14 प्रकार की मृत्यु !
शास्त्रों के अनुसार 14 प्रकार के दुर्गुण जो मृत्यु तुल्य हैं*-अंगद बोले सिर्फ सांस लेनेवालों को जीवित नहीं कहते - सांस तो लुहार का भाता भी लेता है, तब अंगद…
शास्त्रों के अनुसार 14 प्रकार के दुर्गुण जो मृत्यु तुल्य हैं*-अंगद बोले सिर्फ सांस लेनेवालों को जीवित नहीं कहते - सांस तो लुहार का भाता भी लेता है, तब अंगद…
एक बार ज़रूर पढ़े एक बार की बात है - वृंदावन का एक साधू अयोध्या की गलियों में राधे कृष्ण - राधे कृष्ण जप रहा था । अयोध्या का एक…
Do you think this is just a Temple Pillar?This “Dwadasha Lakshna Sthambha” – 12 Elements Pillar is of “Vishnu Kanta” (Octagonal) class of Hindu temple pillars from Surya Mandir, Modhera,…
माता शबरी बोली- यदि रावण का अंत नहीं करना होता तो राम तुम यहाँ कहाँ से आते?"राम गंभीर हुए। कहा, "भ्रम में न पड़ो माता! राम क्या रावण का वध…
र्मै नर्मदा हूं। जब गंगा नहीं थी , तब भी मैं थी। जब हिमालय नहीं था , तभी भी मै थी। मेरे किनारों पर नागर सभ्यता का विकास नहीं हुआ।…
*सुंदरकांड पढ़ते हुए 25 वें दोहे पर ध्यान थोड़ा रुक गया* । *तुलसीदास ने सुन्दर कांड में, जब हनुमान जी ने लंका मे आग लगाई थी, उस प्रसंग पर लिखा…
भिखारी रोज एक दरवाजें पर जाता और भिख के लिए आवाज लगाता, और जब घर मालिक बाहर आता तो उसे गंदीगंदी गालिया और ताने देता, मर जाओ, काम क्यूं नही…
"पुराणों से आधुनिक ज्ञान" "पुराणों को विद्यालयों में लागू करना क्यों अनिवार्य हो" अट्ठारह पुराणों का संक्षिप्त परिचयपुराण शब्द का अर्थ ही है प्राचीन कथा, पुराण विश्व साहित्य के सबसे…