जीवन मुक्ति के रहस्य/ Jeevan Mukti ke Rahassya

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यह पुस्तक स्वामी श्री रामुसुखदास जी महाराज केे प्रवचनो का  संकलन है, जो गीताप्रस से प्रकाशित हुई है। मनुष्य जीवन हो या पशु-पक्षियों का जीवन, सभी का जीवन, जीवन व मृत्यु के पाश में बन्धा व फंसा हुआ है। कोई भी मनुष्य या प्राणी स्वेच्छा से मरना नहीं चाहता। वह चाहता है कि वह सदा इसी प्रकार से बना रहे। उसे कभी कोई रोग न हो। दुःखों को कोई भी प्राणी पसन्द नहीं करता। परन्तु फिर भी जीवन में वृद्धि व ह्रास तथा सुख व दुःख सहित जन्म-मृत्यु का चक्र चलता रहता है। इसमें परमात्माप्रिया के कई बोधगम्य उपायों को सरल भाषा में अत्यंत संवेदनशील व्याख्या दी गई है। यह पाठ प्रत्येक देश, संस्कृति, भाषा और संप्रदाय के साधकों के लिए उपयोगी और मार्गदर्शक सामग्री के साथ है 

Description

यह पुस्तक स्वामी श्री रामुसुखदास जी महाराज केे प्रवचनो का  संकलन है, जो गीताप्रस से प्रकाशित हुई है। मनुष्य जीवन हो या पशु-पक्षियों का जीवन, सभी का जीवन, जीवन व मृत्यु के पाश में बन्धा व फंसा हुआ है। कोई भी मनुष्य या प्राणी स्वेच्छा से मरना नहीं चाहता। वह चाहता है कि वह सदा इसी प्रकार से बना रहे। उसे कभी कोई रोग न हो। दुःखों को कोई भी प्राणी पसन्द नहीं करता। परन्तु फिर भी जीवन में वृद्धि व ह्रास तथा सुख व दुःख सहित जन्म-मृत्यु का चक्र चलता रहता है। इसमें परमात्माप्रिया के कई बोधगम्य उपायों को सरल भाषा में अत्यंत संवेदनशील व्याख्या दी गई है। यह पाठ प्रत्येक देश, संस्कृति, भाषा और संप्रदाय के साधकों के लिए उपयोगी और मार्गदर्शक सामग्री के साथ है 

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