Description
“सती द्रौपदी” एक प्रेरणादायक धार्मिक ग्रंथ है, जो महाभारत की महान और विलक्षण नारी द्रौपदी के जीवन, चरित्र, त्याग, बल, सहनशीलता और भक्ति को उजागर करता है। यह पुस्तक नारी के आदर्श रूप की प्रस्तुति है, जो प्रत्येक स्त्री को अपने धर्म, कर्तव्य और आत्मबल के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।
द्रौपदी का चरित्र – शक्ति और सतीत्व का प्रतीक:
द्रौपदी केवल पांचाल की राजकुमारी या पांच पांडवों की पत्नी ही नहीं थीं, बल्कि वे भारतीय नारी की गरिमा, धर्मनिष्ठा और साहस की प्रतिमूर्ति थीं। उनका संपूर्ण जीवन विपत्तियों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने कभी अपने धर्म, स्वाभिमान और आदर्शों से समझौता नहीं किया।
पुस्तक में द्रौपदी के जीवन के मुख्य प्रसंगों को चित्रात्मक शैली में प्रस्तुत किया गया है – जैसे:
-
स्वयंवर की घटना
-
कौरव सभा में चीरहरण और श्रीकृष्ण की कृपा
-
वनवास और कठिन जीवन
-
श्रीकृष्ण के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति
-
महाभारत युद्ध से पूर्व की घटनाएँ
-
नारी-धर्म की रक्षा में उनकी भूमिका
मुख्य विशेषताएँ:
-
चरित्र निर्माण की प्रेरणा:
द्रौपदी का चरित्र आधुनिक युग की स्त्रियों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने अत्याचार सहकर भी असत्य, अन्याय और अधर्म के विरुद्ध आवाज उठाई। यह पुस्तक यही सिखाती है कि नारी को आत्मबल और ईश्वर-भक्ति के साथ अपने धर्म का पालन करना चाहिए। -
भक्ति और आस्था:
द्रौपदी की कृष्णभक्ति अद्भुत थी। संकट के समय उन्होंने श्रीकृष्ण का आह्वान किया और श्रीकृष्ण ने उनकी रक्षा की। यह प्रसंग पाठकों में भगवान पर दृढ़ आस्था का संचार करता है। -
सरल भाषा और भावनात्मक प्रस्तुति:
पुस्तक में घटनाओं को बहुत ही सरल, हृदयस्पर्शी भाषा में प्रस्तुत किया गया है, जिससे पाठक सीधे कथा से जुड़ जाता है। भावनात्मक प्रभावशाली चित्र भी इसे रोचक बनाते हैं। -
आदर्श स्त्री जीवन का परिचय:
द्रौपदी अपने सतीत्व, शील, साहस, संयम और धर्मनिष्ठा के लिए जानी जाती हैं। यह पुस्तक उन्हें केवल ऐतिहासिक पात्र के रूप में नहीं, बल्कि एक जीवंत आदर्श के रूप में प्रस्तुत करती है।
उपयोगिता:
-
यह पुस्तक विशेषकर स्त्रियों के लिए एक आत्मबल बढ़ाने वाली मार्गदर्शिका के रूप में अत्यंत उपयोगी है।
-
विद्यालयों और महाविद्यालयों में नैतिक शिक्षा के संदर्भ में यह अत्यंत उपयुक्त सामग्री है।
-
धार्मिक प्रवचन, कथा वाचन एवं पाठ के लिए भी यह पुस्तक बहुपयोगी है।
-
युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और आदर्श नारीत्व की शिक्षा देने हेतु अनिवार्य ग्रंथ।
निष्कर्ष:
“सती द्रौपदी” एक ऐसी पुस्तक है जो भारतीय नारी के गौरवशाली स्वरूप को साकार करती है। यह केवल एक कथा नहीं, बल्कि धर्म, साहस, नारी-गरिमा और ईश्वर-भक्ति का अमर संदेश है। गीता प्रेस की यह रचना हर उस पाठक के लिए उपयोगी है जो भारतीय संस्कृति और स्त्री चरित्र की महानता को समझना और अपनाना चाहता है।
Additional information
Weight | 0.3 g |
---|
Reviews
There are no reviews yet.