भक्त-सप्तरत्न/ Bhakt- Saptratn

22.00

“भगवान के भक्त हमेशा किसी भी देश, समय और संप्रदाय में पैदा हुए सम्मान और सम्मान के योग्य और योग्य होते हैं। दामाजी पंता, रघु  बोटमैन, कुबा कुम्हार, सालबेगा मोहम्मडन भक्त आदि ऐसे भक्तों की प्रेरक कहानियां। इस पुस्तक में सुंदर वर्णन किया गया है। इस पुस्तक को पढ़ने से ईश्वर के प्रति भक्ति की भावना जागृत होती है।”

Description

“भगवान के भक्त हमेशा किसी भी देश, समय और संप्रदाय में पैदा हुए सम्मान और सम्मान के योग्य और योग्य होते हैं। दामाजी पंता, रघु  बोटमैन, कुबा कुम्हार, सालबेगा मोहम्मडन भक्त आदि ऐसे भक्तों की प्रेरक कहानियां। इस पुस्तक में सुंदर वर्णन किया गया है। इस पुस्तक को पढ़ने से ईश्वर के प्रति भक्ति की भावना जागृत होती है।”

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