श्री नारायणकवच/ Shree Narayan Kavach

श्री नारायण कवच (श्री नारायण कच) नारायण कवच भगवद पुराण के छठे स्कंद के आठवें अध्याय में आता है। यह हमारे देखे और अनदेखे दुश्मनों से खुद को बचाने के लिए एक कवच है। नारायण कवच एक बहुत ही संक्षिप्त स्तोत्र है जिसमें केवल 24 श्लोक हैं। इसे दिन में एक बार पढ़ना है। मुश्किल से 10 मिनट लगते हैं। सबसे पहले हमें अपने शरीर के सभी अंगों पर भगवान विष्णु को लगाना है। इस प्रक्रिया को अंग-न्यास और कर-न्यास कहा जाता है। एक बहुत ही सरल तकनीक, जो गुरु से सीखी जा सकती है। इसके बाद नारायण कवच है।

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अमोघ शिव कवच/ Amogh Shiv Kavach

अमोघ शिव कवच बहुत की कल्याणकारी कवच है, इस कल्याणकारी एवं अति शीघ्र फल प्रदान करने वाले कवच  का कोई दूसरा सार ही नहीं है ।
किसी भी  प्रकार के शारीरिक ,मानसिक ,आर्थिक और  सामाजिक कष्टों से मुक्ति दिलाने में ये कवच अपना विशेष प्रभाव रखता है।
कवच का अर्थ होता है सुरक्षा, अर्थात जिस प्रकार युद्ध के समय  योद्धा एवं राजा रणभूमि  में जाने से पहले अपने शरीर की सुरक्षा हेतु लौह कवच धारण करते थे|
ठीक उसी प्रकार हमारे ऋषि – मुनि भी अपने आपको सांसारिक कष्टों एवं दैहिक ,दैविक एवं भौतिक सभी प्रकार की व्याधियों से खुद को सुरक्षित रखने के लिए इन मान्त्रिक कवचों की रचना किया करते थे ,जो युगों -युगों से प्रत्येक मानव सभ्यता के लिए उपयोगी सिद्ध होते आयें है ।
इस अमोघ शिव कवच का नियमित पाठ करने वाले उपासक  को अकाल मृत्यु , बीमारी ,एवं भयानक से भी भयानक विपत्तियों को भी बिफल कर देता है !
इस कवच का पाठ करने वाले साधक के शरीर के आस – पास एक सुरक्षा घेरा सा बना रहता हैं जिससे किसी भी तरह की नकारात्मक शक्तियों का असर साधक या साधक के परिवार पर कदापि नहीं होता ।

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श्री दुर्गासप्तशती-सचित्र/ Durga Saptasati- Sachitra

दुर्गासप्तशती हिन्दू-धर्म का सर्वमान्य ग्रन्थ है। इसमें भगवती की कृपा के सुन्दर इतिहास के साथ अनेक गूढ़ रहस्य भरे हैं। सकाम भक्त इस ग्रन्थ का श्रद्धापूर्वक पाठ करके कामनासिद्धि तथा निष्काम भक्त दुर्लभ मोक्ष प्राप्त करते हैं। इस पुस्तक में पाठ करने की प्रामाणिक विधि, कवच, अर्गला, कीलक, वैदिक, तान्त्रिक रात्रिसूक्त, देव्यथर्वशीर्ष, नवार्णविधि, मूल पाठ, दुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्र, श्रीदुर्गामानसपूजा, तीनों रहस्य, क्षमा-प्रार्थना, सिद्धिकुञ्जिकास्तोत्र, पाठ के विभिन्न प्रयोग तथा आरती दी गयी है। विभिन्न दृष्टियों से यह पुस्तक सबके लिये उपयोगी है।

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नवदुर्गा/Navdurga

नवदुर्गा   हिन्दू-धर्म का सर्वमान्य ग्रन्थ है। इसमें भगवती की कृपा के सुन्दर इतिहास के साथ अनेक गूढ़ रहस्य भरे हैं। सकाम भक्त इस ग्रन्थ का श्रद्धापूर्वक पाठ करके कामनासिद्धि तथा निष्काम भक्त दुर्लभ मोक्ष प्राप्त करते हैं। इस पुस्तक में पाठ करने की प्रामाणिक विधि, कवच, अर्गला, कीलक, वैदिक, तान्त्रिक रात्रिसूक्त, देव्यथर्वशीर्ष, नवार्णविधि, मूल पाठ, दुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्र, श्रीदुर्गामानसपूजा, तीनों रहस्य, क्षमा-प्रार्थना, सिद्धिकुञ्जिकास्तोत्र, पाठ के विभिन्न प्रयोग तथा आरती दी गयी है। विभिन्न दृष्टियों से यह पुस्तक सबके लिये उपयोगी है।

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Ramaraksha Stotram/रामरक्षा स्तोत्रम्

the method of ramaraksakavaca s siddhi
in navaratra everyday for nine days in early dawn being free form abluton etc

रामरक्षाकवच की सिद्धि की विधि नवरात्र में प्रतिदिन नौ दिनों तक प्रात:काल में मुक्त रूप अब्लूटन आदि किया जाता है

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ब्रज की दानलीला Braj KI Daanleela

ठाकुर श्री राधा कृष्ण जी की मधुर लीलाओं को संजोएं, श्री रूप गोस्वामी जी द्वारा रचित सबसे दिव्य पुस्तक। साथ में श्रीनारायण कवच और श्रीगजेंद्र मोक्ष के लिए उपदेशमृत, मन की शिक्षा और दैनिक पाठ।

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क्या आप जानते है कलाई पर कलावा क्यों बांधा जाता है..!

जब भी हम किसी मंदिर में जाते है या किसी भी शुभ कार्य में शामिल होते है तो तिलक किया जाता है और हाथों पर रक्षा सूत्र बांधते हैं फिर…

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ब्रज की दान लीला/ Braj ki Dan Leela

ठाकुर श्री राधा कृष्ण जी की मधुर लीलाओं को संजोएं, श्री रूप गोस्वामी जी द्वारा रचित सबसे दिव्य पुस्तक। साथ में श्रीनारायण कवच और श्रीगजेंद्र मोक्ष के लिए उपदेशमृत, मन की शिक्षा और दैनिक पाठ।

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