

  • धर्म, ज्ञान और भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा

  • ग्रामीण, संत, राजा, सेवक आदि के संवाद द्वारा नैतिक शिक्षाएं

इसका चित्रात्मक कवर पृष्ठ भी संदेश देता है कि समाज के विभिन्न वर्गों (राजा, ऋषि, ग्रामीण, पशु आदि) को धर्म, सेवा और संयम के मार्ग पर रहना चाहिए।

उपयुक्त पाठकों के लिए:

यह पुस्तक विशेष रूप से विद्यार्थियों, गृहस्थों, और समाज सुधार की भावना रखने वालों के लिए अत्यंत उपयोगी है। सरल भाषा में गहन संदेश देने वाली यह पुस्तक प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में मार्गदर्शक सिद्ध हो सकती है।

Description

“हम कैसे रहें?” नामक यह लघु पुस्तक जीवन को धर्मानुकूल, सरल, नैतिक और संतुलित रूप से जीने की कला सिखाती है। इसमें यह बताया गया है कि मनुष्य को अपने आचार-विचार, व्यवहार और जीवन शैली को किस प्रकार ढालना चाहिए जिससे उसका जीवन न केवल सुखी हो, बल्कि समाज, राष्ट्र और आत्मा के हित में भी हो।

इस पुस्तक में विशेष रूप से इन बातों पर बल दिया गया है:

  • जीवन में सदाचार का महत्व

  • संयमित और सात्त्विक जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा

  • दूसरों के साथ व्यवहार में करुणा, सेवा और सत्य की भावना

  • धर्म, ज्ञान और भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा

  • ग्रामीण, संत, राजा, सेवक आदि के संवाद द्वारा नैतिक शिक्षाएं

इसका चित्रात्मक कवर पृष्ठ भी संदेश देता है कि समाज के विभिन्न वर्गों (राजा, ऋषि, ग्रामीण, पशु आदि) को धर्म, सेवा और संयम के मार्ग पर रहना चाहिए।

उपयुक्त पाठकों के लिए:

यह पुस्तक विशेष रूप से विद्यार्थियों, गृहस्थों, और समाज सुधार की भावना रखने वालों के लिए अत्यंत उपयोगी है। सरल भाषा में गहन संदेश देने वाली यह पुस्तक प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में मार्गदर्शक सिद्ध हो सकती है।

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