Ravana had given these three lessons to Laxman on his death bed:
1: The first thing that Ravana told Laxman was to do auspicious work as soon as possible and avoid unlucky as much as you can.
I could not recognize Shriram and delayed coming to his refuge, that is why I am in this condition!
2: Secondly never underestimate your opponent, your enemy, whom I considered ordinary monkeys and bear have destroyed my entire army. When I asked Brahmaji for the boon of immortality, then no one except man and monkey could kill me. I made a mistake.
3: Ravana told Laxman the third and last thing that if there is any secret in his life, he should not tell anyone. Here also I missed because Vibhishan knew the secret of my death. This was the biggest mistake of my life!
Secrets of Ravan Sanhita: आप भी होना चाहते हैं अमीर तो ये हैं रावण संहिता के अचूक व शक्तिशाली खास उपाय…
दशानन, लंकापति रावण एक राक्षस तो था, लेकिन वह एक महान पंडित, कुशल राजनीतिज्ञ, वास्तुकला के साथ-साथ ब्रह्मज्ञानी तथा बहु-विधाओं का जानकार भी था।रावण न केवल एक महान पंडित बल्कि वह एक विद्वान तांत्रिक, ज्योतिष और भगवान शिव का परमभक्त भी था। रावण अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था, जिसके कारण उसका नाम दशानन भी था।
रावण ने ही शिव तांडव स्त्रोत और शिव संहिता की रचना की थी। रावण संहिता में रावण के धनवान होने का राज सहित ऐसे तंत्र-मंत्र के बारे में भी लिखा है, जिससे गुप्त और गड़ा धन आपको मिल सकता हैं। ये बातें ‘रावण संहिता’ में हैं, जिसमें रावण ने उसके धनवान होने का राज, “धन प्राप्ति के अचूक व शक्तिशाली उपाय” बताए हैं! असुरों का सम्राट होने के बावजूद भी रावण एक महाज्ञानी पंडित और शास्त्रो में पारंगत था। माना जाता है कि सौरमंडल के सम्पूर्ण ग्रह रावण के इशारों पर चला करते थे, कोई भी ग्रह रावण के विरुद्ध कार्य नहीं कर सकता था।
शनि ने बदला स्थान
यहां तक की मेघनाद के जन्म के पूर्व जब वह अपनी माता मंदोदरी के गर्भ में था, तब रावण ने उसे अमर बनाने के लिए सभी नक्षत्रों को एक स्थिति में ला दिया था।
इस दौरान सभी ग्रहों ने रावण के निर्देशानुसार कार्य किया, लेकिन केवल शनि ने स्थान परिवर्तन कर दिया, जिसके चलते मेघनाद को अमर बनाने की रावण की चेष्टा पूर्ण नहीं हो सकी। और इसी कारण मेघनाद यशस्वी, पराक्रमी, अविजित योद्धा होने के बावजूद अल्पायु का हो गया।
रावण रामायण (ramayan) का नकरात्मक पात्र…
भले ही महापंडित रावण को रामायण (ramayan) का नकरात्मक पात्र माना जाता हो, हम यह भी जानते है की माता सीता का हरण कर रावण ने अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल करी थी, जिसकी वजह से रावण को अपनी जान तक गवानी पड़ी थी।
परन्तु ये भी माना जाता है कि रावण यह जानता की श्रीराम भगवान विष्णु के अवतार हैं और यदि उनके हाथों किसी की मृत्यु हो तो उसे निश्चित वैकुंठ धाम प्राप्त होता है। ऐसे में उसने अपने पूरे परिवार के उद्धार के लिए जानबुझ कर श्रीराम से शत्रुता मोल ली थी।
ज्योतिष विज्ञान में थी महारथ…
रावण ने खगोलविज्ञान और ज्योतिष विज्ञान में महारथ हासिल की थी, साथ ही वह तंत्र का भी ज्ञाता था। अपने ज्ञान को उसने रावण संहिता में संरक्षित किया था, जिसके सिद्धांतों को आज भी स्वीकारा जाता है।रावण संहिता में कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताया गया है, जिसको अपनाकर हम भी आप अपने भाग्य को चमका सकते हैं।
ये हैं वे चमत्कारी उपाय: Miraculous solution in RAVAN SANHITA…
रावण संहिता के अनुसार धन प्राप्ति के इच्छुक व्यक्ति को प्रातः शीघ्र उठना चाहिए। अपने नित्य कर्मो आदि से निर्वित होकर, नदी या जलाशय जाकर स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद उसे किसी ऐसे वृक्ष के नीचे आसन लगाकर बैठना चाहिए, जहां शांत वातावरण हो।
– आसन में बैठने के बाद रुद्राक्ष की माला के साथ ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा’ मन्त्र का जाप करें। ऐसे में यदि 21 दिन तक लगातार इस मंत्र का जाप करने के बाद यदि आप इस मंत्र को सिद्ध कर लेंगे, तो माना जाता है कि आपके जीवन में धन प्राप्ति के योग बनने लगेंगे।
– वहीं धन प्राप्ति में बार-बार रुकावटों का सामना कर रहे लोगों को लगातार 40 दिनों तक ‘ॐ सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
यह महालक्ष्मी से संबंधित मंत्र है और यह माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने वाला तांत्रिक उपाय है। कहा जाता है कि इस मंत्र का नियमित जाप मात्र कुछ ही दिनों में आपके धन से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान कर देगा।
नियम के अनुसार आपको नियमित तौर पर हर रोज इस माला का एक बार जाप जरूर करना चाहिए।
– इसके अलावा किसी भी शुभ अवसर जैसे अक्षय तृतीया, दीपावली, होली आदि की मध्यरात्रि के लिए भी एक उपाय विशेष फलदायी माना गया है। इसके तहत कुमकुम के द्वारा थाली पर ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी, महासरस्वती ममगृहे आगच्छ-आगच्छ ह्रीं नम:’ लिखें।
इसे लिखने के साथ ही साथ रुद्राक्ष या कमल गट्टे की माला की सहायता से इस मंत्र का जाप कर इस सिद्ध करें। माना जाता है कि कार्तिक मास की अमावस्या यानि दीपावली की रात्रि को इस मंत्र का जाप विशेष फल प्रदान करता है।
रावण संहिता के अनुसार आपको प्रत्येक दिन 108 बार तो इस मन्त्र का जाप अवश्य करना चाहिए। इसके अलावा आप अपने श्रद्धानुसार इस मंत्र जाप को बढ़ा सकते हैं।
– यदि आप धन संबंधित समस्या का निपटारा चाहते है तथा सदैव अपने घर में माता लक्ष्मी का वास चाहते है, तो कार्तिक मास की अमावस्या यानि दीपावली के दिन आपको यह उपाय अवश्य ही अपनाना चाहिए।
इस उपाय के अनुसार दीपावली के दिन महालक्ष्मी की पूरी विधि विधान से पूजा करनी चाहिए तब यह मंत्र शीघ्र ही प्रभाव देता है।
उसके अगले दिन सुबह उठने के बाद और पलंग से उतरने से पहले आपको 108 बार ‘ॐ नमो भगवती पद्म पदमावी ऊँ ह्रीं ऊँ ऊँ पूर्वाय दक्षिणाय उत्तराय आष पूरय सर्वजन वश्य कुरु कुरु स्वाहा’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
मंत्र का जाप पूर्ण करने के पश्चात दसों दिशाओं में दस-दस बार फुंक मारें। मान्यता के अनुसार जो भी इस कार्तिक मास की अमावस्या का जाप पूरी तन्मयता से करता है उस जातक को कभी भी धन से संबंधित समस्या नहीं आती।
– वहीं यदि आप धन कुबेर की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको ‘ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि में देहि दापय स्वाहा’ मंत्र का जाप करना चाहिए
इस मंत्र का जाप करते समय माता लक्ष्मी की कोड़ी को अपने पास रखे। तीन माह तक लगातार इस मंत्र का जाप करने के बाद कोड़ी को अपने तिजोरी में रख दें।
दुर्वा घास :- दुर्वा घास को धार्मिक ग्रंथों व पुराणों में बहुत ही चमत्कारिक माना गया है। मान्यता के अनुसार सफेद गाय का दूध व दुर्वा घास को मिलाकर उसका तिलक करने से भी धन का योग बनता है और व्यक्ति को धन प्राप्ति होती है।
जानिये क्या कहती हैं रावण संहिता: RAVAN SANHITA…
1. रावण संहिता के अनुसार गड़ा हुआ धन प्राप्त करने के लिए ‘ओम नमो विघ्नविनाशाय निधि दर्शन कुरु कुरु स्वाहा।’ मंत्र का हजारों की संख्या में जप करें। इसके बाद जहां धन होने की शंका है, वहां धतुरे के बीज, हलाहल, फेद घुघुंची, गंधक और पका हुआ तेल ले जाएं। इसके बाद इस सामग्री को गड़े धन की शंका वाले स्थान पर रखकर धूप दीप करें। इससे आपको लाभ होगा।
2. रावण संहिता के मुताबिक अगर आप समाज और अपने आसपास के लोगों को आकर्षित करना चाहते हैं, तो बिल्ल पत्र और बिजौरा नींबू को लेकर उसे बकरी के दूध में मिला लें। इसके बाद हर रोज उसका तिलक लगा लें। इस तरह व्यक्ति का आकर्षण बढ़ता है।
3. वहीं समाज में वर्चस्व पाने के लिए सबसे पहले सफेद आक के फूल को सुखा लें। इसके बाद सफेद गाय को दूध में मिला लें और हर रोज तिलक लगाएं। इस तरह से धीरे-धीरे समाज में हर कोई आपको पसंद करने लगेगा और वर्चस्व बढ़ेगा।
4. जिसे भी धन की कमी रहती है, वह प्रतिदिन 108 बार ‘ओम यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।’ इस मंत्र का जप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से धन संबंधी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
वहीं कर्ज की समस्या से छुटकारें के लिए
मंत्र: ओम क्लीं ह्रीं ऐं ओं श्रीं महा यक्षिण्ये सर्वैश्वर्यप्रदात्र्यै नमः॥
इमिमन्त्रस्य च जप सहस्त्रस्य च सम्मितम्।
कुर्यात् बिल्वसमारुढो मासमात्रमतन्द्रितः॥’
का एक महीने तक हर रोज 1000 बार जप करें।
जब यह जप एक महीने बाद पूरा हो जाए, तो ब्राह्मणों और कुंवारी कन्याओं को भोजन अवश्य कराएं। इससे ना सिर्फ कर्ज की परेशानी दूर होगी बल्कि आपके परिवार में धन का आगमन भी होगा।
5. जबकि खोया हुआ धन, उधार दिया हुआ धन अगर वापस नहीं आ रहा है, तो आप ‘ओम नमो विघ्नविनाशाय निधि दर्शन कुरु कुरु स्वाहा।’ इस मंत्र का सवा महीने तक 10,000 बार तक जप करें। माना जाता है कि ऐसा करने से आप धन वापस आ जाएगा।