Published On: September 3, 20215 words0 min read

संतान सुख जीवन को स्वर्ग बना देता है और इसका दु:ख नर्क। ज्योतिष के आईने में इस सुख को हासिल करना संभव है। मानव जीवन को अपनी में सफलता प्राप्त करने के लिए एक अच्छे संतान की आवश्यकता तो होती हैं। परन्तु-कुछ लोग संतान विहीन होने के कारण संतान की प्राप्ति के लिए अनेक प्रयास करते हैं। ऐसी स्थिति में संतान प्राप्ति करने के लिए यह यंत्र अत्यन्त चमत्कारिक है। इस यंत्र की विधिवत प्रतिष्ठा तथा पूजा करने से मनोवांछित संतान की प्राप्ति होती है। और वह दीर्घायु और गुणवान होता है। संतान गोपाल यंत्र की साधना अत्यन्त ही प्रसिद्ध है, जिन्हें संतान नहीं होती है वे बालगोपाल की मूर्ति के साथ संतान गोपाल यंत्र स्थापित करते हैं तथा उनके सामने संतान गोपाल स्त्रोत का पाठ करते हैं। कुछ लोग “पुत्रोष्टि यज्ञ” करते हैं, पोत्रोष्टि यज्ञ एवं संतान गोपाल यंत्र के द्वारा संतान की अवश्य ही प्राप्ति होती है। संतान गोपाल यंत्र को गुरुपुष्य नक्षत्र में पूजन एवं प्रतिष्ठा करने के पश्चात् संतान गोपाल स्त्रोत्र का पाठ करने से शीघ्र ही गृह में अच्छे गुणों से युक्त संतान की उत्पत्ति होती है तथा माता पिता की सेवा में ऐसी संतानें हमेशा तत्पर रहती हैं। संतान गोपाल यंत्र को गोशाला में प्रतिष्ठित करके गोपालकृष्ण का मंत्र का जप श्रद्धापूर्वक करने से वध्या को भी शीघ्र ही पुत्ररत्न उत्पन्न होता है तथा सभी गुणों से सम्पन्न होता है। शास्त्रों में संतान कामना को पूरा करने हेतु कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनसे बिना किसी ज्यादा परेशानी या आर्थिक बोझ के मनचाही खुशियां मिलती हैं। यह उपाय यह है, कि संतान गोपाल मन्त्र का जप। स्वस्थ्य, सुंदर संतान खासतौर पर पुत्र प्राप्ति के लिए यह मंत्र पति-पत्नी दोनों के द्वारा किया जाना बेहतर नतीजे देता है। संतान गोपाल मंत्र :- “देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।” संतान गोपाल मंत्र जप की विधि :- पति-पत्नी दोनों सुबह किसी विद्वान पंडित द्वारा बताये गए शुभ मुहरत/शुभ दिन स्नान कर पूरी पवित्रता के साथ निराहार रहकर उपरोक्त मंत्र का जप करे। नैवध के रूप में शाम को खीर का भोग लगाकर उसे ही ग्रहण करे। इसके लिए घर के देवालय में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति की चन्दन, अक्षत, फूल, तुलसी दल और माखन का भोग लगाकर घी के दीप व कपूर से आरती करें।बालगोपाल की मूर्ति विशेष रूप से श्रेष्ठ मानी जाती है।भगवान की पूजा के बाद या आरती के पहले उपरोक्त संतान गोपाल मंत्र का जप करें।मंत्र जप के बाद भगवान से समर्पित भाव से निरोग, दीर्घजीवी, अच्छे चरित्रवाला, सेहतमंद संतान की कामना करें।यह मंत्र/जप पति या पत्नी अकेले भी कर सकते हैं।धार्मिक मान्यताओं में इस मंत्र की 55 माला या यथाशक्ति जप के एक माह में चमत्कारिक फल मिलते हैं।

संतान गोपाल मंत्र “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।” संतान गोपाल मंत्र का प्रभाव कई ऐसे दंपति होते हैं जिनके घर में संतान तो है लेकिन कन्या संतान है और वो लोग पुत्र संतान की इच्छा रखते हैं। अगर ऐसे में आप संतान गोपाल मंत्र का जाप नियम पूर्वक करते हैं तो पुत्र प्राप्ति में आ रही सभी प्रकार की बाधाएं आपकी दूर हो जाती हैं। और आपको मनवांछित संतान की प्राप्ति होती है। और संतान गोपाल मंत्र के प्रभाव से होने वाली आपकी संतान दीर्घायु होती है। स्वस्थ होती है। तेजस्वी, यशस्वी और बहुत बुद्धिमान संतान होती है। इस मंत्र के प्रभाव से आपको होने वाली संतान की बहुत तीक्ष्ण बुद्धि होती है। लेकिन इस मत्र के जाप के दौरान कुछ नियम बहुत जरुरी होते हैं। जिनका पालन करना बहुत होता है। तभी इस मंत्र का आपको शुभ फल प्राप्त होता है।

संतान गोपाल मंत्र के जाप की विधि 1. जिस दिन से आप मंत्र का जाप शुरू करें उस दिन से सूर्योदय के पूर्व आप उठना प्रारंभ करें। 2. उठने के बाद नित्य क्रियाओं से निवृत होकर स्नान करें। और स्वच्छ वस्त्र धारण करके आप भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित करें। 3. भगवान सूर्यदेव को आप तांबे के लोटे में ही जल अर्पित करें। और उस जल में थोड़ी सी हल्दी, रोली डालकर ही सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इससे संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं। 4. सूर्यदेव को जल देने के बाद आप अपने घर के ईशान कोण में भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की मूर्ति अथवा चित्र या लड्डू गोपाल लकड़ी की चौकी पर पीले रंग कपड़ा बिछाकर स्थापित करें। 5. चौकी पर बालगोपाल से पहले आप गणेशजी की मूर्ति स्थापित करें। 6. चौकी पर आपको प्रतिदिन शुद्ध घी का दीपक जलाना है। और तांबे के पात्र में चौकी के पास जल रखना है। इसके बाद आप आसन बिछाकर वहां बैठ जाएं। और सबसे पहले गणपति जी का पूजन करें। गणपति जी को दूर्वा और मोदक आदि का भोग लगाएं। उसके बाद आप गोपाल जी का पूजन करें और गोपाल जी को भी माखन और मिश्री का भोग लगाएं। आप चाहें तो गोपाल जी को छप्पन भोग भी लगा सकते हैं। और गोपाल जी को भोग लगाने के बाद संतान गोपाल मंत्र का 108 बार जाप करें।

Leave your comment

Related posts

  • Bhaju Govindam-6

    Bhaja Govindam, also called Charpat Panjarika Stotram, is a devotional and philosophical hymn composed by Adi Shankaracharya. It emphasizes the impermanence of worldly pleasures and encourages devotion to Govinda (Krishna) [...]

  • Bhai ji Pavan Smaran

    "भाईजी पावन स्मरण" is a deeply revered book that offers an intimate glimpse into the life, thoughts, and contributions of Shri Hanuman Prasad Poddar, lovingly referred to as "Bhaiji." A [...]

  • Brave and Honest Children

    "Brave and Honest Children" is an inspiring book published by Gita Press, Gorakhpur, aimed at nurturing the moral and ethical values of children. The book is a collection of short, [...]