Description
इस संसार में मानवजन्म का उद्देश्य आदर्श मानव बनने के साथ-साथ जन्म-मृत्यु के बन्धन से मुक्ति की साधना है। भारतीय ऋषियों के द्वारा प्रणीत शास्त्र हमें संसार में जीने की कला और जीवन के सिद्धान्त (मुक्ति की साधना) की अनुपम शिक्षा देते हैं। इस पुस्तक में आर्ष-ग्रन्थों से संकलित विभिन्न प्रेरक कथाओं के माध्यम से संसार में रहने की व्यावहारिक शिक्षा के साथ आत्म-कल्याण के सुगम उपायों की सुन्दर जानकारी प्रस्तुत की गयी है।
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