सुखी होने के उपाय/ Sukhi hone ke Upaya

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सुखी होने के उपाय एक अत्यंत प्रेरक और मार्गदर्शक पुस्तक है, जिसे महान साहित्यकार और संत-हृदय व्यक्तित्व श्री हनुमानप्रसाद पोद्दार जी ने लिखा है। इस पुस्तक में जीवन को सच्चे अर्थों में सुखी, शांतिपूर्ण और संतुलित बनाने के लिए व्यावहारिक, आध्यात्मिक और नैतिक उपाय बताए गए हैं।

यह पुस्तक भारतीय जीवन-दर्शन के उन सिद्धांतों पर आधारित है जो मनुष्य को केवल भौतिक ही नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक सुख की ओर भी ले जाते हैं।


🕉️ मुख्य विषय-वस्तु:

  • सुख की वास्तविक परिभाषा क्या है?

  • आत्म-संयम और संतोष का महत्व

  • सेवा, दया, करुणा और प्रेम द्वारा सुख की प्राप्ति

  • धर्म, संयम और नैतिकता का पालन

  • गृहस्थ जीवन में सुख बनाए रखने के उपाय

  • क्रोध, लोभ, ईर्ष्या जैसे दुर्गुणों से बचने की विधियाँ

  • सत्संग, जप, ध्यान, पूजा आदि का जीवन में प्रभाव


विशेषताएँ:

  • सरल भाषा में गूढ़ जीवन सत्य समझाए गए हैं।

  • हर वर्ग के पाठकों के लिए उपयोगी—गृहस्थ, विद्यार्थी, वृद्ध आदि।

  • भारतीय संस्कृति और जीवन-मूल्यों को केंद्र में रखकर लिखा गया है।

  • शाश्वत सुख की ओर प्रेरित करने वाली गहन विचारधारा।


📖 उद्देश्य:

पुस्तक का मूल उद्देश्य यह है कि वर्तमान भौतिकवादी युग में जब व्यक्ति बाहरी साधनों में सुख खोज रहा है, उसे यह बताया जाए कि स्थायी सुख का स्रोत हमारे ही भीतर है। आत्म-चिंतन, सेवा, धर्म और भक्ति द्वारा जीवन में सच्चा सुख प्राप्त किया जा सकता है।

Description

सुखी होने के उपाय एक अत्यंत प्रेरक और मार्गदर्शक पुस्तक है, जिसे महान साहित्यकार और संत-हृदय व्यक्तित्व श्री हनुमानप्रसाद पोद्दार जी ने लिखा है। इस पुस्तक में जीवन को सच्चे अर्थों में सुखी, शांतिपूर्ण और संतुलित बनाने के लिए व्यावहारिक, आध्यात्मिक और नैतिक उपाय बताए गए हैं।

यह पुस्तक भारतीय जीवन-दर्शन के उन सिद्धांतों पर आधारित है जो मनुष्य को केवल भौतिक ही नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक सुख की ओर भी ले जाते हैं।


🕉️ मुख्य विषय-वस्तु:

  • सुख की वास्तविक परिभाषा क्या है?

  • आत्म-संयम और संतोष का महत्व

  • सेवा, दया, करुणा और प्रेम द्वारा सुख की प्राप्ति

  • धर्म, संयम और नैतिकता का पालन

  • गृहस्थ जीवन में सुख बनाए रखने के उपाय

  • क्रोध, लोभ, ईर्ष्या जैसे दुर्गुणों से बचने की विधियाँ

  • सत्संग, जप, ध्यान, पूजा आदि का जीवन में प्रभाव


विशेषताएँ:

  • सरल भाषा में गूढ़ जीवन सत्य समझाए गए हैं।

  • हर वर्ग के पाठकों के लिए उपयोगी—गृहस्थ, विद्यार्थी, वृद्ध आदि।

  • भारतीय संस्कृति और जीवन-मूल्यों को केंद्र में रखकर लिखा गया है।

  • शाश्वत सुख की ओर प्रेरित करने वाली गहन विचारधारा।


📖 उद्देश्य:

पुस्तक का मूल उद्देश्य यह है कि वर्तमान भौतिकवादी युग में जब व्यक्ति बाहरी साधनों में सुख खोज रहा है, उसे यह बताया जाए कि स्थायी सुख का स्रोत हमारे ही भीतर है। आत्म-चिंतन, सेवा, धर्म और भक्ति द्वारा जीवन में सच्चा सुख प्राप्त किया जा सकता है।

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