Description
श्री कृष्ण- भाव संचय रेहाना तेयबजीका जन्म गुजरातके एक सुसम्पत्र शिछित मुस्लिम परिवारों हुआ था वे बहुत अच्छे भजन गजल गाती थी सनातन धर्मके
बारेमे अपनी जिज्ञासा और श्रीकृष्ण प्रेम की भावनासे ओत
“श्री कृष्ण-भाव संचय” एक व्याख्यात्मक या रसवादी प्रकार का शैली है जिसमें श्री कृष्ण के भाव को व्यक्त किया जाता है। यह एक अत्यंत सूक्ष्म और गहरा विषय है, जिसमें भावनाओं, रसों और आनंद के अभिव्यक्ति के माध्यम से श्री कृष्ण की दिव्य लीलाओं को समझा जाता है। इसका उद्देश्य श्री कृष्ण के भक्तों को उनके भाव में समाहित करना और उनके मनोवैज्ञानिक, आध्यात्मिक और आनंदमय अनुभवों को उत्तेजित करना होता है।
“श्री कृष्ण-भाव संचय” का मुख्य उद्देश्य श्री कृष्ण के विभिन्न भावों और रसों को समझना है, जैसे कि भक्ति भाव, गोपी भाव, माधुर्य भाव, वीर भाव, और वात्सल्य भाव। इन भावों को समझकर और उनके मध्यम से अनुभव करके भक्त अपने आत्मा के साथ श्री कृष्ण के संबंध को समझते हैं और उसमें लीन होते हैं।
“श्री कृष्ण-भाव संचय” का अध्ययन, समाधान, और अनुष्ठान श्री कृष्ण के प्रति श्रद्धालुता को बढ़ावा देता है और उसे उनके दिव्य रूप, लीलाएं, और महिमा के प्रति अधिक आकर्षित करता है। यह एक आध्यात्मिक अनुभव का माध्यम होता है जो भक्त को अपने आत्मा के साथ एकता में ले जाता है और उसे अनंत आनंद का अनुभव कराता है।
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Reviews
There are no reviews yet.