Description
“भगवन्नाम-महात्म्य” एक दिव्य और अत्यंत उपयोगी पुस्तक है, जो भगवन्नाम (ईश्वर के नाम) के जप, स्मरण और महिमा पर केन्द्रित है। इसमें विशेष रूप से 28860 बार नाम-जप का विधान बताया गया है, जिससे पाठक न केवल नामस्मरण की महत्ता को समझता है, बल्कि व्यवस्थित रूप से भगवान का नाम लेने का अभ्यास भी प्राप्त करता है।
इस पुस्तक में मुख्य रूप से “राम नाम” की महिमा को वर्णित किया गया है, जैसा कि कवर पर बार-बार लिखा गया है:
🔁 “राम राम राम राम राम…”
इसके साथ ही इसमें अन्य भगवन्नामों की भी व्याख्या, जप विधि, लाभ और महिमा से संबंधित शास्त्रीय प्रमाण, संतों के अनुभव, और साधकों के लिए उपयोगी निर्देश दिए गए हैं।
🪔 मुख्य विषय-वस्तु:
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भगवन्नाम की महिमा:
शास्त्रों, संतों और अनुभवों के आधार पर भगवान के नाम के जप की महत्ता – जैसे कि कलियुग में केवल नाम-जप से मोक्ष संभव है। -
रामनाम की शक्ति:
राम नाम को विशेष रूप से “मोक्षदायक”, “पापनाशक” और “भवसागर से पार लगाने वाला” बताया गया है। -
28860 नाम-जप का विधान:
यह विशेष संख्या किस प्रकार साधक को दैनिक रूप से जप करने में मार्गदर्शन देती है — इसका सारणीबद्ध तरीका भी इसमें हो सकता है। -
जप की विधियाँ और नियम:
मानसिक, वाचिक (बोलकर) और उपांशु (धीरे-धीरे) जप के भेद, साथ ही समय, आसन, नियम आदि का वर्णन। -
संतों के कथन एवं अनुभव:
तुलसीदास, नामदेव, एकनाथ, समर्थ रामदास आदि संतों द्वारा भगवन्नाम की प्रशंसा। -
शास्त्रीय आधार:
भगवन्नाम के समर्थन में श्रीमद्भागवत, नारद भक्ति सूत्र, पद्मपुराण आदि से संदर्भ।
✍️ पाठकों के लिए विशेष उपयोगिता:
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जो साधक नित्य जप-साधना करना चाहते हैं, उनके लिए यह पुस्तक एक व्यवस्थित सहायक है।
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जो लोग अपने जीवन में आध्यात्मिक शांति, चिंतन, और भक्ति लाना चाहते हैं, उनके लिए रामनाम-जप अत्यंत फलदायक बताया गया है।
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घरों में, मठों में, सत्संगों में इसका नियमित पाठ और जप-गणना की जा सकती है।
📖 पुस्तक का प्रभाव:
यह पुस्तक पाठक के भीतर एक भक्तिपूर्ण अनुशासन, नियंत्रण, और नाम-जप की स्थिरता विकसित करती है। जब कोई व्यक्ति दिन-प्रतिदिन नियमित रूप से नामजप करता है, तो उसका मन शांत, बुद्धि निर्मल और हृदय प्रभु-प्रेम से भर जाता है।
28860
Additional information
Weight | 0.2 g |
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