Description
स्वामी रामसुखदासजी कहते हें कि लोकीक सम्बंध को बनाए रखना आसान हैं । लेकिन प्रभु के सम्बंंध को स्वामी जी ने प्रभु सम्बंध भजनावली के रुप मे संकलित किया हैं।
Additional information
Weight | 0.1 g |
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स्वामी रामसुखदासजी कहते हें कि लोकीक सम्बंध को बनाए रखना आसान हैं । लेकिन प्रभु के सम्बंंध को स्वामी जी ने प्रभु सम्बंध भजनावली के रुप मे संकलित किया हैं।
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