Description
श्रीसत्यनारायण व्रत का वर्णन देवर्षि नारद जी के पूछने पर स्वयं भगवान विष्णु ने अपने मुख से किया है. एक बार योगी नारद जी ने भ्रमण करते हुए मृत्युलोक के प्राणियों को अपने-अपने कर्मों के अनुसार तरह-तरह के दुखों से परेशान होते देखा. … ‘
इस पुस्तक में भगवान् सत्यनारायण के पूजन-विधि के साथ स्कन्दपुराण से उद्धृत सत्यनारायण-व्रत-कथा को भावार्थ सहित दिया गया है। पुस्तक के अन्त में हवन-विधि तथा आरती दी गयी है।
Additional information
Weight | 0.2 g |
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