श्री नारायणकवच/ Shree Narayan Kavach
अमोघ शिव कवच बहुत की कल्याणकारी कवच है, इस कल्याणकारी एवं अति शीघ्र फल प्रदान करने वाले कवच का कोई दूसरा सार ही नहीं है ।
किसी भी प्रकार के शारीरिक ,मानसिक ,आर्थिक और सामाजिक कष्टों से मुक्ति दिलाने में ये कवच अपना विशेष प्रभाव रखता है।
कवच का अर्थ होता है सुरक्षा, अर्थात जिस प्रकार युद्ध के समय योद्धा एवं राजा रणभूमि में जाने से पहले अपने शरीर की सुरक्षा हेतु लौह कवच धारण करते थे|
ठीक उसी प्रकार हमारे ऋषि – मुनि भी अपने आपको सांसारिक कष्टों एवं दैहिक ,दैविक एवं भौतिक सभी प्रकार की व्याधियों से खुद को सुरक्षित रखने के लिए इन मान्त्रिक कवचों की रचना किया करते थे ,जो युगों -युगों से प्रत्येक मानव सभ्यता के लिए उपयोगी सिद्ध होते आयें है ।
इस अमोघ शिव कवच का नियमित पाठ करने वाले उपासक को अकाल मृत्यु , बीमारी ,एवं भयानक से भी भयानक विपत्तियों को भी बिफल कर देता है !
इस कवच का पाठ करने वाले साधक के शरीर के आस – पास एक सुरक्षा घेरा सा बना रहता हैं जिससे किसी भी तरह की नकारात्मक शक्तियों का असर साधक या साधक के परिवार पर कदापि नहीं होता ।
दुर्गासप्तशती हिन्दू-धर्म का सर्वमान्य ग्रन्थ है। इसमें भगवती की कृपा के सुन्दर इतिहास के साथ अनेक गूढ़ रहस्य भरे हैं। सकाम भक्त इस ग्रन्थ का श्रद्धापूर्वक पाठ करके कामनासिद्धि तथा निष्काम भक्त दुर्लभ मोक्ष प्राप्त करते हैं। इस पुस्तक में पाठ करने की प्रामाणिक विधि, कवच, अर्गला, कीलक, वैदिक, तान्त्रिक रात्रिसूक्त, देव्यथर्वशीर्ष, नवार्णविधि, मूल पाठ, दुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्र, श्रीदुर्गामानसपूजा, तीनों रहस्य, क्षमा-प्रार्थना, सिद्धिकुञ्जिकास्तोत्र, पाठ के विभिन्न प्रयोग तथा आरती दी गयी है। विभिन्न दृष्टियों से यह पुस्तक सबके लिये उपयोगी है।
नवदुर्गा हिन्दू-धर्म का सर्वमान्य ग्रन्थ है। इसमें भगवती की कृपा के सुन्दर इतिहास के साथ अनेक गूढ़ रहस्य भरे हैं। सकाम भक्त इस ग्रन्थ का श्रद्धापूर्वक पाठ करके कामनासिद्धि तथा निष्काम भक्त दुर्लभ मोक्ष प्राप्त करते हैं। इस पुस्तक में पाठ करने की प्रामाणिक विधि, कवच, अर्गला, कीलक, वैदिक, तान्त्रिक रात्रिसूक्त, देव्यथर्वशीर्ष, नवार्णविधि, मूल पाठ, दुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्र, श्रीदुर्गामानसपूजा, तीनों रहस्य, क्षमा-प्रार्थना, सिद्धिकुञ्जिकास्तोत्र, पाठ के विभिन्न प्रयोग तथा आरती दी गयी है। विभिन्न दृष्टियों से यह पुस्तक सबके लिये उपयोगी है।
the method of ramaraksakavaca s siddhi
in navaratra everyday for nine days in early dawn being free form abluton etc
रामरक्षाकवच की सिद्धि की विधि नवरात्र में प्रतिदिन नौ दिनों तक प्रात:काल में मुक्त रूप अब्लूटन आदि किया जाता है
जब भी हम किसी मंदिर में जाते है या किसी भी शुभ कार्य में शामिल होते है तो तिलक किया जाता है और हाथों पर रक्षा सूत्र बांधते हैं फिर…