हनुमान दास बाबा , उम्र लगभग 170 वर्ष ये तस्वीर वृंदावन के हनुमान दास बाबा की हैं , जो पृथ्वी पर सबसे पुराने जीवित संतों में से एक हैं । एक बार भक्त ने इस बाबा से पूछा कि वह कितने साल केे हे। उन्होंने कहा कि वह अपनी उम्र को याद नहीं कर सकते हैं , लेकिन उन्हें याद है कि जब झांसी की रानी अंग्रेजों से लड़ी थी तब वह 12 साल के थे । आप उससे इनकी उम्र घटा सकते हैं । झांसी की रानी ने 1857 में अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी , इसलिए वह लगभग 170 साल के हुये ।
युवा होने पर , हनुमान दास बाबा अपना घर छोड़कर वृंदावन आ गए और भगवान कृष्ण के भक्त बन गए । उन्होंने वृंदावन में एक भव्य गोशाला की स्थापना की , जहां 1,000 वर्तमान में गायों की सेवा और सुरक्षा की जा रही है । एक संस्मरण याद करते हुए महात्मा जी बताते हैं कि जब एक छोटा बच्चा था , उसकी माँ झाँसी की रानी की नौकर थी , जिसकी 1858 में मृत्यु हो गई थी । ये सिर्फ एक कहानी है , ऐसे असंख्य साधु महात्मा हैं हमारे भारतवर्ष में जो अभी भी गुमनाम हैं ।
Leave your comment
Related posts
वेद हिंदू धर्म के सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण धर्मग्रंथ हैं। ये संस्कृत में लिखे गए हैं और इन्हें "श्रुति" कहा जाता है, जिसका अर्थ है "जो सुना गया हो"। वेद [...]
Tears are an easy prayer. If you cry hearing the name of the Lord, if you cry with his name, then these moments of life are meaningful, auspicious. These moments [...]
स्वामी हरिदास (अंग्रेज़ी: Swami Haridas) भक्त कवि, शास्त्रीय संगीतकार तथा कृष्णोपासक 'सखी संप्रदाय' के प्रवर्तक थे, जिसे 'हरिदासी संप्रदाय' भी कहते हैं। इन्हें ललिता सखी का अवतार माना जाता है। इनकी छाप रसिक है। [...]