Description
श्री जयदयाल गोयंदका-गोरखपुर गीता प्रेस-वृंदावन रसिक वाणी पुस्तक भागवत प्रेम प्राप्ति के उपय बहुत ही उत्कृष्ट/कीमती पुस्तक है जो व्यवस्थित रूप से लिखी गई है। ज्ञान की एक बहुत ही अनोखी और व्यावहारिक व्यवस्था। एक व्यापक गाइड जो एक होना चाहिए। प्रत्येक इच्छुक और ईमानदार साधकों के लिए यह पुस्तक बहुत व्यापक रूप देती है। लेखन सघन है। यह पुस्तक अच्छी तरह से सोची-समझी, लिखित और विषय-वस्तु की समझ के साथ विकसित की गई है। इतनी अंतर्दृष्टिपूर्ण पुस्तक! अवश्य पढ़ें
भगवत्प्रेमका प्रभाव’, ‘स्वभाव सुधारनेके विषयमें चेतावनी’ एवं भगवान् भक्त और भजन-ध्यानके उच्चतम भाव ‘ आदि इसके कुछ ऐसे उल्लेखनीय विषय हैं, जो जिज्ञासुओं और साधकोंके लिये प्रेरणादायी और मार्गदर्शन करानेमें सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
आशा है, भगवत्प्रेमी महानुभावों और सभी वर्गके पाठक- पाठिकाओंके लिये यह पुस्तक उपयोगी सिद्ध होगी। हमारा यह सादर विनम्र अनुरोध है कि अधिकाधिक लोगोंको इससे विशेष लाभ उठाना चाहिये।
Additional information
Weight | 0.2 g |
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