• कथा के माध्यम से शिक्षाप्रद और शिक्षाप्रद सूत्र की व्याख्या भारतीय संतों की एक प्राचीन शैली है। कहानियों के माध्यम से सांसारिक उपदेश आसानी से दिए जा सकते हैं। इस पुस्तक  ऐसी 105 प्रेरक कहानियों का संग्रह है जो संघर्ष करने वालों की आत्मा को प्रबुद्ध करने में सक्षम है।

    🌼 पुस्तक का उद्देश्य:

    "प्रेरणाप्रद सत्य घटनाएँ" पुस्तक का मुख्य उद्देश्य है:

    • वास्तविक जीवन की घटनाओं के माध्यम से नैतिक शिक्षाएँ देना।

    • छात्रों, युवाओं और समाज के सभी वर्गों को उच्च जीवन-मूल्यों के प्रति प्रेरित करना।

    • धार्मिक, सामाजिक और आत्मिक स्तर पर मनुष्य को सशक्त बनाना।

    • आदर्श चरित्रों और कठिन समय में साहस दिखाने वालों की कहानियों से प्रेरणा देना।


    📖 सामग्री एवं संरचना:

    यह पुस्तक लगभग 105 सत्य घटनाओं का संग्रह है जो विभिन्न श्रेणियों में विभाजित की जा सकती हैं:

    1️⃣ देशभक्ति से ओतप्रोत घटनाएँ:

    • स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की कहानियाँ

    • बलिदान देने वाले अज्ञात नायकों की घटनाएँ

    2️⃣ धार्मिक व आध्यात्मिक प्रसंग:

    • संतों, महापुरुषों, ऋषियों के जीवन के प्रेरक प्रसंग

    • ईश्वरभक्ति से जुड़े चमत्कारिक अनुभव

    3️⃣ नैतिक शिक्षा की घटनाएँ:

    • सत्य, अहिंसा, करुणा, सेवा, दया जैसे मूल्यों की झलक

    • कठिन परिस्थिति में भी अपने सिद्धांतों पर अडिग रहने वाले लोग

    4️⃣ बालकों और युवाओं के लिए प्रेरणा:

    • बालकों के छोटे-छोटे साहसिक कार्य

    • स्कूली छात्रों की ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा


    🌿 शैली और भाषा:

    • सरल हिंदी भाषा, जिसे कोई भी पाठक (विशेषकर छात्र वर्ग) आसानी से समझ सकता है

    • संवादात्मक और रोचक शैली जो पाठक का मन बाँध लेती है

    • प्रत्येक घटना के अंत में सीख / प्रेरणा बिंदु दिया गया होता है

    • कहानियाँ छोटी, संक्षिप्त और प्रभावशाली होती हैं (1–2 पृष्ठों की)


    🎯 पाठकों के लिए उपयोगिता:

    यह पुस्तक विशेष रूप से उन पाठकों के लिए उपयुक्त है जो:

    • जीवन में प्रेरणा और आत्म-विश्वास की तलाश में हैं।

    • नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को समझना और अपनाना चाहते हैं।

    • कहानियों के माध्यम से शिक्षा और प्रेरणा प्राप्त करना पसंद करते हैं।

  • यह पुस्तक "नित्यकर्म-प्रयोग" है, जो कि गीता प्रेस, गोरखपुर द्वारा प्रकाशित की गई है। इस पुस्तक का उद्देश्य हिन्दू धर्म में प्रतिदिन किए जाने वाले नित्य कर्मों (जैसे संध्या-वंदन, पूजा, जप, हवन आदि) का विधिपूर्वक अभ्यास सिखाना है।

    🔶 नित्यकर्म का अर्थ:

    हिन्दू धर्म में "नित्यकर्म" वे कर्म होते हैं जिन्हें प्रत्येक श्रद्धालु को प्रतिदिन करना अनिवार्य माना गया है। ये कर्म धर्मशास्त्रों द्वारा निर्धारित हैं और जीवन को शुद्ध, अनुशासित तथा ईश्वर-केन्द्रित बनाने के लिए अत्यंत आवश्यक माने जाते हैं।

    "नित्यकर्म-प्रयोग" पुस्तक में इन नित्यकर्मों की संपूर्ण विधियों का वर्णन अत्यंत शास्त्रीय एवं व्यावहारिक रूप में किया गया है।


    🧘‍♂️ पुस्तक की प्रमुख सामग्री:

    1. संध्या-वंदन विधि:

    • ब्राह्मणों, क्षत्रियों और वैश्य जातियों के लिए त्रिकाल संध्या का विधान

    • गायत्री मंत्र जप की विधि और महत्व

    • आचमन, प्राणायाम, अर्घ्य-प्रदान, मार्जन, उपस्थान आदि की विधियाँ

    2. देव-पूजन:

    • गणेश, विष्णु, शिव, सूर्य आदि की दैनिक पूजा पद्धति

    • पंचोपचार और षोडशोपचार पूजन की संक्षिप्त एवं विस्तृत विधियाँ

    • पुष्प अर्पण, धूप-दीप, नैवेद्य और आरती

    3. हवन-विधि:

    • अग्नि स्थापन, आहुति मंत्र, स्वाहा के प्रयोग के साथ हवन करना

    • गृहस्थों के लिए नित्य हवन का महत्व और सरल प्रयोग

    4. जप और ध्यान:

    • मंत्र-जप की मानसिक, वाचिक और उपांशु विधियाँ

    • ध्यान की सरल पद्धति — देवता का ध्यान कैसे करें?

    • माला की विधिवत उपयोग विधि

    5. स्नान-संस्कार:

    • स्नान से पूर्व मंत्र, स्नान की विधि, वस्त्र-धारण आदि

    • आत्म-शुद्धि और मनोभाव की शुद्धता पर बल

    6. तर्पण और पितृ-कर्म:

    • नित्य पितृ-तर्पण का संक्षिप्त विधान

    • पितरों को श्रद्धा से जल अर्पण करना क्यों आवश्यक है?

    7. आरती, स्तुति और प्रार्थनाएँ:

    • विभिन्न देवताओं की आरतियाँ और स्तुति

    • प्रातः-संध्या, मध्याह्न और सायं के समय की प्रार्थनाएँ


    🌟 विशेषताएँ:

    • सरल भाषा में जटिल वैदिक विधियों को प्रस्तुत किया गया है

    • संस्कृत श्लोकों के साथ उनका हिन्दी अनुवाद एवं उपयोग विधि भी दी गई है

    • चित्रों के माध्यम से विधियों की दृश्यात्मक सहायता दी गई है (जैसे कवर पर दिखाया गया है)

    • नवीन और अनुभवी साधकों दोनों के लिए उपयुक्त


    🖼️ मुखपृष्ठ की प्रतीकात्मक व्याख्या:

    कवर चित्र में:

    • केंद्र में एक दिव्य आकृति (भगवान) से प्रकाश फैल रहा है — यह परमात्मा का प्रतीक है जो सभी नित्यकर्मों का केंद्र है।

    • चारों ओर विभिन्न क्रियाएँ करते हुए पुरुष दर्शाए गए हैं — जो कि दैनिक धार्मिक कृत्यों जैसे पूजा, संध्या, जप, हवन, ध्यान आदि में लीन हैं।

    • यह चित्र यह बताता है कि ये सभी कर्म भगवान की कृपा प्राप्ति के साधन हैं।


    🎯 किसके लिए उपयोगी है यह पुस्तक?

    • विद्यार्थी जो वैदिक पद्धति सीखना चाहते हैं

    • गृहस्थजन जो नित्य कर्म करना आरंभ करना चाहते हैं

    • ब्राह्मण और कर्मकाण्ड करने वाले पुजारी

    • सनातन धर्म के साधक जो दैनिक साधना को नियमबद्ध बनाना चाहते हैं


    📘 निष्कर्ष:

    "नित्यकर्म-प्रयोग" केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि एक आदर्श दिनचर्या का पथदर्शक ग्रंथ है, जो जीवन में आध्यात्मिक अनुशासन, मानसिक शुद्धि, और ईश्वर से जुड़ाव को सहज बनाता है। यह पारंपरिक सनातन धर्म की अनमोल विधियों को सहज भाषा और शुद्ध स्वरूप में प्रस्तुत करता है।

  • "भगवान् नाम और प्रार्थना के चमत्कार" एक अनुपम आध्यात्मिक कृति है, जो हमें यह समझाने का प्रयास करती है कि भगवान के नाम का स्मरण और सच्चे मन से की गई प्रार्थना में कितनी अपार शक्ति होती है। यह पुस्तक न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत प्रभावशाली है। लेखक हनुमानप्रसाद पोद्दार जी ने इसमें ऐसे अनेक प्रेरणास्पद प्रसंगों और घटनाओं का वर्णन किया है, जो यह सिद्ध करते हैं कि कठिन से कठिन परिस्थिति में भी यदि मनुष्य श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान का नाम लेता है, तो वह संकट से अवश्य मुक्त होता है।

    यह पुस्तक भगवद्भक्ति और भगवान के प्रति आस्था को दृढ़ करने वाली है। इसमें राम नाम की महिमा, हनुमान जी की कृपा, और अन्य देवी-देवताओं के चमत्कारों से जुड़े ऐसे प्रसंगों को स्थान दिया गया है, जो सत्य घटनाओं पर आधारित हैं। ये घटनाएँ विभिन्न भक्तों के जीवन से ली गई हैं, जिन्होंने संकट में पड़े होने पर केवल भगवान का नाम लिया और चमत्कारी रूप से उनके कष्ट दूर हो गए।

    मुख्य विषयवस्तु और विशेषताएँ:

    • रामनाम की शक्ति: पुस्तक का एक केंद्रीय विषय भगवान राम के नाम का महत्व है। यह नाम केवल उच्चारण नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक ऊर्जा है जो मन, वचन और कर्म को पवित्र बनाता है।

    • प्रार्थना का चमत्कार: सच्चे मन से की गई प्रार्थना कैसे ईश्वर को आकर्षित करती है और कैसे वह साधारण भक्तों की भी पुकार सुनते हैं – यह इस पुस्तक का मुख्य संदेश है।

    • चमत्कारी घटनाएँ: पुस्तक में दर्जनों सत्य घटनाएँ दी गई हैं, जिनमें लोगों की श्रद्धा, भक्ति और संकल्प के चलते जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन आए। चाहे वह रोग से मुक्ति हो, संकट से उबरना हो, या मानसिक शांति प्राप्त करना – सभी में भगवान के नाम और प्रार्थना की महिमा झलकती है।

    • भक्तों की कथाएँ: तुलसीदास, मीरा, भक्त ध्रुव, प्रह्लाद आदि महान भक्तों के जीवन प्रसंगों के साथ-साथ साधारण व्यक्तियों के अनुभव भी हैं, जो समान रूप से प्रेरक हैं।

    • भाषा और शैली: यह पुस्तक अत्यंत सरल, सरस और भावनापूर्ण भाषा में लिखी गई है, जिससे हर पाठक, चाहे वह किसी भी उम्र या पृष्ठभूमि से हो, आत्मिक रूप से जुड़ जाता है।

    उद्देश्य:

    इस पुस्तक का उद्देश्य केवल चमत्कार दिखाना नहीं, बल्कि यह है कि लोगों में ईश्वर के प्रति विश्वास जागे, वे नियमित नाम-स्मरण करें, और जीवन में शांति, धैर्य तथा आत्मबल प्राप्त करें। यह बताती है कि सच्चा भक्त वही है जो हर परिस्थिति में भगवान को याद करता है, उनके नाम का स्मरण करता है और कर्मपथ पर अडिग रहता है।


    पाठकों के लिए संदेश:

    "भगवान नाम और प्रार्थना के चमत्कार" न केवल भक्तों के लिए बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए अमूल्य रचना है जो जीवन में किसी न किसी संकट से गुजर रहा है और समाधान की तलाश में है। यह पुस्तक यह विश्वास देती है कि अगर श्रद्धा है, विश्वास है और मन में भक्ति की लौ जलती है, तो ईश्वर अवश्य सहायता करते हैं।

  • ‘वीर बालिकाएँ’ गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित एक प्रेरणादायक और ओजस्वी ग्रंथ है, जिसमें भारत की उन साहसी, निडर और पराक्रमी कन्याओं की जीवन-गाथाएँ प्रस्तुत की गई हैं, जिन्होंने अपनी छोटी उम्र में देश, धर्म और सम्मान की रक्षा के लिए अद्भुत शौर्य और बलिदान का परिचय दिया।


    🌼 मुख्य विषयवस्तु:

    • इस पुस्तक में ऐसी ऐतिहासिक बालिकाओं की घटनाओं को संकलित किया गया है जो केवल अपने साहस से नहीं, बल्कि अपने आदर्शों, कर्तव्यनिष्ठा और देशभक्ति से भी अमर हो गईं।

    • यह पुस्तक यह सिद्ध करती है कि साहस केवल आयु का विषय नहीं, बल्कि आत्मबल का स्वरूप है।

    • बालिकाओं को यह प्रेरणा मिलती है कि वे भी रक्षा, वीरता और त्याग के क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं।


    ⚔️ वर्णित प्रमुख प्रसंग (उदाहरणस्वरूप):

    • झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के बाल्यकाल का वीरत्व

    • मद्र प्रदेश की वीर कन्याओं की शौर्यगाथा

    • राजस्थान की कन्याओं द्वारा आक्रमणकारियों के विरुद्ध प्रतिरोध

    • धर्म की रक्षा हेतु अपने प्राणों की आहुति देने वाली बालिकाएँ

    (नोट: पुस्तक में अनेक प्रसंग दिए गए हैं, जो अलग-अलग कालखंडों और प्रांतों की वीर बालिकाओं से संबंधित हैं।)


    🌟 विशेषताएँ:

    • सरल भाषा में लेखन: ताकि छोटे बच्चे और छात्र भी इसे पढ़ सकें।

    • चित्रों सहित प्रस्तुति: कुछ कहानियाँ चित्रों से युक्त हैं, जो बालकों को रोचक लगती हैं।

    • चरित्र निर्माण हेतु उपयुक्त: बालिकाओं में नैतिकता, साहस, देशप्रेम और आत्मगौरव की भावना जाग्रत करने वाला ग्रंथ।


    📚 उपयुक्त पाठक वर्ग:

    • स्कूल-कॉलेज की छात्राएँ

    • शिक्षक, माता-पिता और राष्ट्रभक्त

    • वे सभी जो नारी शक्ति और भारतीय इतिहास में रुचि रखते हैं।


    ✨ निष्कर्ष:

    वीर बालिकाएँ नारी-शक्ति की महानता और उनके भीतर छिपे वीरत्व की झलक प्रस्तुत करने वाली अनुपम कृति है। यह पुस्तक बच्चों को संस्कार, साहस और प्रेरणा देने में सहायक सिद्ध होती है।

  • "भगवन्नाम-महात्म्य" एक दिव्य और अत्यंत उपयोगी पुस्तक है, जो भगवन्नाम (ईश्वर के नाम) के जप, स्मरण और महिमा पर केन्द्रित है। इसमें विशेष रूप से 28860 बार नाम-जप का विधान बताया गया है, जिससे पाठक न केवल नामस्मरण की महत्ता को समझता है, बल्कि व्यवस्थित रूप से भगवान का नाम लेने का अभ्यास भी प्राप्त करता है।

    इस पुस्तक में मुख्य रूप से “राम नाम” की महिमा को वर्णित किया गया है, जैसा कि कवर पर बार-बार लिखा गया है:
    🔁 "राम राम राम राम राम..."
    इसके साथ ही इसमें अन्य भगवन्नामों की भी व्याख्या, जप विधि, लाभ और महिमा से संबंधित शास्त्रीय प्रमाण, संतों के अनुभव, और साधकों के लिए उपयोगी निर्देश दिए गए हैं।


    🪔 मुख्य विषय-वस्तु:

    1. भगवन्नाम की महिमा:
      शास्त्रों, संतों और अनुभवों के आधार पर भगवान के नाम के जप की महत्ता – जैसे कि कलियुग में केवल नाम-जप से मोक्ष संभव है।

    2. रामनाम की शक्ति:
      राम नाम को विशेष रूप से “मोक्षदायक”, “पापनाशक” और “भवसागर से पार लगाने वाला” बताया गया है।

    3. 28860 नाम-जप का विधान:
      यह विशेष संख्या किस प्रकार साधक को दैनिक रूप से जप करने में मार्गदर्शन देती है — इसका सारणीबद्ध तरीका भी इसमें हो सकता है।

    4. जप की विधियाँ और नियम:
      मानसिक, वाचिक (बोलकर) और उपांशु (धीरे-धीरे) जप के भेद, साथ ही समय, आसन, नियम आदि का वर्णन।

    5. संतों के कथन एवं अनुभव:
      तुलसीदास, नामदेव, एकनाथ, समर्थ रामदास आदि संतों द्वारा भगवन्नाम की प्रशंसा।

    6. शास्त्रीय आधार:
      भगवन्नाम के समर्थन में श्रीमद्भागवत, नारद भक्ति सूत्र, पद्मपुराण आदि से संदर्भ।


    ✍️ पाठकों के लिए विशेष उपयोगिता:

    • जो साधक नित्य जप-साधना करना चाहते हैं, उनके लिए यह पुस्तक एक व्यवस्थित सहायक है।

    • जो लोग अपने जीवन में आध्यात्मिक शांति, चिंतन, और भक्ति लाना चाहते हैं, उनके लिए रामनाम-जप अत्यंत फलदायक बताया गया है।

    • घरों में, मठों में, सत्संगों में इसका नियमित पाठ और जप-गणना की जा सकती है।


    📖 पुस्तक का प्रभाव:

    यह पुस्तक पाठक के भीतर एक भक्तिपूर्ण अनुशासन, नियंत्रण, और नाम-जप की स्थिरता विकसित करती है। जब कोई व्यक्ति दिन-प्रतिदिन नियमित रूप से नामजप करता है, तो उसका मन शांत, बुद्धि निर्मल और हृदय प्रभु-प्रेम से भर जाता है।

    28860 28860
  • नरसी मेहता गुजराती भक्तिसाहित्य की श्रेष्ठतम विभूति थे। उनके कृतित्व और व्यक्तित्व की महत्ता के अनुरूप साहित्य के इतिहासग्रंथों में "नरसिंह-मीरा-युग" नाम से एक स्वतंत्र काव्यकाल का निर्धारण किया गया है जिसकी मुख्य विशेषता भावप्रवण कृष्णभक्ति से अनुप्रेरित पदों का निर्माण है। इस पुस्तक में गुजरात के प्रसिद्ध भक्त श्री नरसिंह मेहता के चरित्र-चित्रण में उनके जीवन की अद्भुत घटनाओं का बड़ा ही भावात्मक वर्णन किया गया है। पुस्तक 20 अध्यायों में विभक्त की गयी है जिसमें नरसिंह मेहता पर महात्मा की कृपा, कुटुम्ब-विस्तार, शिव-अनुग्रह, रासदर्शन, अनन्याश्रय, कुँवरबाई का दहेज, भक्त और भगवान्, अन्तिम अवस्था आदि महत्वपूर्ण विषय हैं। भगवान के द्वारा भक्त के योग-क्षेम-वहन का नरसिंह मेहता जैसा अद्भुत चरित्र और कोई नहीं मिलता। 

    🌟 विशेषताएं:

    1. भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त:
      नरसिंह मेहता का जीवन श्रीकृष्ण की भक्ति में पूर्णतः समर्पित था। कहते हैं कि उन्होंने स्वयं भगवान कृष्ण के रासलीला दर्शन किए थे।

    2. भक्ति और काव्य का संगम:
      उन्होंने सरल गुजराती भाषा में पद, भजन और काव्य रचे, जिनमें श्रीकृष्ण की लीलाओं और भक्ति की महिमा का वर्णन है।

    3. ‘Vaishnav Jan To’ भजन:
      उनका रचित प्रसिद्ध भजन "Vaishnav Jan To Tene Kahiye Je, Peed Parayi Jaane Re..." महात्मा गांधी के जीवन का आदर्श बना। यह भजन आज भी देश-विदेश में प्रसिद्ध है।

    4. जाति-भेद का विरोध:
      नरसिंह मेहता ने सामाजिक भेदभाव, विशेषकर ऊँच-नीच की भावना, का विरोध किया। वे हर वर्ग के लोगों को भगवान का भक्त मानते थे।


    💡 प्रेरणादायक घटनाएं:

    • रासलीला दर्शन की कथा:
      एक बार नरसिंह मेहता गुफा में साधना कर रहे थे। वहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें दर्शन दिए और रासलीला में सम्मिलित किया। जब वे बाहर आए, तो उन्हें लगा कि कई दिन बीत चुके हैं, जबकि उन्हें लगा था कि कुछ ही समय हुआ था।

    • ईश्वर कृपा से विवाह खर्च:
      उनकी बेटी का विवाह निर्धनता के कारण कठिन हो रहा था। पर भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं एक ब्राह्मण के रूप में आकर सभी खर्च पूरे किए।

  • "भक्त-सौरभ" गीताप्रेस, गोरखपुर द्वारा प्रकाशित संक्षिप्त भक्त-चरित-माला श्रृंखला की ग्यारहवीं कड़ी है, जिसमें भारतीय भक्त परंपरा के दिव्य और प्रेरणादायक चरित्रों को सुंदरता, सरसता और श्रद्धा के साथ प्रस्तुत किया गया है।

    इस पुस्तक का नाम "सौरभ" अर्थात "सुगंध" का प्रतीक है। जैसे फूलों की सौरभ चारों ओर वातावरण को महकाती है, वैसे ही इन भक्तों की जीवन-गाथाएँ समाज को भक्ति, सेवा और सदाचार की सुगंध से भर देती हैं।


    🌼 मुख्य विशेषताएँ:

    1. प्रेरणादायक भक्त चरित्रों का संग्रह:
      इस पुस्तक में भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, और अन्य अवतारों तथा संतों के प्रति अत्यंत प्रेम और भक्ति रखने वाले भक्तों के जीवन वर्णित हैं। जैसे—

      • शबरी

      • गीधराज जटायु

      • निषादराज

      • हनुमानजी

      • धन्ना भगत

      • सुदामा

      • प्रह्लाद

      • और अन्य भक्त

    2. सादगी और समर्पण की मिसाल:
      इनमें से कई भक्त निर्धन, पिछड़े, या समाज द्वारा उपेक्षित थे, लेकिन उन्होंने अपने निष्कलंक प्रेम, सेवा और भक्ति से ईश्वर को प्रसन्न कर लिया। यह संदेश देता है कि ईश्वर को पाने के लिए बाह्य वैभव नहीं, अंतर का पवित्र भाव चाहिए।

    3. सुगम भाषा व शैली:
      यह पुस्तक सरल और प्रवाहपूर्ण हिंदी में लिखी गई है, जिससे छोटे बच्चे, विद्यार्थी, गृहिणी या वरिष्ठ नागरिक भी सरलता से समझ सकें और इसका लाभ ले सकें।

    4. चित्रों से सज्जित:
      हर चरित्र को रोचक व रंगीन चित्रों के माध्यम से जीवंत किया गया है, जिससे पढ़ने का अनुभव और भी रोचक बनता है।

    5. संस्कारात्मक शिक्षा:
      यह केवल मनोरंजन या ज्ञान की दृष्टि से नहीं, बल्कि जीवन में नैतिकता, श्रद्धा, सेवा, विनम्रता और ईश्वर भक्ति जैसे गुणों को जागृत करने के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।


    🙏 पुस्तक का उद्देश्य:

    गीताप्रेस का उद्देश्य केवल पुस्तक प्रकाशन नहीं, बल्कि "व्यासपीठ से लोक-कल्याण" का भाव है। भक्त-सौरभ जैसी पुस्तकें समाज में आध्यात्मिक चेतना जगाने, भक्ति की भावना को गहन करने, और विशेष रूप से युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का काम करती हैं।


    पाठकों के लिए विशेष सन्देश:

    यदि आप या आपके परिवार के सदस्य उन भक्तों की कहानियाँ पढ़ना चाहते हैं जिनका जीवन त्याग, सेवा और सच्ची भक्ति से परिपूर्ण था, तो "भक्त-सौरभ" अवश्य पढ़ें। इसमें न केवल धार्मिक ज्ञान है, बल्कि व्यवहारिक जीवन के लिए भी मार्गदर्शन है।

  • "श्रीमद्भगवद्गीता - महात्म्य की कहानियाँ" एक प्रेरणाप्रद एवं आध्यात्मिक पुस्तक है, जो श्रीमद्भगवद्गीता के महत्व को सरल, रोचक और कथात्मक शैली में प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक में गीता के माहात्म्य से जुड़ी विविध पौराणिक एवं धार्मिक कथाएँ संकलित की गई हैं, जो दर्शाती हैं कि कैसे गीता का पठन, श्रवण या स्मरण भी मानव जीवन में अत्यंत प्रभावशाली रूप से परिवर्तन ला सकता है।

    यह पुस्तक बताती है कि गीता केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला, धर्म का सार, और आत्मोन्नति का मार्ग है। इसमें भगवान शिव, नारद, भृगु, ब्रह्माजी, तथा अन्य ऋषियों और साधकों के माध्यम से गीता की महिमा को अत्यंत भावपूर्ण ढंग से उजागर किया गया है।


    🌟 मुख्य विशेषताएँ:

    1. गीता का प्रभावशाली माहात्म्य:
      कहानियों के माध्यम से बताया गया है कि किस प्रकार गीता के पाठ, मनन और श्रद्धा से जीवन में पापों का क्षय होता है और मोक्ष प्राप्त होता है।

    2. प्रेरक कथाएँ:
      प्रत्येक कथा में कोई न कोई गूढ़ आध्यात्मिक शिक्षा छिपी होती है, जो सरल भाषा में पाठक को साक्षात्कार कराती है।

    3. धार्मिक भावना को जाग्रत करनेवाली पुस्तक:
      यह ग्रंथ विशेषतः उन लोगों के लिए उपयोगी है जो धार्मिक पथ पर चलना चाहते हैं, लेकिन जटिल शास्त्रों को नहीं समझ पाते। ये कथाएँ सरल और हृदयस्पर्शी हैं।

    4. चित्रों और सन्दर्भों से युक्त:
      पुस्तक में आकर्षक चित्रों और पौराणिक सन्दर्भों के माध्यम से कथाओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे बालक-वृद्ध सभी रुचिपूर्वक पढ़ सकें।


    🧘‍♀️ शिक्षाप्रद विषयवस्तु:

    • श्रीमद्भगवद्गीता की महिमा का वर्णन

    • भगवान शिव द्वारा गीता के ज्ञान का उपदेश

    • पापियों का उद्धार गीता से कैसे होता है

    • मुनियों और साधकों के अनुभव

    • धर्म, भक्ति और ज्ञान की समन्वयात्मक दृष्टि


    🙏 उपसंहार:

    "श्रीमद्भगवद्गीता - महात्म्य की कहानियाँ" एक ऐसी पुस्तक है जो न केवल गीता की महिमा का परिचय कराती है, बल्कि आत्मा को परमात्मा से जोड़ने की सहज प्रेरणा भी देती है। यह गीता की ओर एक प्रारंभिक पुल के समान है, जो पाठक को धीरे-धीरे श्रीमद्भगवद्गीता के गूढ़ ज्ञान की ओर अग्रसर करता है।

    यह पुस्तक सभी आयु वर्ग के लिए उपयुक्त है, विशेषतः बच्चों, किशोरों, व्रुद्धों और भक्तजनों के लिए, जो धर्म और अध्यात्म में रुचि रखते हैं।

  • हिन्दू धर्म में विभिन्न देवताओं के अवतार की मान्यता है। प्रायः विष्णु के दस अवतार माने गये हैं जिन्हें दशावतार कहते हैं।

     दशावतार एक चित्रमय पुस्तक है, जो भगवान विष्णु के दस प्रमुख अवतारों की कथाओं को सरल हिंदी भाषा में प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक में निम्नलिखित अवतारों की कहानियाँ शामिल हैं

    • मत्स्य (मछली)

    • कूर्म (कच्छप/कछुआ)

    • वराह (सूअर)

    • नरसिंह (आधा मानव, आधा सिंह)

    • वामन (बौना ब्राह्मण)

    • परशुराम (योद्धा ब्राह्मण)

    • राम (अयोध्या के राजा)

    • कृष्ण (द्वारका के राजा)

    • बुद्ध (गौतम बुद्ध)

    • कल्कि (भविष्य में आने वाला अवतार)

    • प्रत्येक अवतार की कथा को रंगीन चित्रों के साथ प्रस्तुत किया गया है, जिससे पाठकों को भगवान विष्णु के अवतारों की लीलाओं और उद्देश्यों को समझने में सहायता मिलती है। यह पुस्तक विशेष रूप से बच्चों और युवाओं के लिए उपयुक्त है, जो हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं में रुचि रखते हैं।

    • यह पुस्तक न केवल धार्मिक शिक्षा के लिए उपयोगी है, बल्कि बच्चों के लिए एक मनोरंजक और ज्ञानवर्धक संसाधन भी है। यदि आप अपने बच्चों को हिंदू धर्म की मूलभूत कथाओं से परिचित कराना चाहते हैं, तो यह पुस्तक एक उत्कृष्ट विकल्प है।
  • अष्टविनायक गीता प्रेस, गोरखपुर द्वारा प्रकाशित एक संक्षिप्त और सारगर्भित पुस्तक है, जो महाराष्ट्र के आठ प्रमुख गणेश मंदिरों की पौराणिक कथाओं, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और धार्मिक महत्व को प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक उन श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो अष्टविनायक यात्रा की योजना बना रहे हैं या भगवान गणेश के इन आठ स्वरूपों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं।


    🛕 अष्टविनायक मंदिरों की सूची:

    1. मयूरेश्वर (मोरेश्वर), मोरगांव

      • यह अष्टविनायक यात्रा का प्रारंभिक और अंतिम मंदिर है।

    2. सिद्धिविनायक, सिद्धटेक

      • भीमा नदी के किनारे स्थित, यह मंदिर सिद्धियों के दाता गणेश को समर्पित है।

    3. बल्लाळेश्वर, पाली

      • यह मंदिर भगवान गणेश के भक्त बल्लाल की कथा से जुड़ा है।

    4. वरदविनायक, महड

      • यहां भक्तों को स्वयं मूर्ति के समीप जाकर पूजा करने की अनुमति है।

    5. चिंतामणि, थेऊर

      • यह मंदिर चिंताओं को हरने वाले गणेश जी को समर्पित है।

    6. गिरिजात्मज, लेण्याद्री

      • यह एकमात्र अष्टविनायक मंदिर है जो एक पर्वत की गुफा में स्थित है।

    7. विघ्नेश्वर, ओझर

      • यह मंदिर विघ्नों को दूर करने वाले गणेश जी को समर्पित है।

    8. महागणपति, रांजणगांव

      • यहां भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध करने से पूर्व गणेश जी की आराधना की थी।                                                                                                                             

        📚 पुस्तक की विशेषताएँ:

        • संक्षिप्त और सरल भाषा में लिखी गई, जिससे सभी आयु वर्ग के पाठक इसे आसानी से समझ सकते हैं।

        • प्रत्येक मंदिर की कथा, इतिहास और महत्व को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है।

        • यात्रा की योजना बनाने वाले श्रद्धालुओं के लिए मार्गदर्शिका के रूप में उपयोगी।

  • "देवी भागवत की प्रमुख कथाएँ" गीता प्रेस, गोरखपुर द्वारा प्रकाशित एक सुंदर और शिक्षाप्रद पुस्तक है, जो विशेष रूप से बच्चों और युवाओं के लिए बनाई गई है। इस पुस्तक में देवी भागवत पुराण की प्रमुख कहानियों को संक्षेप में रंगीन चित्रों के साथ प्रस्तुत किया गया है, जिससे पाठकों को हमारे महान ग्रंथों के बारे में जानकारी मिलती है और उनके संस्कार तथा ज्ञान में वृद्धि होती है

    📖 प्रमुख कहानियाँ

    इस पुस्तक में निम्नलिखित प्रमुख कथाएँ संकलित हैं:

    • भगवान विष्णु के हयग्रीव अवतार की कथा

    • मधु-कैटभ की कथा

    • महामुनि शुकदेव एवं तत्त्वज्ञानी जनक की कथा

    • भगवती महिषासुरमर्दिनी की कथा

    • राजा सुरथ एवं समाधि वैश्य को देवी-दर्शन की कथा

    • सत्यवादी महाराज हरिश्चन्द्र की कथा

    • भगवती शताक्षी (शाकम्भरी) की कथा

    • भगवती के 'दुर्गा' नाम का इतिहास

    • उमा (हैमवती) देवी की कथा

    • परात्पर भगवान श्यामसुंदर एवं मूल प्रकृति राधा की कथा

    • श्रीकृष्ण के वामांश से प्रकट राधा और श्रीकृष्ण द्वारा सृष्टि रचना की कथा

    • त्रिदेवों द्वारा भगवती की आराधना और रावणवध का वरदान

    • श्री भ्रामरी देवी की कथा

    • इन्द्रदर्पहारिणी भगवती आदिशक्ति की कथा

    • श्री भुवनेश्वरी देवी तथा उनका परमधाम मणिद्वीप की कथा

    • गायत्री महिमा और त्रिकालोपास्या भगवती गायत्री की कथा                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          इन कहानियों के माध्यम से पाठकों को देवी की विभिन्न लीलाओं, अवतारों और भक्तों के साथ उनके संबंधों की जानकारी मिलती है, जो उनके आध्यात्मिक विकास में सहायक होती है ।यह पुस्तक न केवल बच्चों के लिए एक आदर्श उपहार है, बल्कि सभी आयु वर्ग के पाठकों के लिए देवी भागवत पुराण की गूढ़ शिक्षाओं को सरल और रोचक रूप में प्रस्तुत करती है

  • "अमृत के घूँट" पूज्य श्रीरामचरण महेन्द्र जी द्वारा लिखित एक अत्यंत हृदयस्पर्शी और आत्मिक प्रेरणा से पूर्ण पुस्तक है, जिसमें उन्होंने जीवन की छोटी-छोटी बातों में छुपे हुए गूढ़ आध्यात्मिक संदेशों को सरल, मीठी भाषा में प्रस्तुत किया है।

    यह पुस्तक पाठक को आत्मनिरीक्षण, सद्विचार, और ईश्वर की ओर अग्रसर करने वाली होती है। इसका पठन ऐसा अनुभव कराता है, मानो हर शब्द ईश्वरीय अमृत के समान हो, जो आत्मा को शांति और संतुलन प्रदान करता है।


    मुख्य विशेषताएँ

    1. सरल पर प्रभावशाली शैली:
      श्रीरामचरण महेन्द्र जी की लेखनी में कोई भारी तत्त्वज्ञान नहीं, बल्कि ऐसा मधुर भाव होता है, जो सीधे हृदय को छू जाता है।

    2. संवादात्मक शैली:
      कई प्रसंग ऐसे हैं जो पाठक और आत्मा के बीच संवाद जैसा प्रतीत होते हैं — जैसे गुरु और शिष्य की बातचीत।

    3. आध्यात्मिक जीवन की झलकियाँ:
      जीवन में त्याग, सेवा, भक्ति, सत्य, संयम और संतोष का महत्व सहज भाषा में बताया गया है।

    4. प्रसंग और दृष्टांत:
      पुस्तक में कई छोटे-छोटे प्रसंग, दृष्टांत या विचार-मोती हैं, जो आत्मविकास में सहायक हैं।


    🌺 कुछ प्रमुख विषय (अध्याय या भाव):

    • मन को वश में कैसे करें?

    • ईश्वर की स्मृति में रहना क्या होता है?

    • सेवा का सही अर्थ क्या है?

    • आत्मा और शरीर का संबंध

    • लोभ-मोह से मुक्ति का मार्ग

    • प्रभु की प्राप्ति का सरल उपाय

    • संतों की संगति का प्रभाव


    🧘‍♂️ क्यों पढ़ें यह पुस्तक?

    • यदि आप चाहते हैं मन की शांति,

    • जीवन में सकारात्मक सोच,

    • भक्ति और आत्मा का पोषण,

    • तो यह पुस्तक आपके लिए अमृत-घूँट की तरह है।

    यह पुस्तक छोटे आकार में गहरी साधना का मार्ग बताती है, और प्रतिदिन एक पृष्ठ पढ़ना भी आत्मा के लिए अमृततुल्य है।