नर्मदा
र्मै नर्मदा हूं। जब गंगा नहीं थी , तब भी मैं थी। जब हिमालय नहीं था , तभी भी मै थी। मेरे किनारों पर नागर सभ्यता का विकास नहीं हुआ।…
र्मै नर्मदा हूं। जब गंगा नहीं थी , तब भी मैं थी। जब हिमालय नहीं था , तभी भी मै थी। मेरे किनारों पर नागर सभ्यता का विकास नहीं हुआ।…
*सुंदरकांड पढ़ते हुए 25 वें दोहे पर ध्यान थोड़ा रुक गया* । *तुलसीदास ने सुन्दर कांड में, जब हनुमान जी ने लंका मे आग लगाई थी, उस प्रसंग पर लिखा…
भिखारी रोज एक दरवाजें पर जाता और भिख के लिए आवाज लगाता, और जब घर मालिक बाहर आता तो उसे गंदीगंदी गालिया और ताने देता, मर जाओ, काम क्यूं नही…
"पुराणों से आधुनिक ज्ञान" "पुराणों को विद्यालयों में लागू करना क्यों अनिवार्य हो" अट्ठारह पुराणों का संक्षिप्त परिचयपुराण शब्द का अर्थ ही है प्राचीन कथा, पुराण विश्व साहित्य के सबसे…