वर्तमान भारत(स्वामी विवेकानंद)/ Vartaman Bharat -Swami Vivekananda
₹25.00
📖 पुस्तक: “वर्तमान भारत” – स्वामी विवेकानंद
“वर्तमान भारत” (Vartaman Bharat) स्वामी विवेकानंद द्वारा 1899 में लिखी गई एक प्रभावशाली पुस्तक है, जिसमें उन्होंने भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्थिति का विश्लेषण किया है। यह पुस्तक भारत के गौरवशाली अतीत, उसके पतन के कारणों और पुनर्जागरण के उपायों पर प्रकाश डालती है।
पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ
1. भारत का गौरवशाली अतीत और पतन के कारण
- स्वामी विवेकानंद बताते हैं कि प्राचीन भारत ज्ञान, विज्ञान और आध्यात्मिकता का केंद्र था।
- लेकिन विदेशी आक्रमणों, सामाजिक बंधनों, अज्ञानता और आत्मसम्मान की कमी के कारण देश का पतन हुआ।
2. भारत के पुनर्निर्माण में युवाओं की भूमिका
- विवेकानंद जी कहते हैं कि भारत के उज्ज्वल भविष्य की नींव युवा शक्ति पर टिकी है।
- वे युवाओं से साहसी, आत्मनिर्भर और समाज के उत्थान के लिए समर्पित होने का आह्वान करते हैं।
3. शिक्षा ही असली शक्ति है
- वे उस शिक्षा प्रणाली की आलोचना करते हैं, जो केवल अंग्रेजी संस्कृति को बढ़ावा देती थी लेकिन भारत के मूल्यों को नजरअंदाज करती थी।
- उन्होंने ऐसी शिक्षा का समर्थन किया जो आत्मनिर्भरता, चरित्र निर्माण और सेवा भाव को बढ़ावा दे।
4. भारत की शक्ति आध्यात्मिकता में है
- स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि भारत की आत्मा आध्यात्मिकता में बसती है, और यही उसकी सबसे बड़ी ताकत है।
- वे इस बात पर जोर देते हैं कि भारत को आधुनिक विज्ञान और प्राचीन वेदांत ज्ञान को साथ लेकर आगे बढ़ना चाहिए।
5. सामाजिक सुधारों की आवश्यकता
- उन्होंने जातिवाद, छुआछूत और महिलाओं के प्रति भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयों का कड़ा विरोध किया।
- वे मानते थे कि जब तक समाज के निचले तबके को ऊपर नहीं उठाया जाएगा, तब तक भारत सशक्त नहीं बन सकता।
Description
📖 पुस्तक: “वर्तमान भारत” – स्वामी विवेकानंद
“वर्तमान भारत” (Vartaman Bharat) स्वामी विवेकानंद द्वारा 1899 में लिखी गई एक प्रभावशाली पुस्तक है, जिसमें उन्होंने भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्थिति का विश्लेषण किया है। यह पुस्तक भारत के गौरवशाली अतीत, उसके पतन के कारणों और पुनर्जागरण के उपायों पर प्रकाश डालती है।
पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ
1. भारत का गौरवशाली अतीत और पतन के कारण
- स्वामी विवेकानंद बताते हैं कि प्राचीन भारत ज्ञान, विज्ञान और आध्यात्मिकता का केंद्र था।
- लेकिन विदेशी आक्रमणों, सामाजिक बंधनों, अज्ञानता और आत्मसम्मान की कमी के कारण देश का पतन हुआ।
2. भारत के पुनर्निर्माण में युवाओं की भूमिका
- विवेकानंद जी कहते हैं कि भारत के उज्ज्वल भविष्य की नींव युवा शक्ति पर टिकी है।
- वे युवाओं से साहसी, आत्मनिर्भर और समाज के उत्थान के लिए समर्पित होने का आह्वान करते हैं।
3. शिक्षा ही असली शक्ति है
- वे उस शिक्षा प्रणाली की आलोचना करते हैं, जो केवल अंग्रेजी संस्कृति को बढ़ावा देती थी लेकिन भारत के मूल्यों को नजरअंदाज करती थी।
- उन्होंने ऐसी शिक्षा का समर्थन किया जो आत्मनिर्भरता, चरित्र निर्माण और सेवा भाव को बढ़ावा दे।
4. भारत की शक्ति आध्यात्मिकता में है
- स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि भारत की आत्मा आध्यात्मिकता में बसती है, और यही उसकी सबसे बड़ी ताकत है।
- वे इस बात पर जोर देते हैं कि भारत को आधुनिक विज्ञान और प्राचीन वेदांत ज्ञान को साथ लेकर आगे बढ़ना चाहिए।
5. सामाजिक सुधारों की आवश्यकता
- उन्होंने जातिवाद, छुआछूत और महिलाओं के प्रति भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयों का कड़ा विरोध किया।
- वे मानते थे कि जब तक समाज के निचले तबके को ऊपर नहीं उठाया जाएगा, तब तक भारत सशक्त नहीं बन सकता।
📚 यह पुस्तक क्यों पढ़ें?
स्वामी विवेकानंद के राष्ट्रवाद और समाज सुधार संबंधी विचारों को समझने के लिए।
युवाओं के लिए प्रेरणादायक संदेश पाने के लिए।
भारत के पुनरुत्थान और आत्मनिर्भरता का मार्ग जानने के लिए।
शिक्षा और आध्यात्मिकता के सही अर्थ को समझने के लिए।
निष्कर्ष
“वर्तमान भारत” केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि भारत के पुनर्निर्माण का एक शक्तिशाली मार्गदर्शन है। इसमें देशभक्ति, आत्मनिर्भरता, शिक्षा, और सामाजिक सुधार जैसे विषयों पर स्वामी विवेकानंद के गहन विचार मिलते हैं। यह पुस्तक आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी 100 साल पहले थी।
📖 Book: “Vartaman Bharat” by Swami Vivekananda
“Vartaman Bharat” (Present India) is one of Swami Vivekananda’s most influential works, where he presents his powerful vision for India’s social, cultural, and spiritual revival. Originally written in Bengali in 1899, this book highlights the challenges faced by India and proposes ways to restore its former glory through education, self-reliance, and spirituality.
Key Themes of the Book
1. India’s Glorious Past and Present Decline
- Swami Vivekananda describes how India was once a land of great wisdom, spirituality, and prosperity.
- He examines how foreign invasions, societal divisions, and ignorance led to the nation’s decline.
2. The Role of Youth in Nation-Building
- He emphasizes that India’s future depends on its youth, urging them to develop courage, confidence, and self-discipline.
- He calls upon young people to work for the upliftment of the poor and the downtrodden.
3. Education as the Key to Progress
- Swami Vivekananda criticizes the existing education system for being colonial and detached from Indian culture.
- He advocates for practical, character-building education that instills patriotism, ethics, and self-reliance.
4. Spirituality as India’s Strength
- He asserts that India’s true power lies in its spirituality and that the country must maintain its spiritual identity while embracing progress.
- He warns against blind imitation of the West and urges Indians to blend modern science with ancient wisdom.
5. The Need for Social Reforms
- He speaks against caste discrimination, untouchability, and oppression of women.
- He calls for equal opportunities for all and stresses that the real upliftment of India will come through empowering the masses.
📚 Why Read This Book?
To understand Swami Vivekananda’s vision for India’s progress.
To gain inspiration for youth leadership and social reform.
To explore the role of education in national development.
To see how Indian spirituality can guide modern progress.
Conclusion
“Vartaman Bharat” is a must-read for anyone interested in India’s social and cultural evolution. Swami Vivekananda’s words continue to inspire nationalism, self-confidence, and social reform, making this book highly relevant even today.
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