अमूल्य समय का सदुपयोग/ Amoolya samaya ka sadupoyog

25.00

इस पुस्तककी उपादेयताके विषयमें इतना ही कहना पर्याप्त होगा कि यह परम श्रद्धेय श्रीजयदयालजी गोयन्दका द्वारा रचित  है ।

समय एक अमूल्य धन है। समय की अहमियत हमे जिन्दगी में सफलता की ओर ले जाती है। समय एक बार बीत जाए, तो वह वापस लौटता नहीं है। अगर दूध से एक बार हम दही बना लेते है तो वापस उसे दूध नहीं बनाया जा सकता है। समय एक ऐसी चीज़ है, जिसे खोकर पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

समय से अधिक महत्वपूर्ण चीज़ और कुछ है ही नहीं। समय का सदुपयोग का अर्थ है ठीक समय पर सही और उचित कार्य करना। जो व्यक्ति अपने ज़रूरी कार्यो को कल पर छोड़ देते है,उन्हें सफलता प्राप्त नहीं होती है।

Description

इस पुस्तककी उपादेयताके विषयमें इतना ही कहना पर्याप्त होगा कि यह परम श्रद्धेय श्रीजयदयालजी गोयन्दका द्वारा रचित  है ।

समय एक अमूल्य धन है। समय की अहमियत हमे जिन्दगी में सफलता की ओर ले जाती है। समय एक बार बीत जाए, तो वह वापस लौटता नहीं है। अगर दूध से एक बार हम दही बना लेते है तो वापस उसे दूध नहीं बनाया जा सकता है। समय एक ऐसी चीज़ है, जिसे खोकर पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

समय से अधिक महत्वपूर्ण चीज़ और कुछ है ही नहीं। समय का सदुपयोग का अर्थ है ठीक समय पर सही और उचित कार्य करना। जो व्यक्ति अपने ज़रूरी कार्यो को कल पर छोड़ देते है,उन्हें सफलता प्राप्त नहीं होती है।

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