Description
श्रीभविष्यमहापुराणम सेट ऑफ़ ३ बुक्स
भविष्य महापुराणम के दूतिये पूर्व को मध्यमपर्व कहा गया हे इसके तीन खण्ड है इसके प्रथम खण्ड में भविष्य पुराण की प्रसंसा तथा धर्म का सरूप विराट की उत्पत्ति
इसके दुर्तीय तथा तितीय खण्ड में यज्ञो का प्रभुत वर्णन है इस खण्ड में इस खंड में गोचर भूमि बिधि आदि
इस सम्पूर्ण महापुराण के दुतिये खंड में निवेदन में यह कहना आवशयक है की वेदार्थ से अधिक महत्पूण है
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