• "How to Be a Leader" by Swami Vivekananda

    "How to Be a Leader" is a book based on the teachings and speeches of Swami Vivekananda, emphasizing leadership, self-confidence, and service to humanity. It is a valuable guide for those who wish to lead with wisdom, strength, and compassion.

    Key Themes of the Book

    Self-Confidence and FearlessnessSwami Vivekananda emphasizes that a true leader must be fearless, confident, and full of faith in oneself.

    Service to SocietyLeadership is not about power but about serving others selflessly and working for the welfare of society.

    Strength and Determination – A leader must have mental and physical strength, along with unwavering determination to face challenges.

    Character and EthicsSwami Vivekananda stresses that a leader should possess high moral values, honesty, and integrity.

    Spiritual Leadership – A true leader is one who is not just intellectually strong but also spiritually awakened, guiding others towards truth and righteousness.

  • "सरल राजयोग" – स्वामी विवेकानंद द्वारा एक सरल योग मार्गदर्शन

    "सरल राजयोग" स्वामी विवेकानंद द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो राजयोग के सिद्धांतों और अभ्यासों को सरल भाषा में प्रस्तुत करता है। यह पुस्तक मानसिक अनुशासन, ध्यान (मेडिटेशन) और आत्म-साक्षात्कार की प्रक्रिया को व्यावहारिक रूप में समझाने का कार्य करती है।

     पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ

    राजयोग क्या है?

    • योग का उच्चतम मार्ग जो मन और आत्मा को नियंत्रित करने की विधि सिखाता है।
    • मानसिक एकाग्रता और ध्यान के माध्यम से आध्यात्मिक उन्नति का रास्ता।

    योग और विज्ञान का समन्वय

    • स्वामी विवेकानंद ने योग के सिद्धांतों को तर्कसंगत और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझाया
    • आधुनिक मानसिकता को ध्यान में रखते हुए राजयोग के अभ्यासों को प्रस्तुत किया गया है।

    "Saral Rajyog" by Swami Vivekananda

    "Saral Rajyog" is a simplified version of Swami Vivekananda's teachings on Raja Yoga, making it accessible to everyone. Raja Yoga, one of the four main paths of yoga, focuses on mind control, meditation, and self-discipline to achieve spiritual awakening and inner peace.

    Key Themes of the Book

    What is Raja Yoga? – Explains the concept and importance of Raja Yoga as a path to self-realization and inner strength.

    The Power of the Mind – Discusses how controlling the mind through concentration and meditation leads to wisdom and peace.

    Practical Techniques for Meditation – Provides step-by-step guidance on meditation, breath control (pranayama), and mental discipline.

    Scientific Approach to Spirituality – Explains Raja Yoga using logic and scientific reasoning, making it easier to understand and apply.

  • "श्री कृष्ण की जीवनी" – एक दिव्य प्रेरणादायक ग्रंथ

    "श्री कृष्ण की जीवनी" एक अद्भुत ग्रंथ है जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म, बाल लीलाओं, युवावस्था, महाभारत में उनकी भूमिका और उनके दिव्य उपदेशों को विस्तार से प्रस्तुत करता है। यह पुस्तक श्रीकृष्ण के जीवन और उनके द्वारा स्थापित धर्म के सिद्धांतों को सरल और प्रेरणादायक रूप में समझाने का कार्य करती है।

    पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ

    कृष्ण जन्म और बाल लीलाएँ

    • कंस के अत्याचारों के बीच भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य जन्म की कथा
    • गोकुल और वृंदावन में माखन चोरी, ग्वालबालों के साथ क्रीड़ा और पूतना वध जैसी अद्भुत लीलाएँ।

    असुरों पर विजय

    • श्रीकृष्ण द्वारा कालिया नाग का दमन, शकटासुर, अघासुर और बकासुर जैसे दैत्यों का वध
    • कंस के अंत और मथुरा में धर्म की स्थापना की कथा।

    रासलीला और भक्ति का संदेश

    युद्ध, राजनीति और धर्म स्थापना

    • कृष्ण द्वारा द्वारका नगरी की स्थापना और पांडवों की सहायता।
    • महाभारत युद्ध में अर्जुन को दिया गया गीता का उपदेश और कर्मयोग का संदेश।

    भगवद गीता के उपदेश

    • धर्म, भक्ति, ज्ञान और निष्काम कर्म का महत्व
    • जीवन में साहस, धैर्य और सत्य की आवश्यकता
  • "Practical Vedanta" by Swami Vivekananda

    "Practical Vedanta" is one of Swami Vivekananda’s most influential works, based on his lectures and teachings. The book explains how Vedanta—the ancient Indian spiritual philosophy—can be applied in daily life to achieve strength, fearlessness, self-confidence, and inner peace.

    This book is a must-read for anyone looking to understand Vedanta in a simple, practical, and life-transforming way.

    Key Themes of the Book

    Vedanta for Everyday Life

    • Vedanta is not just philosophy but a practical guide to living a fearless, purposeful, and fulfilled life.
    • Spirituality is not limited to monks but is for everyone—students, workers, and householders.

    Strength and Fearlessness

    • True spirituality means being strong, fearless, and confident in facing life’s challenges.
    • "Strength is life, weakness is death"—Swami Vivekananda emphasizes mental and spiritual power over fear and doubt.

    Self-Realization and Divine Presence

    • Every soul is potentially divine—Vedanta teaches that God is within us, and self-realization is the goal of life.
    • True happiness comes not from external success but from knowing our own divine nature.

    Work as Worship (Karma Yoga)

    • Work done selflessly and with dedication is itself a spiritual practice.
    • Service to humanity is the highest form of worship—"Jiva is Shiva" (Every living being is divine).
  • "भारत और उसकी समस्याएँ" – स्वामी विवेकानंद द्वारा एक विचारोत्तेजक ग्रंथ

    "भारत और उसकी समस्याएँ" स्वामी विवेकानंद द्वारा भारत के सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक और राजनीतिक पहलुओं पर लिखित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है। यह पुस्तक भारत की वास्तविक स्थिति, उसकी कमजोरियों और उनके समाधान पर प्रकाश डालती है। स्वामी जी ने इस पुस्तक में राष्ट्रवाद, शिक्षा, समाज सुधार और स्वावलंबन को विशेष रूप से महत्व दिया है।

    पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ

    भारत का गौरवशाली अतीत

    • भारत की प्राचीन संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान और आध्यात्मिक विरासत का वर्णन।
    • स्वामी विवेकानंद ने बताया कि भारत ने विश्व को धर्म, योग और वेदांत का ज्ञान दिया

    भारत की वर्तमान समस्याएँ (स्वामी जी के समय की दृष्टि से)

    • अशिक्षा – शिक्षा की कमी के कारण सामाजिक और आर्थिक पिछड़ापन।
    • गरीबी और आर्थिक विषमता – समाज में व्याप्त आर्थिक असमानता और निर्धनता।
    • धर्म और समाज में बंधन – धार्मिक कट्टरता, अंधविश्वास और रूढ़ियों से ग्रसित समाज।
    • नारी उत्पीड़न – महिलाओं की स्थिति सुधारने की आवश्यकता।

    समस्याओं का समाधान

    • शिक्षा का प्रचार-प्रसार – स्वामी जी ने कहा, "एक समाज को ऊपर उठाने के लिए शिक्षा सबसे बड़ा साधन है।"
    • आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन – उन्होंने भारतीय युवाओं को स्वदेशी उद्योग और आत्मनिर्भरता अपनाने की प्रेरणा दी।
    • धर्म और सामाजिक सुधार – स्वामी जी ने सच्चे धर्म को अपनाने और अंधविश्वास को छोड़ने पर जोर दिया।
    • नारी शिक्षा और सशक्तिकरण – उन्होंने महिलाओं की शिक्षा और स्वतंत्रता को आवश्यक बताया।

    राष्ट्रवाद और युवा शक्ति का महत्व

    • भारत के पुनर्निर्माण में युवाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण
    • स्वामी विवेकानंद ने कहा – "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।"
  • "विवेकानंद की जीवनगाथा" – स्वामी विवेकानंद की प्रेरणादायक जीवनी

    "विवेकानंद की जीवनगाथा" स्वामी विवेकानंद के प्रेरणादायक जीवन की कहानी है। यह पुस्तक उनके बचपन, आध्यात्मिक यात्रा, शिक्षाओं और समाज में उनके योगदान पर प्रकाश डालती है।

    स्वामी विवेकानंद का जीवन संघर्ष, आत्म-साक्षात्कार और राष्ट्र के प्रति समर्पण का उदाहरण है। यह पुस्तक उन सभी के लिए उपयोगी है जो स्वामी जी के विचारों और दर्शन को गहराई से समझना चाहते हैं

    📖 पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ

    👶 बचपन और प्रारंभिक जीवन

    • 1863 में कोलकाता में जन्मे स्वामी विवेकानंद का वास्तविक नाम नरेंद्रनाथ दत्त था।
    • बचपन से ही वे जिज्ञासु, तर्कशील और निर्भीक स्वभाव के थे।
    • ईश्वर की खोज में वे कई संतों से मिले और अंततः रामकृष्ण परमहंस के शिष्य बने।

    🧘 आध्यात्मिक जागरण

    • रामकृष्ण परमहंस ने उन्हें अद्वैत वेदांत और ईश्वर की एकता का गूढ़ ज्ञान दिया।
    • गुरु के महासमाधि लेने के बाद उन्होंने संन्यास ग्रहण किया और भारतभर में भ्रमण किया।
    • देश में फैली गरीबी, अज्ञानता और सामाजिक कुरीतियों को देखकर उन्होंने भारत के उत्थान का संकल्प लिया।

    🌍 शिकागो भाषण और विश्वप्रसिद्धि

    • 1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म महासभा में उनका ऐतिहासिक भाषण, जो "सिस्टर्स एंड ब्रदर्स ऑफ अमेरिका" से शुरू हुआ, उन्हें विश्वभर में प्रसिद्ध कर गया।
    • उन्होंने दुनिया को हिंदू धर्म, वेदांत और धार्मिक सहिष्णुता का संदेश दिया।

    🏛 रामकृष्ण मिशन की स्थापना

    • 1897 में उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा कार्यों में समर्पित है।
    • उन्होंने "व्यावहारिक वेदांत" का सिद्धांत दिया, जो आध्यात्मिकता को कर्म और सेवा से जोड़ता है।

    🔥 मुख्य शिक्षाएँ और विचार

    • "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।"
    • आत्मबल और आत्मनिर्भरता पर विशेष जोर।
    • धर्म को केवल पूजा-पाठ तक सीमित न रखकर जीवन में उतारने की प्रेरणा
    • भारत के पुनर्जागरण के लिए युवाओं को जागरूक करने का प्रयास

    🙏 अंतिम वर्ष और विरासत

    • स्वामी विवेकानंद ने केवल 39 वर्ष की आयु में 1902 में महासमाधि ले ली
    • उनकी शिक्षाएँ आज भी विश्वभर में लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं

  • स्वामी विवेकानंद द्वारा 'रामायण' पुस्तक के बारे में

    स्वामी विवेकानंद ने "रामायण" नामक कोई स्वतंत्र पुस्तक नहीं लिखी, लेकिन उन्होंने रामायण, भगवान राम, और उनके जीवन मूल्यों पर अपने भाषणों और लेखों में गहन चर्चा की है। उनके विचार "स्वामी विवेकानंद संपूर्ण रचनाएं", "कोलंबो से अल्मोड़ा तक प्रवचन", और "प्रैक्टिकल वेदांत" जैसी पुस्तकों में संकलित हैं।

    📖 स्वामी विवेकानंद के विचारों में रामायण

    1. भगवान राम का आदर्श चरित्र

    • स्वामी विवेकानंद के अनुसार, भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं—यानी आदर्श राजा, आदर्श पुत्र, आदर्श पति और आदर्श मित्र।
    • उन्होंने राम को कर्तव्य, सत्य, और धर्म का प्रतीक माना, जो हर इंसान को जीवन में अनुशासन और त्याग का पाठ पढ़ाते हैं।

    2. माता सीता – आदर्श नारी का प्रतीक

    • स्वामी विवेकानंद ने माता सीता को शक्ति, धैर्य और पवित्रता की मूर्ति बताया।
    • वे उनके त्याग और सहनशीलता की सराहना करते थे और महिलाओं के लिए उन्हें प्रेरणा स्रोत मानते थे।

    3. हनुमान – पूर्ण समर्पण और शक्ति का प्रतीक

    • वे हनुमान जी को भक्ति, साहस और शक्ति का आदर्श मानते थे।
    • उन्होंने युवाओं को हनुमान की तरह दृढ़ निश्चयी, निडर और सेवा भावी बनने की प्रेरणा दी।

    4. रामायण – एक जीवन दर्शन

    • विवेकानंद के अनुसार, रामायण केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि एक जीवन पथ प्रदर्शक है
    • इसमें कर्तव्य, आदर्श, बलिदान, और समाज सेवा के सर्वोच्च आदर्श सिखाए गए हैं।
  • 📖 पुस्तक: "ज्ञानयोग पर प्रवचन" – स्वामी विवेकानंद

    "ज्ञानयोग पर प्रवचन" स्वामी विवेकानंद के ज्ञानयोग (Jnana Yoga) पर दिए गए महत्वपूर्ण प्रवचनों का संग्रह है। यह पुस्तक भारतीय वेदांत के दर्शन, तर्क, और आध्यात्मिक ज्ञान का गहन अध्ययन प्रस्तुत करती है। इसमें विवेकानंद ने आत्मा, ब्रह्म, माया, मुक्ति, और अद्वैत वेदांत के सिद्धांतों को सरल और प्रभावशाली भाषा में समझाया है।

     पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ

    1. ज्ञानयोग का परिचय

    • स्वामी विवेकानंद के अनुसार, ज्ञानयोग आत्मा और ब्रह्म को जानने का मार्ग है
    • इसमें आत्मा की शाश्वतता, ब्रह्मांड की वास्तविकता और मानव जीवन के अंतिम लक्ष्य पर चर्चा की गई है।

    2. आत्मा और ब्रह्म का रहस्य

    • उन्होंने वेदांत के इस सिद्धांत को स्पष्ट किया कि ब्रह्म ही सत्य है और यह संसार माया है
    • आत्मा और परमात्मा में कोई भेद नहीं है—"तत्त्वमसि" (तू वही है) का व्याख्यान।

    3. माया और बंधन का सिद्धांत

    • माया का अर्थ केवल भ्रम नहीं, बल्कि ब्रह्म की शक्ति है, जो इस संसार को नियंत्रित करती है।
    • मनुष्य अज्ञान और अहंकार के कारण माया में फंस जाता है और जन्म-मरण के चक्र में बंध जाता है।

    4. मोक्ष और आत्मज्ञान का मार्ग

    • स्वामी विवेकानंद ने कहा कि ज्ञान का प्रकाश ही मुक्ति का द्वार खोलता है
    • आत्म-साक्षात्कार ही जीवन का अंतिम लक्ष्य है और इसे ध्यान, विवेक और वैराग्य से प्राप्त किया जा सकता है।

    5. अद्वैत वेदांत की व्याख्या

    • उन्होंने शंकराचार्य के अद्वैत वेदांत को सरल भाषा में समझाया।
    • उन्होंने यह भी बताया कि कैसे ज्ञान, भक्ति, कर्म और ध्यान—चारों योग एक ही सत्य की ओर ले जाते हैं

  • 📖 पुस्तक: "वर्तमान भारत" – स्वामी विवेकानंद

    "वर्तमान भारत" (Vartaman Bharat) स्वामी विवेकानंद द्वारा 1899 में लिखी गई एक प्रभावशाली पुस्तक है, जिसमें उन्होंने भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्थिति का विश्लेषण किया है। यह पुस्तक भारत के गौरवशाली अतीत, उसके पतन के कारणों और पुनर्जागरण के उपायों पर प्रकाश डालती है।

     पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ

    1. भारत का गौरवशाली अतीत और पतन के कारण

    • स्वामी विवेकानंद बताते हैं कि प्राचीन भारत ज्ञान, विज्ञान और आध्यात्मिकता का केंद्र था
    • लेकिन विदेशी आक्रमणों, सामाजिक बंधनों, अज्ञानता और आत्मसम्मान की कमी के कारण देश का पतन हुआ।

    2. भारत के पुनर्निर्माण में युवाओं की भूमिका

    • विवेकानंद जी कहते हैं कि भारत के उज्ज्वल भविष्य की नींव युवा शक्ति पर टिकी है
    • वे युवाओं से साहसी, आत्मनिर्भर और समाज के उत्थान के लिए समर्पित होने का आह्वान करते हैं।

    3. शिक्षा ही असली शक्ति है

    • वे उस शिक्षा प्रणाली की आलोचना करते हैं, जो केवल अंग्रेजी संस्कृति को बढ़ावा देती थी लेकिन भारत के मूल्यों को नजरअंदाज करती थी।
    • उन्होंने ऐसी शिक्षा का समर्थन किया जो आत्मनिर्भरता, चरित्र निर्माण और सेवा भाव को बढ़ावा दे।

    4. भारत की शक्ति आध्यात्मिकता में है

    • स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि भारत की आत्मा आध्यात्मिकता में बसती है, और यही उसकी सबसे बड़ी ताकत है।
    • वे इस बात पर जोर देते हैं कि भारत को आधुनिक विज्ञान और प्राचीन वेदांत ज्ञान को साथ लेकर आगे बढ़ना चाहिए।

    5. सामाजिक सुधारों की आवश्यकता

    • उन्होंने जातिवाद, छुआछूत और महिलाओं के प्रति भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयों का कड़ा विरोध किया।
    • वे मानते थे कि जब तक समाज के निचले तबके को ऊपर नहीं उठाया जाएगा, तब तक भारत सशक्त नहीं बन सकता
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    आचार्य शंकर /Acharya Shankar

    Original price was: ₹140.00.Current price is: ₹110.00.

    पुस्तक परिचय: आचार्य शंकर

    "आचार्य शंकर" पुस्तक आदि शंकराचार्य के जीवन, दर्शन और योगदान पर आधारित है। आदि शंकराचार्य अद्वैत वेदांत (Advaita Vedanta) के प्रवर्तक थे और उन्होंने भारत में सनातन धर्म के पुनर्जागरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह पुस्तक उनके जीवन-चरित, उपदेशों और दार्शनिक विचारों को सरल और प्रभावी रूप में प्रस्तुत करती है।

    पुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ:

    आदि शंकराचार्य का जीवन परिचय – जन्म, बचपन, संन्यास ग्रहण, और भारत भर में उनकी यात्राएँ।
    अद्वैत वेदांत का सिद्धांत"ब्रह्म ही एकमात्र सत्य है, यह जगत माया है, और आत्मा ब्रह्म के समान है"
    उपनिषद, गीता और ब्रह्मसूत्र पर भाष्य – शंकराचार्य द्वारा लिखित दर्शनशास्त्र की व्याख्या
    हिंदू धर्म में योगदानचार मठों (ज्योतिर्मठ, श्रृंगेरी मठ, द्वारका मठ, गोवर्धन मठ) की स्थापना।
    व्यावहारिक शिक्षाआत्मज्ञान, भक्ति, कर्म और गुरु के महत्व पर उनके विचार।

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    महाभारत कथा /Mahabharat Katha

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    पुस्तक परिचय: महाभारत कथा

    "महाभारत कथा" महाभारत के महाकाव्य को संक्षिप्त, सरल और रोचक रूप में प्रस्तुत करने वाली पुस्तक है। यह ग्रंथ महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत का सार है, जिसमें कुरुक्षेत्र युद्ध, पांडवों और कौरवों की गाथा, श्रीकृष्ण के उपदेश, और धर्म-अधर्म की सीख दी गई है।

    पुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ:

    महाभारत का संक्षिप्त रूप – विस्तृत महाकाव्य को सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
    महाभारत के मुख्य पात्रकृष्ण, अर्जुन, भीष्म, द्रोण, द्रौपदी, कर्ण, शकुनि आदि के जीवन और विचार।
    कुरुक्षेत्र युद्ध का वर्णन – धर्म और अधर्म के बीच हुए ऐतिहासिक युद्ध की रोचक प्रस्तुति।
    श्रीमद्भगवद्गीता का सार – श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए अमर उपदेश।
    नैतिक और जीवन के पाठ – इस ग्रंथ से धर्म, न्याय, सत्य, कर्तव्य और भक्ति की शिक्षा मिलती है।