नवधा भक्ति/ Nabdha Bhakti

30.00

“नवधा भक्ति” पुस्तक प्रसिद्ध आध्यात्मिक लेखक जयदयाल गोयंदका जी द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो भगवान श्रीराम द्वारा शबरी को बताए गए भक्ति के नौ प्रकारों — जिन्हें “नवधा भक्ति” कहा जाता है — का सारगर्भित और गूढ़ विश्लेषण प्रस्तुत करता है। यह पुस्तक रामचरितमानस की उस अमर शिक्षा पर आधारित है जिसमें श्रीराम ने शबरी से कहा था:

“प्रथम भगति संतन्ह कर संगा।
दूसरि रति मम कथा प्रसंगा॥
तृती भजनु करि कपट तजि गाना।
चौथी भगति मम गुण गन करा ना॥”

इत्यादि।


🌿 नवधा भक्ति के नौ अंग:

  1. श्रवण – भगवान की कथा और गुणों को श्रवण करना

  2. कीर्तन – भगवन्नाम और लीला का कीर्तन करना

  3. स्मरण – भगवान का निरंतर स्मरण करना

  4. पादसेवन – प्रभु के चरणों की सेवा करना

  5. अर्चन – विग्रह या प्रतिमा की विधिपूर्वक पूजा करना

  6. वंदन – भगवान को नमस्कार अर्पित करना

  7. दास्य – स्वयं को भगवान का सेवक मानना

  8. साख्य – प्रभु को अपना सखा मानकर व्यवहार करना

  9. आत्मनिवेदन – सम्पूर्ण आत्मा का समर्पण कर देना


🔍 पुस्तक की विशेषताएँ:

  • सरल भाषा: पुस्तक अत्यंत सरल हिंदी में लिखी गई है, जिससे यह हर आयु वर्ग के पाठक के लिए सहज और सुगम बन जाती है।

  • धार्मिक शिक्षाओं का सार: इसमें प्रत्येक भक्ति अंग के महत्व, उदाहरण, व्यवहारिक पक्ष और आध्यात्मिक लाभों को गहराई से समझाया गया है।

  • प्रेरणादायक: यह ग्रंथ व्यक्ति को भक्ति-पथ पर अग्रसर करने वाला है और जीवन में भगवद्भाव, सेवा और समर्पण का भाव उत्पन्न करता है।

  • सचित्र प्रस्तुति: कवर चित्र में नवधा भक्ति के प्रत्येक अंग को एक-एक भक्त के माध्यम से दर्शाया गया है, जो दर्शनीय और शिक्षाप्रद है।


🙏 यह पुस्तक उपयुक्त है:

  • भक्तों और साधकों के लिए जो श्रीराम या श्रीकृष्ण की भक्ति में आगे बढ़ना चाहते हैं

  • युवा पीढ़ी के लिए जो धर्म, भक्ति और मूल्यों की समझ प्राप्त करना चाहती है

  • धार्मिक संगठनों, पाठशालाओं या सत्संगों में भक्ति की शिक्षा देने हेतु

  • संस्कारवान जीवन जीने के इच्छुक हर व्यक्ति के लिए


निष्कर्ष:

“नवधा भक्ति केवल एक धार्मिक पुस्तक नहीं, बल्कि एक जीवन-दर्शन है, जो बताता है कि कैसे मनुष्य भगवान से जुड़ सकता है — श्रवण से लेकर आत्मनिवेदन तक। यह पुस्तक हमें सिखाती है कि सच्ची भक्ति दिखावे या बाह्य आडंबर में नहीं, बल्कि हृदय के प्रेम, सेवा और समर्पण में होती है।

Description

“नवधा भक्ति” पुस्तक प्रसिद्ध आध्यात्मिक लेखक जयदयाल गोयंदका जी द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो भगवान श्रीराम द्वारा शबरी को बताए गए भक्ति के नौ प्रकारों — जिन्हें “नवधा भक्ति” कहा जाता है — का सारगर्भित और गूढ़ विश्लेषण प्रस्तुत करता है। यह पुस्तक रामचरितमानस की उस अमर शिक्षा पर आधारित है जिसमें श्रीराम ने शबरी से कहा था:

“प्रथम भगति संतन्ह कर संगा।
दूसरि रति मम कथा प्रसंगा॥
तृती भजनु करि कपट तजि गाना।
चौथी भगति मम गुण गन करा ना॥”

इत्यादि।


🌿 नवधा भक्ति के नौ अंग:

  1. श्रवण – भगवान की कथा और गुणों को श्रवण करना

  2. कीर्तन – भगवन्नाम और लीला का कीर्तन करना

  3. स्मरण – भगवान का निरंतर स्मरण करना

  4. पादसेवन – प्रभु के चरणों की सेवा करना

  5. अर्चन – विग्रह या प्रतिमा की विधिपूर्वक पूजा करना

  6. वंदन – भगवान को नमस्कार अर्पित करना

  7. दास्य – स्वयं को भगवान का सेवक मानना

  8. साख्य – प्रभु को अपना सखा मानकर व्यवहार करना

  9. आत्मनिवेदन – सम्पूर्ण आत्मा का समर्पण कर देना


🔍 पुस्तक की विशेषताएँ:

  • सरल भाषा: पुस्तक अत्यंत सरल हिंदी में लिखी गई है, जिससे यह हर आयु वर्ग के पाठक के लिए सहज और सुगम बन जाती है।

  • धार्मिक शिक्षाओं का सार: इसमें प्रत्येक भक्ति अंग के महत्व, उदाहरण, व्यवहारिक पक्ष और आध्यात्मिक लाभों को गहराई से समझाया गया है।

  • प्रेरणादायक: यह ग्रंथ व्यक्ति को भक्ति-पथ पर अग्रसर करने वाला है और जीवन में भगवद्भाव, सेवा और समर्पण का भाव उत्पन्न करता है।

  • सचित्र प्रस्तुति: कवर चित्र में नवधा भक्ति के प्रत्येक अंग को एक-एक भक्त के माध्यम से दर्शाया गया है, जो दर्शनीय और शिक्षाप्रद है।


🙏 यह पुस्तक उपयुक्त है:

  • भक्तों और साधकों के लिए जो श्रीराम या श्रीकृष्ण की भक्ति में आगे बढ़ना चाहते हैं

  • युवा पीढ़ी के लिए जो धर्म, भक्ति और मूल्यों की समझ प्राप्त करना चाहती है

  • धार्मिक संगठनों, पाठशालाओं या सत्संगों में भक्ति की शिक्षा देने हेतु

  • संस्कारवान जीवन जीने के इच्छुक हर व्यक्ति के लिए


निष्कर्ष:

“नवधा भक्ति केवल एक धार्मिक पुस्तक नहीं, बल्कि एक जीवन-दर्शन है, जो बताता है कि कैसे मनुष्य भगवान से जुड़ सकता है — श्रवण से लेकर आत्मनिवेदन तक। यह पुस्तक हमें सिखाती है कि सच्ची भक्ति दिखावे या बाह्य आडंबर में नहीं, बल्कि हृदय के प्रेम, सेवा और समर्पण में होती है।

Additional information

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1 review for नवधा भक्ति/ Nabdha Bhakti

  1. Code of your destiny

    I’m extremely inspired with your writing skills and also with the layout for your weblog. Is this a paid subject matter or did you modify it your self? Anyway keep up the nice quality writing, it’s rare to peer a nice weblog like this one these days!

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