• "विवेकानंद की जीवनगाथा" – स्वामी विवेकानंद की प्रेरणादायक जीवनी

    "विवेकानंद की जीवनगाथा" स्वामी विवेकानंद के प्रेरणादायक जीवन की कहानी है। यह पुस्तक उनके बचपन, आध्यात्मिक यात्रा, शिक्षाओं और समाज में उनके योगदान पर प्रकाश डालती है।

    स्वामी विवेकानंद का जीवन संघर्ष, आत्म-साक्षात्कार और राष्ट्र के प्रति समर्पण का उदाहरण है। यह पुस्तक उन सभी के लिए उपयोगी है जो स्वामी जी के विचारों और दर्शन को गहराई से समझना चाहते हैं

    📖 पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ

    👶 बचपन और प्रारंभिक जीवन

    • 1863 में कोलकाता में जन्मे स्वामी विवेकानंद का वास्तविक नाम नरेंद्रनाथ दत्त था।
    • बचपन से ही वे जिज्ञासु, तर्कशील और निर्भीक स्वभाव के थे।
    • ईश्वर की खोज में वे कई संतों से मिले और अंततः रामकृष्ण परमहंस के शिष्य बने।

    🧘 आध्यात्मिक जागरण

    • रामकृष्ण परमहंस ने उन्हें अद्वैत वेदांत और ईश्वर की एकता का गूढ़ ज्ञान दिया।
    • गुरु के महासमाधि लेने के बाद उन्होंने संन्यास ग्रहण किया और भारतभर में भ्रमण किया।
    • देश में फैली गरीबी, अज्ञानता और सामाजिक कुरीतियों को देखकर उन्होंने भारत के उत्थान का संकल्प लिया।

    🌍 शिकागो भाषण और विश्वप्रसिद्धि

    • 1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म महासभा में उनका ऐतिहासिक भाषण, जो "सिस्टर्स एंड ब्रदर्स ऑफ अमेरिका" से शुरू हुआ, उन्हें विश्वभर में प्रसिद्ध कर गया।
    • उन्होंने दुनिया को हिंदू धर्म, वेदांत और धार्मिक सहिष्णुता का संदेश दिया।

    🏛 रामकृष्ण मिशन की स्थापना

    • 1897 में उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा कार्यों में समर्पित है।
    • उन्होंने "व्यावहारिक वेदांत" का सिद्धांत दिया, जो आध्यात्मिकता को कर्म और सेवा से जोड़ता है।

    🔥 मुख्य शिक्षाएँ और विचार

    • "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।"
    • आत्मबल और आत्मनिर्भरता पर विशेष जोर।
    • धर्म को केवल पूजा-पाठ तक सीमित न रखकर जीवन में उतारने की प्रेरणा
    • भारत के पुनर्जागरण के लिए युवाओं को जागरूक करने का प्रयास

    🙏 अंतिम वर्ष और विरासत

    • स्वामी विवेकानंद ने केवल 39 वर्ष की आयु में 1902 में महासमाधि ले ली
    • उनकी शिक्षाएँ आज भी विश्वभर में लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं

  • विवेकानंद की कहानी – प्रेरणादायक पुस्तक

    "विवेकानंद की कहानी" एक सरल और प्रेरणादायक पुस्तक है, जिसमें स्वामी विवेकानंद के जीवन, आदर्शों और शिक्षाओं को रोचक कहानियों के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक बच्चों, युवाओं और हर उस व्यक्ति के लिए उपयोगी है, जो स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरणा लेना चाहता है

    पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ

    सरल भाषा और प्रेरक शैली – पुस्तक को आसान हिंदी में लिखा गया है, जिससे बच्चे और युवा आसानी से समझ सकें
    छोटी-छोटी प्रेरणादायक कहानियाँ – इसमें स्वामी विवेकानंद के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को रोचक शैली में प्रस्तुत किया गया है
    शिक्षाप्रद प्रसंग – इसमें स्वामी विवेकानंद के जीवन के अनमोल अनुभवों को कहानियों के रूप में बताया गया है, जैसे:

    • बालक नरेंद्र (स्वामी विवेकानंद) का बचपन और उनकी जिज्ञासु प्रवृत्ति।
    • श्री रामकृष्ण परमहंस से उनकी भेंट और आध्यात्मिक यात्रा।
    • भारत भ्रमण और समाज सेवा का संकल्प।
    • 1893 के शिकागो धर्म महासभा में दिए गए ऐतिहासिक भाषण का वर्णन।
    • युवाओं के लिए उनके संदेश और भारत के प्रति उनका योगदान।
      आध्यात्मिक और नैतिक शिक्षा – यह पुस्तक परिश्रम, आत्मनिर्भरता, देशभक्ति, सेवा और अनुशासन जैसे मूल्यों को सिखाती है।
  • स्वामी विवेकानंद (1863-1902) एक महान संत, विचारक और समाज सुधारक थे। उनका मूल नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। वे भारतीय संस्कृति, वेदांत और योग के प्रचारक थे और उन्होंने पूरे विश्व में भारत की आध्यात्मिकता का संदेश फैलाया। 1893 में, स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका के शिकागो विश्व धर्म महासभा में भाग लिया और अपने प्रसिद्ध भाषण "अमेरिका के भाइयो और बहनो" से सभी को प्रभावित किया। उनके विचारों ने भारत की आध्यात्मिकता को पूरे विश्व में पहचान दिलाई।
  • विवेक वाणी - स्वामी विवेकानंद

    स्वामी विवेकानंदभारतीय संस्कृति, अध्यात्म और युवाओं के प्रेरणास्रोत थे। उनकी वाणी में गहराई, तर्क और आत्मा को झकझोर देने वाली शक्ति थी। "विवेक वाणी" स्वामी विवेकानंद के विचारों, उपदेशों और शिक्षाओं का संकलन है, जो हमें जीवन में मार्गदर्शन प्रदान करती है।

    मुख्य विचार:

    1. आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता – "उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रुको मत।"
    2. धर्म और अध्यात्म – वेदांत और योग के सिद्धांतों पर आधारित उनके विचार जीवन को दिशा देते हैं।
    3. शिक्षा और युवा शक्ति – शिक्षा का उद्देश्य आत्मनिर्भरता और चरित्र निर्माण होना चाहिए।
    4. समानता और समाज सेवा – सभी मनुष्यों में ईश्वर का अंश है, इसलिए सेवा ही सच्चा धर्म है।
    5. शक्ति और पुरुषार्थ – निर्बलता पाप है, आत्मशक्ति का जागरण ही सफलता का मार्ग है।

    स्वामी विवेकानंदकी वाणी आज भी हमें प्रेरित करती है और हमें अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने का साहस देती है।

  • ‘विवेक चूड़ामणि’, जिसका अर्थ है "विवेक रूपी रत्नों का मुकुट", आदि शंकराचार्य द्वारा रचित वेदान्त दर्शन का एक अद्वितीय ग्रंथ है। यह ग्रंथ अद्वैत वेदान्त के मूल सिद्धांतों को सरल, संवादात्मक और सुस्पष्ट रूप में प्रस्तुत करता है, जो कि आत्मा की वास्तविकता, मोक्ष का स्वरूप, ब्रह्मज्ञान, और संसार से वैराग्य जैसे गूढ़ विषयों पर आधारित है।

    गीता प्रेस का यह संस्करण इस महान ग्रंथ को हिन्दीभाषी पाठकों के लिए एक सुंदर अनुवाद के साथ प्रस्तुत करता है, जो सरल भाषा में जटिल दार्शनिक बातों को भी सहजता से समझने में सहायता करता है।


    🔍 ग्रंथ की रचना और विषयवस्तु:

    यह ग्रंथ गुरु और शिष्य के संवाद के रूप में रचित है, जिसमें एक जिज्ञासु शिष्य अपने गुरु से आत्मज्ञान, जीवन का उद्देश्य और मुक्ति के साधन के विषय में प्रश्न करता है। शंकराचार्यजी शिष्य को उत्तर देते हुए आत्मा और ब्रह्म की एकता का विवेचन करते हैं।

    प्रमुख विषय:

    1. मानव जन्म का दुर्लभ सौभाग्य:
      यह बताया गया है कि मानव जन्म, सत्संग, और आत्मज्ञान की प्राप्ति परम दुर्लभ है।

    2. साधन चतुष्टय:
      विवेक (नित्य-अनित्य का भेद), वैराग्य (भोगों की निस्सारता की अनुभूति), षट्सम्पत्ति (शम, दम आदि), और मुमुक्षुत्व (मोक्ष की तीव्र इच्छा) — आत्मज्ञान के लिए अनिवार्य हैं।

    3. गुरु की महिमा और आवश्यकता:
      गुरु को आत्मज्ञान का प्रदाता और अज्ञान को काटने वाला बताया गया है।

    4. ब्रह्म का स्वरूप:
      ब्रह्म निराकार, निरगुण, चैतन्यमय और साक्षी स्वरूप है। वह अजन्मा, अव्यय, और नित्य है।

    5. माया और संसार का मिथ्यात्व:
      संसार केवल माया का प्रभाव है; आत्मा ब्रह्मस्वरूप है, जो इससे परे है।

    6. पंचकोश विवेक:
      अन्नमय, प्राणमय, मनोमय, विज्ञानमय और आनन्दमय — इन पाँच कोशों के पार जाकर आत्मा का साक्षात्कार होता है।

    7. ज्ञान की प्राप्ति और लक्षण:
      आत्मज्ञान ही परम मोक्ष का मार्ग है। ज्ञानी पुरुष की स्थिति, विचार और आचरण का विस्तारपूर्वक वर्णन।

    8. जीवन्मुक्त की अवस्था:
      वह ज्ञानी जो शरीरधारी होते हुए भी ब्रह्म में स्थित रहता है — उसे जीवन्मुक्त कहा गया है। वह समदर्शी, शान्त और निरहंकारी होता है।


    🌼 गीता प्रेस संस्करण की विशेषताएँ:

    • मूल संस्कृत श्लोकों के साथ सरल हिन्दी टीका।

    • पाठकों को आत्मा और ब्रह्म की एकता को अनुभव कराने हेतु मार्गदर्शक ग्रंथ।

    • आध्यात्मिक साधकों, विद्यार्थियों और दर्शन प्रेमियों के लिए विशेष उपयोगी।

    • अत्यंत अल्प मूल्य में जीवन रूपांतरित करने वाली अमूल्य सामग्री।


    📚 क्यों पढ़ें यह पुस्तक?

    • यदि आप "मैं कौन हूँ?", "इस जीवन का उद्देश्य क्या है?", "मोक्ष क्या है और कैसे प्राप्त करें?" जैसे प्रश्नों के उत्तर चाहते हैं, तो यह ग्रंथ अमूल्य है।

    • यह न केवल वैदिक ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि आत्मा की शुद्धता, आत्मविवेक और मुक्त जीवन की ओर प्रेरित करता है।

    • यह ग्रंथ वेदांत दर्शन को अभ्यास रूप में साधकों के सामने प्रस्तुत करता है।

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    विवेक चूड़ामणि / Vivek Chudamani

    Original price was: ₹140.00.Current price is: ₹100.00.

    विवेक चूड़ामणि 

    "विवेक चूड़ामणि" आदि शंकराचार्य द्वारा रचित अद्वैत वेदांत का महान ग्रंथ है। इसका अर्थ है "विवेक (विभेद) का रत्नमुकुट", क्योंकि यह पुस्तक नित्य (ब्रह्म) और अनित्य (माया) के बीच भेदभाव करने की महत्ता को समझाती है।

    यह ग्रंथ आत्म-साक्षात्कार, संसार की असारता और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग दिखाता है। इसमें 580 श्लोक हैं, जो आध्यात्मिक जिज्ञासुओं को आत्मज्ञान की ओर ले जाते हैं

    पुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ (हिंदी):

    वेदांत दर्शन का सारअद्वैत वेदांत (अद्वैतवाद) की प्रमुख शिक्षाओं की व्याख्या।
    मोक्ष प्राप्ति का मार्गआत्मा (अहम्) और शरीर/मन के भेद को समझाने का गहन विवरण।
    गुरु की भूमिका और आत्म-जिज्ञासाज्ञान योग (Jnana Yoga) के महत्व को दर्शाता है।
    माया (भ्रम) का रहस्य – यह दिखाता है कि संसार अस्थायी है और आत्मा शाश्वत है
    सच्चे साधक की विशेषताएँ – एक आध्यात्मिक जिज्ञासु को कौन-कौन से गुण अपनाने चाहिए

    यह पुस्तक किनके लिए उपयोगी है?

    आध्यात्मिक जिज्ञासुओं और साधकों के लिए – जो आध्यात्मिक ज्ञान और आत्म-अन्वेषण में रुचि रखते हैं।
    वेदांत के विद्यार्थियों के लिए – जो अद्वैत वेदांत और शंकराचार्य की शिक्षाओं को समझना चाहते हैं।
    मोक्ष (मुक्ति) की खोज करने वालों के लिए – जो अस्तित्व के सत्य स्वरूप को जानना चाहते हैं।

  • Title: Vividh Prasang - Swami Vivekananda
    Language: Hindi (Original), Description in English
    Genre: Inspirational, Spiritual, Biographical

    Description:
    "Vividh Prasang - Swami Vivekananda" is a thought-provoking and inspiring collection of various incidents and anecdotes from the life of Swami Vivekananda. This book compiles selected moments that highlight his wisdom, strength of character, deep spirituality, and profound patriotism.

    Through real-life stories and events, the book showcases how Swami Vivekananda dealt with challenges using courage, intellect, and an unshakable faith in service to humanity. These diverse incidents provide valuable insight into his philosophy, his dedication to the upliftment of society, and his powerful speeches—especially his historic address at the Parliament of World Religions in Chicago.

    Key Themes Covered:

    • Inspirational episodes from Swami Vivekananda’s childhood

    • His relationship with Guru Ramakrishna Paramhansa

    • His vision for education, youth, and social reform

    • Teachings on spirituality, self-realization, and patriotism

    • Memorable quotes and public speeches

    Purpose of the Book:
    To inspire readers—especially the youth—with the timeless values and ideals Swami Vivekananda lived by, and to encourage the practice of spiritual strength, national pride, and selfless service.


    पुस्तक का नाम: विविध प्रसंग - स्वामी विवेकानंद
    विषय: स्वामी विवेकानंद के जीवन और विचारों पर आधारित प्रेरणादायक प्रसंगों का संग्रह
    भाषा: हिंदी
    विवरण:

    "विविध प्रसंग - स्वामी विवेकानंद" एक अत्यंत प्रेरणादायक पुस्तक है जिसमें स्वामी विवेकानंद के जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंग, उनके विचार, भाषणों के अंश और उनके द्वारा अनुभव किए गए घटनाक्रमों का संकलन किया गया है।

    इस पुस्तक में ऐसे अनेक प्रेरक प्रसंग हैं जो यह बताते हैं कि कैसे स्वामी विवेकानंद ने कठिन परिस्थितियों में भी आत्मबल, विवेक, और सेवा भाव को नहीं छोड़ा। यह पुस्तक उनके व्यक्तित्व की ऊँचाई, उनके आत्मविश्वास, राष्ट्रप्रेम और अध्यात्मिकता का जीवंत चित्र प्रस्तुत करती है।

    मुख्य विषयवस्तु:

    • स्वामी विवेकानंद के बचपन के प्रेरक प्रसंग

    • शिकागो धर्म सम्मेलन की झलकियाँ

    • गुरु रामकृष्ण परमहंस के साथ उनके संबंध

    • समाज सुधार, शिक्षा, और युवाओं के लिए उनके विचार

    • देशभक्ति और सेवा भावना से जुड़ी घटनाएँ

    पुस्तक का उद्देश्य:
    पुस्तक का उद्देश्य युवाओं और सामान्य पाठकों को आत्मप्रेरणा देना, राष्ट्रभक्ति जगाना और स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को जीवन में अपनाने हेतु प्रेरित करना है।

  • हिन्दू धर्म में विवाह युवक-युवतियों को तब दिया जाता है, जब शारीरिक, मानसिक परिपक्वता परिवार निर्माण की जिम्मेदारी लेने में सक्षम हो जाती है। भारतीय संस्कृति के अनुसार, विवाह केवल शारीरिक या सामाजिक समझौते नहीं हैं, यहाँ जोड़े को एक श्रेष्ठ आध्यात्मिक साधना का रूप दिया गया है। इसलिए कहा जाता है 'धन्य गृह-भवन:'
  • स्वामी विवेकानंद ने विज्ञान और आध्यात्मिकता के बीच संबंध पर गहन विचार प्रस्तुत किए हैं। उनके अनुसार, विज्ञान और आध्यात्मिकता एक दूसरे के पूरक हैं और दोनों का उद्देश्य सत्य की खोज है—विज्ञान भौतिक जगत में सत्य की खोज करता है, जबकि आध्यात्मिकता आत्मा और चेतना के स्तर पर।

    स्वामी विवेकानंद ने वेदांत के सिद्धांतों को आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़ने का प्रयास किया। उन्होंने पश्चिमी वैज्ञानिकों, जैसे निकोला टेस्ला, के साथ संवाद किया और उन्हें प्राण (ऊर्जा) और आकाश (पदार्थ) जैसे वेदांत के मूलभूत तत्वों से परिचित कराया। हालांकि टेस्ला इन अवधारणाओं को गणितीय रूप से प्रमाणित नहीं कर सके, लेकिन यह संवाद विज्ञान और आध्यात्मिकता के बीच की खाई को पाटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

    स्वामी विवेकानंद का मानना था कि शिक्षा का उद्देश्य मानव व्यक्तित्व का पूर्ण विकास है, जिसमें बौद्धिक, शारीरिक और आध्यात्मिक विकास शामिल है। उन्होंने कहा, "शिक्षा वह नहीं है जो हमें जानकारी भर दे, बल्कि यह जीवन-निर्माण, मनुष्य-निर्माण, चरित्र-निर्माण और विचारों का समावेश है। 

    उन्होंने यह भी माना कि विज्ञान और धर्म दोनों का अंतिम लक्ष्य मानवता की भलाई है, और दोनों को एक-दूसरे के विरोधी के रूप में नहीं, बल्कि सहयोगी के रूप में देखा जाना चाहिए। उनके विचारों में, वेदांत और विज्ञान के बीच सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। 

    स्वामी विवेकानंद के ये विचार आज भी प्रासंगिक हैं और विज्ञान तथा आध्यात्मिकता के बीच संतुलन स्थापित करने में सहायक हो सकते हैं।

  •  गीतामें भगवान्‌ने एक बड़ी विलक्षण बात बतायी है–

    बहूनां जन्मनामन्ते ज्ञानवान्मां प्रपद्यते ।

    वासुदेवः सर्वमिति स महात्मा सुदुर्लभः ॥

    बहुत जन्मोंके अन्तमें अर्थात् मनुष्यजन्ममें ‘सब कुछ वासुदेव ही है’–ऐसे जो ज्ञानवान मेरे शरण होता है, वह महात्मा अत्यन्त दुर्लभ है ।’

    ज्ञान किसी अभ्याससे पैदा नहीं होता, प्रत्युत जो वास्तवमें है, उसको वैसा ही यथार्थ जान लेनेका नाम ‘ज्ञान’ है । ‘वासुदेवः सर्वम्’ (सब कुछ परमात्मा ही है)–यह ज्ञान वास्तवमें है ही ऐसा । यह कोई नया बनाया हुआ ज्ञान नहीं है, प्रत्युत स्वतःसिद्ध है । अतः भगवान्‌की वाणीसे हमें इस बातका पता लग गया कि सब कुछ परमात्मा ही है, यह कितने आनन्दकी बात है ! यह ऊँचा-से-ऊँचा ज्ञान है । इससे बढ़कर कोई ज्ञान है ही नहीं । कोई भले ही सब शास्त्र पढ़ ले, वेद पढ़ ले, पुराण पढ़ ले, पर अन्तमें यही बात रहेगी कि सब कुछ परमात्मा ही है; क्योंकि वास्तवमें बात है ही यही !

     

  • वाटिका निधि श्री राधेश्याम बंका 


    वाटिका निधि - श्री राधेश्याम बंका

    परिचय:

    वाटिका निधि एक प्रतिष्ठित वित्तीय संस्था है जिसकी स्थापना समाज की आर्थिक प्रगति एवं समृद्धि के उद्देश्य से की गई है। इस संस्था के प्रमुख मार्गदर्शक एवं प्रेरणास्त्रोत श्री राधेश्याम बंका हैं, जो न केवल एक सफल उद्योगपति हैं, बल्कि एक समाजसेवी, धार्मिक विचारों वाले एवं दूरदृष्टि रखने वाले व्यक्तित्व भी हैं।

    श्री राधेश्याम बंका का योगदान:

    • उन्होंने वाटिका समूह के माध्यम से अनेक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जिनमें रियल एस्टेट, वित्त, और सामाजिक सेवा प्रमुख हैं।

    • उनका उद्देश्य केवल व्यापारिक लाभ नहीं, बल्कि समाज को आत्मनिर्भर एवं समृद्ध बनाना भी रहा है।

    • उन्होंने सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के अंतर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य एवं महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में अनेक पहल की हैं।

    वाटिका निधि के मुख्य उद्देश्य:

    • आम जनता को सुरक्षित एवं लाभदायक वित्तीय योजनाएँ उपलब्ध कराना।

    • छोटे निवेशकों के लिए विश्वसनीय एवं पारदर्शी निवेश के अवसर प्रदान करना।

    • सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाना।

    विशेषताएँ:

    • पारदर्शिता और विश्वास पर आधारित संचालन

    • अनुभवी नेतृत्व एवं मजबूत प्रबंधन

    • ग्राहकों की संतुष्टि को सर्वोच्च प्राथमिकता