भगवान श्री कृष्ण की कृपा और प्रेम की प्राप्ति/ Bhagvan Shree Krishna ki Kripa our Prem ki Prapti

18.00

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Description

गोपियों ने कृष्ण के प्रति अपने अनन्य प्रेम को प्रकट करते हुए कहा है कि- श्री कृष्ण के प्रति स्नेह-बंधन गुड़ से चिपटी हुई चींटियों के समान है। श्रीकृष्ण उनके लिए हारिल की लकड़ी के समान हैं। गोपियाँ मन-कर्म, वचन सभी से कृष्ण के प्रति समर्पित हैं। सोते-जागते, दिन-रात उन्हीं का स्मरण करती हैं।

 

“ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात”…. श्रीकृष्ण के इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन और मन से सभी दुख दूर हो जाते हैं. “हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे”…. यह 16 शब्दों का वैष्णव मंत्र है जो भगवान कृष्ण का सबसे प्रसिद्ध मंत्र है.