Published On: August 11, 20212 words0 min read

हर कोई ये जानना चाहता है कि उसकी मौत किस उम्र में और किस तरह से होगी.

मौत (Death) एक ऐसा सच है, जिसे झुठलाया नहीं जा सकता. लोग अक्‍सर इस पर बात नहीं करना चाहते. इसका समय भी कोई नहीं बता सकता. पर इसे लेकर हर किसी के मन में शंकाए अवश्‍य रहती है.

हर कोई ये जानना चाहता है कि उसकी मौत किस उम्र में और किस तरह से होगी. हालांकि इसे सटीक तौर पर बता पाना तो शायद किसी के लिए भी मुमकिन ना हो, पर हां मौत से पहले के कुछ संकेतों को जरूर समझा जा सकता है.

इन संकेतों के बारे में शिवपुराण में बताया गया है. ये संकेत आसानी से समझे जा सकते हैं. बस जरूरत है बारीकी से इन्‍हें पहचानने की.

शिवपुराण में कहा गया है कि एक समय मां पार्वती ने भगवान शिव से पूछा, ”मृत्यु का चिह्न क्या हैं, क्या संकेत हैं, मृत्यु निकट आने से पहले कौन-कौन लक्षण प्राप्त होते हैं”? तब भगवान शिव ने मृत्यु का समय निकट आने पर जो संकेत मिलते हैं, वे माता पार्वती को बताए.

ऐसेहोतेहैंमृत्‍युसेपूर्वसंकेत

– जब किसी व्यक्ति का शरीर अचानक पीला या सफेद पड़ जाए. ऐसे इंसान की मृत्यु छह माह में हो जाती है.

– मुंह, जीभ, कान, आंखें, नाक स्तब्ध हो जाए. यानी पथरा जाएं तो भी छह माह बाद मृत्‍यु हो जाती है.

– तमाम कोशिशों के बाद भी कोई व्यक्ति चंद्रमा, सूर्य या आग से उत्पन्न रोशनी को ना देख सके, तो वह छह माह ही जीवित रह पाता है.

– अचानक सब कुछ काला दिखाई देने लगे. रंग बोध समाप्‍त हो जाए तो ऐसे व्‍यक्ति की मृत्‍यु निकट समझें.

– बायां हाथ लगातार एक सप्ताह तक अकारण फड़कता रहे, तो समझना चाहिए कि उसकी मृत्यु एक माह बाद हो सकती है.

– जीभ फूल जाए, दांतों से मवाद निकले और स्वास्थ्य बेहद खराब हो जाए, तो जीवन छह माह शेष रह जाता है.

– पानी में, तेल में, दर्पण में अपनी परछाई न देख पाए. परछाई दिखे तो वह विकृत दिखाई देने लगे, ऐसा इंसान छह माह का जीवन जीता है.

– जब अपनी छाया स्वयं से अलग दिखने लगे तो समझें कि मृत्‍यु एक माह ही शेष है.

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