Description
भक्ति के क्षेत्र में महाप्रभु बल्लभाचार्य जी का साधन मार्ग पुष्टिमार्ग कहलाता है। पुष्टिमार्ग के अनुसार सेवा दो प्रकार से होती है – नाम-सेवा और स्वरूप-सेवा। स्वरूप-सेवा भी तीन प्रकार की होती है — तनुजा, वित्तजा और मानसी। मानसी सेवा के दो प्रकार होते हैं – मर्यादा-मार्गीय और पुष्टिमार्गीय। मर्यादा-मार्गीय मानसी-सेवा पद्धति का आचरण करने वाला साधक जहाँ अपनी ममता और अहं को देर करता है, वहाँ पुष्टि-मार्गीय मानसी-सेवा पद्धति वाला साधक अपने शुद्ध प्रेम के द्वारा श्रीकृष्ण भक्ति में लीन हो जाता है और उनके अनुग्रह से सहज में ही अपनी वांक्षित वस्तु प्राप्त कर लेता है।
Additional information
| Weight | 0.3 g | 
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