Description
भगवान की दया तत्व समझ जाने के बाद फिर कभी अशान्ति हो ही नहीं सकती सदा आनन्द में रहेगा | दया का तत्व जानने पर तो पाप हो ही नही सकते और भजन छूट ही नही सकता |जो दया का महत्व समझ जाय उसे कहने की आवश्यकता नहीं है | जब तक भजन करना पड़ता है तबतक ही भजन का तत्व नही समझे | अज्ञानी कर्म करता है और ज्ञानी से होता है | भजन में प्रीति हो जायगी तो भजन होने लगेगा, करना नही पड़ेगा |
Additional information
Weight | 0.3 kg |
---|
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Reviews
There are no reviews yet.