भक्त सुधाकर/ Bhakt Sudhakar

25.00

यह संक्षिप्त भक्तचरितमालाका चौदहवाँ पुष्प है । इसमें भक्तोंके ऐसे विलक्षण चरित्र संग्रह किये गये हैं कि जिनको पढ़ते ही भालुक हृदयोंमें भगवद्विश्वास, भगवत् प्रीति, भक्ति, वैराग्य, सदाचार, दृढ़ श्रद्धा, परम सुख और शाश्वती शान्तिकी कल्याणकारिणी तरङ्गें उठने लगती हैं जो मनुष्यके सारे पाप तापोंको धोकर उसे मङ्गलमय भगवान्के चरणोंकी प्राप्ति करानेमें बड़ी सहायक होती हैं । आशा है, भारतके नर नारी इन पवित्र चरित्रोंको पढ़कर जीवनके असली लाभकी प्राप्तिके पथमें अग्रसर होंगे ।

प्रस्तुत पुस्तक में भक्त रामचन्द्र, भक्त लाखाजी, भक्त गोवर्धन, भक्त नवीनचन्द्र, भक्त स्वामी रामअवधदास आदि बारह भक्तों के ऐसे विलक्षण चरित्र संग्रह किये गये हैं, जिन्हें पढ़ते ही भावुक हृदय में भगवद्भक्ति एवं शाश्वती शान्ति की कल्याणकारिणी तरंगें उठने लगती हैं।

Description

यह संक्षिप्त भक्तचरितमालाका चौदहवाँ पुष्प है । इसमें भक्तोंके ऐसे विलक्षण चरित्र संग्रह किये गये हैं कि जिनको पढ़ते ही भालुक हृदयोंमें भगवद्विश्वास, भगवत् प्रीति, भक्ति, वैराग्य, सदाचार, दृढ़ श्रद्धा, परम सुख और शाश्वती शान्तिकी कल्याणकारिणी तरङ्गें उठने लगती हैं जो मनुष्यके सारे पाप तापोंको धोकर उसे मङ्गलमय भगवान्के चरणोंकी प्राप्ति करानेमें बड़ी सहायक होती हैं । आशा है, भारतके नर नारी इन पवित्र चरित्रोंको पढ़कर जीवनके असली लाभकी प्राप्तिके पथमें अग्रसर होंगे ।

प्रस्तुत पुस्तक में भक्त रामचन्द्र, भक्त लाखाजी, भक्त गोवर्धन, भक्त नवीनचन्द्र, भक्त स्वामी रामअवधदास आदि बारह भक्तों के ऐसे विलक्षण चरित्र संग्रह किये गये हैं, जिन्हें पढ़ते ही भावुक हृदय में भगवद्भक्ति एवं शाश्वती शान्ति की कल्याणकारिणी तरंगें उठने लगती हैं।

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