Description
क्या कू या कैसे मानव जब से होश समलता हे तबी से उसके मन से प्रश्न उतने लगते बालक जैसे बड़ा होता हे उसके प्रश्न से बुरा जाता भगवत कृपा या संत किरपासे मनुसे जब पारमार्थिक या जब से अंत कर्ण से अधिक उतने लगते
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