नारद भक्ति सूत्र /Narad Bhakti Sutra
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पुस्तक परिचय: नारद भक्ति सूत्र
“नारद भक्ति सूत्र“ एक अत्यंत महत्वपूर्ण भक्ति ग्रंथ है, जिसे देवर्षि नारद द्वारा रचित माना जाता है। यह पुस्तक 84 सूत्रों (संक्षिप्त वाक्यों) के माध्यम से भक्ति (ईश्वर-प्रेम) के स्वरूप, महत्व और उसके फलस्वरूप प्राप्त मोक्ष (मुक्ति) की व्याख्या करती है।
पुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ:
भक्ति की परिभाषा – भक्ति को निस्वार्थ, शुद्ध और प्रेममयी ईश्वर भक्ति के रूप में समझाया गया है।
भक्ति के प्रकार – इसमें विभिन्न प्रकार की भक्ति और उनकी महत्ता को बताया गया है।
अन्य मार्गों से तुलना – भक्ति को कर्म (कर्मयोग) और ज्ञान (ज्ञानयोग) की तुलना में श्रेष्ठ बताया गया है।
समर्पण का महत्व – ईश्वर के प्रति संपूर्ण समर्पण को भक्ति का सर्वोच्च रूप माना गया है।
ऋषियों और संतों के उपदेश – इसमें प्राचीन ऋषियों और संतों की शिक्षाओं का संकलन भी है।
यह पुस्तक किनके लिए उपयोगी है?
आध्यात्मिक साधकों के लिए – जो भक्ति मार्ग और ईश्वर प्रेम को गहराई से समझना चाहते हैं।
भक्ति योग के अनुयायियों के लिए – जो भक्ति को अपने जीवन में अपनाना चाहते हैं।
श्री विष्णु, श्री कृष्ण, श्री राम के भक्तों के लिए – जो ईश्वर की भक्ति और प्रेम को महसूस करना चाहते हैं।
Description
Narad Bhakti Sutra
“Narad Bhakti Sutra“ is a profound spiritual text attributed to Devarshi Narada, one of the greatest devotees and messengers of devotion (Bhakti). This book is a collection of 84 sutras (aphorisms) that explain the nature of pure devotion (Bhakti) and how it can lead to liberation and divine love.
Key Highlights of the Book:
Definition of Bhakti – Bhakti is described as pure, selfless, and unconditional love for God.
Types of Devotion – The text explains different forms of devotion and how a devotee progresses on the path of Bhakti.
Comparison with Other Paths – It highlights how Bhakti (devotion) is superior to Karma (action) and Jnana (knowledge) in attaining God.
Importance of Surrender – Narada emphasizes complete surrender to God as the highest form of devotion.
Teachings from Saints and Scriptures – It includes wisdom from past sages, saints, and sacred texts.
Who Should Read This Book?
For Spiritual Seekers – Those who wish to deepen their understanding of devotion and divine love.
For Bhakti Yog Practitioners – Ideal for those who follow the path of Bhakti and wish to cultivate true devotion.
For Devotees of Lord Vishnu/Krishna/Rama – A guide for anyone devoted to God with faith and surrender.
पुस्तक परिचय: नारद भक्ति सूत्र
“नारद भक्ति सूत्र“ एक अत्यंत महत्वपूर्ण भक्ति ग्रंथ है, जिसे देवर्षि नारद द्वारा रचित माना जाता है। यह पुस्तक 84 सूत्रों (संक्षिप्त वाक्यों) के माध्यम से भक्ति (ईश्वर-प्रेम) के स्वरूप, महत्व और उसके फलस्वरूप प्राप्त मोक्ष (मुक्ति) की व्याख्या करती है।
पुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ:
भक्ति की परिभाषा – भक्ति को निस्वार्थ, शुद्ध और प्रेममयी ईश्वर भक्ति के रूप में समझाया गया है।
भक्ति के प्रकार – इसमें विभिन्न प्रकार की भक्ति और उनकी महत्ता को बताया गया है।
अन्य मार्गों से तुलना – भक्ति को कर्म (कर्मयोग) और ज्ञान (ज्ञानयोग) की तुलना में श्रेष्ठ बताया गया है।
समर्पण का महत्व – ईश्वर के प्रति संपूर्ण समर्पण को भक्ति का सर्वोच्च रूप माना गया है।
ऋषियों और संतों के उपदेश – इसमें प्राचीन ऋषियों और संतों की शिक्षाओं का संकलन भी है।
यह पुस्तक किनके लिए उपयोगी है?
आध्यात्मिक साधकों के लिए – जो भक्ति मार्ग और ईश्वर प्रेम को गहराई से समझना चाहते हैं।
भक्ति योग के अनुयायियों के लिए – जो भक्ति को अपने जीवन में अपनाना चाहते हैं।
श्री विष्णु, श्री कृष्ण, श्री राम के भक्तों के लिए – जो ईश्वर की भक्ति और प्रेम को महसूस करना चाहते हैं।
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