लाल किताब/ Lal Kitab

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लाल किताब (Lal Kitab) ज्योतिष और सामुद्रिक शास्त्र का एक अनोखा और रहस्यमय ग्रंथ है, जो मूलतः उर्दू भाषा में लिखा गया था। यह ग्रंथ पारंपरिक वैदिक ज्योतिष से थोड़ा अलग है और इसमें राहु, केतु, शनि आदि ग्रहों के उपायों को विशेष महत्व दिया गया है। नीचे लाल किताब का संक्षिप्त विवरण हिंदी में दिया गया है:


 लाल किताब का परिचय (Lal Kitab Ka Parichay)

नाम: लाल किताब
भाषा: मूल रूप से उर्दू
प्रथम प्रकाशन: 1939 से 1952 के बीच
लेखक: पं. रूपचंद जोशी (कुछ विद्वानों के अनुसार)
विषय: ज्योतिष, कर्म, ग्रह दोष एवं उपाय


 लाल किताब की विशेषताएँ

  1. व्यवहारिक उपाय:
    लाल किताब में सरल घरेलू उपाय बताए गए हैं, जैसे – चावल का दान, तांबा बहाना, हनुमान जी की पूजा आदि।

  2. ग्रहों की विशेष भूमिका:
    विशेष रूप से राहु, केतु और शनि के दुष्प्रभाव और उनके सरल निवारणों पर जोर दिया गया है।

  3. हस्तरेखा और कुंडली का मेल:
    लाल किताब में हस्तरेखा (Palmistry) और कुंडली (Horoscope) को एक साथ जोड़ा गया है, जो इसे अनूठा बनाता है।

  4. कर्म और भाग्य का संबंध:
    यह ग्रंथ मानता है कि भाग्य से ज़्यादा कर्म प्रधान है और सही उपाय करने से ग्रहों के दुष्प्रभाव कम किए जा सकते हैं।

  5. मकान और वास्तु के नियम:
    लाल किताब में मकान निर्माण और गृह प्रवेश से जुड़े कई उपाय भी दिए गए हैं।


 लाल किताब के प्रमुख उपाय (Lal Kitab Ke Upay)

  • बुधवार को गाय को हरा चारा देना – बुध ग्रह का दोष कम करने के लिए

  • काले कुत्ते को रोटी खिलाना – शनि और राहु दोष के लिए

  • तांबे का सिक्का पानी में बहाना – सूर्य या मंगल दोष के लिए

  • गरीबों को मिठाई दान करना – चंद्र दोष के लिए

 नोट: लाल किताब के उपाय हमेशा किसी जानकार पंडित या विशेषज्ञ से परामर्श करके ही करने चाहिए, क्योंकि कुछ उपाय गलत ढंग से करने पर नुकसान भी कर सकते हैं

Description

लाल किताब (Lal Kitab) ज्योतिष और सामुद्रिक शास्त्र का एक अनोखा और रहस्यमय ग्रंथ है, जो मूलतः उर्दू भाषा में लिखा गया था। यह ग्रंथ पारंपरिक वैदिक ज्योतिष से थोड़ा अलग है और इसमें राहु, केतु, शनि आदि ग्रहों के उपायों को विशेष महत्व दिया गया है। नीचे लाल किताब का संक्षिप्त विवरण हिंदी में दिया गया है:


 लाल किताब का परिचय (Lal Kitab Ka Parichay)

नाम: लाल किताब
भाषा: मूल रूप से उर्दू
प्रथम प्रकाशन: 1939 से 1952 के बीच
लेखक: पं. रूपचंद जोशी (कुछ विद्वानों के अनुसार)
विषय: ज्योतिष, कर्म, ग्रह दोष एवं उपाय


 लाल किताब की विशेषताएँ

  1. व्यवहारिक उपाय:
    लाल किताब में सरल घरेलू उपाय बताए गए हैं, जैसे – चावल का दान, तांबा बहाना, हनुमान जी की पूजा आदि।

  2. ग्रहों की विशेष भूमिका:
    विशेष रूप से राहु, केतु और शनि के दुष्प्रभाव और उनके सरल निवारणों पर जोर दिया गया है।

  3. हस्तरेखा और कुंडली का मेल:
    लाल किताब में हस्तरेखा (Palmistry) और कुंडली (Horoscope) को एक साथ जोड़ा गया है, जो इसे अनूठा बनाता है।

  4. कर्म और भाग्य का संबंध:
    यह ग्रंथ मानता है कि भाग्य से ज़्यादा कर्म प्रधान है और सही उपाय करने से ग्रहों के दुष्प्रभाव कम किए जा सकते हैं।

  5. मकान और वास्तु के नियम:
    लाल किताब में मकान निर्माण और गृह प्रवेश से जुड़े कई उपाय भी दिए गए हैं।


 लाल किताब के प्रमुख उपाय (Lal Kitab Ke Upay)

  • बुधवार को गाय को हरा चारा देना – बुध ग्रह का दोष कम करने के लिए

  • काले कुत्ते को रोटी खिलाना – शनि और राहु दोष के लिए

  • तांबे का सिक्का पानी में बहाना – सूर्य या मंगल दोष के लिए

  • गरीबों को मिठाई दान करना – चंद्र दोष के लिए

 नोट: लाल किताब के उपाय हमेशा किसी जानकार पंडित या विशेषज्ञ से परामर्श करके ही करने चाहिए, क्योंकि कुछ उपाय गलत ढंग से करने पर नुकसान भी कर सकते हैं

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Weight 0.9 g

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