व्यवहार सुधार और परमार्थ \Byabahar Sudhar our Paramarth

15.00

Description

प्रभु की दया तो सबपर समान और अपार है केवल समझने मात्र की देर है इसी प्रकार महान पुरुषों की भी सबपर असीम दया हैं जिनपर हमारा भरोसा है वे यदि कह दें की आज तुम्हें भगवन के दर्शन होंगे तो उनका यह वचन आधार हो सकता है

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