सूक्तियां- एवं सुभाषित/Suktiyan evam Subhashit

15.00

सूक्तियां,  सुभाषित – विवरण

1. सूक्तियां (Sukhiyan / सूक्तियाँ)

सूक्तियां संक्षिप्त और सारगर्भित वाक्य होते हैं जो गहरे जीवन-दर्शन, नैतिकता या व्यवहारिक ज्ञान को व्यक्त करते हैं। ये समाज और व्यक्ति को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

उदाहरण:

  • “सत्यमेव जयते” (सत्य की ही विजय होती है)
  • “अहिंसा परमो धर्मः” (अहिंसा सर्वोच्च धर्म है)

2. अव्ययम् (Avaim / अव्यय)

अव्यय वे शब्द होते हैं जो रूप नहीं बदलते, अर्थात वे विभक्तियों, लिंग या वचन के आधार पर परिवर्तन नहीं करते। संस्कृत में अव्यय शब्दों का विशेष महत्त्व है, जो वाक्यों को अधिक प्रभावशाली बनाते हैं।

उदाहरण:

  • यथा (जैसे)
  • (और)
  • एव (ही)
  • अपि (भी)

3. सुभाषित (Subhashit / सुभाषितम्)

सुभाषित संस्कृत में कहे गए सुंदर और शिक्षाप्रद वचन होते हैं जो नैतिकता, ज्ञान, और सद्गुणों की प्रेरणा देते हैं। ये श्लोक के रूप में होते हैं और विभिन्न ग्रंथों, नीतिशास्त्रों एवं महाकाव्यों में मिलते हैं।

उदाहरण:
📖 विद्या ददाति विनयं, विनयाद् याति पात्रताम्।
(विद्या विनय देती है, विनय से पात्रता आती है।)

📖 असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय।
(असत्य से सत्य की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो।)

निष्कर्ष

सूक्तियां संक्षिप्त ज्ञानवर्धक कथन होते हैं, अव्यय वे शब्द होते हैं जो अपरिवर्तनीय होते हैं, और सुभाषित वे शिक्षाप्रद वचन होते हैं जो जीवन को सही दिशा दिखाते हैं। ये सभी हमारे जीवन में सकारात्मकता और नैतिकता की वृद्धि करते हैं। 🌿📜

Description

Suktiyan evam Subhashit

1. Suktiyan (सूक्तियाँ – Proverbs or Wise Sayings)

Sukhiyan are concise and meaningful sentences that convey deep philosophical, moral, or practical wisdom. These sayings guide individuals and society toward the right path.

Examples:

  • Satyameva Jayate (Truth alone triumphs)
  • “Ahimsa Paramo Dharmaḥ” (Non-violence is the supreme duty)

2. Avyayam 

Avyayam refers to words that do not change their form based on gender, number, or case. In Sanskrit, such words play a crucial role in sentence construction and enhance the effectiveness of communication.

Examples:

  • Yathā (Like, as)
  • Cha (And)
  • Eva (Indeed, only)
  • Api (Also)

3. Subhashit (सुभाषित – Wise Sayings or Ethical Verses)

Subhashit are beautiful and meaningful verses in Sanskrit that provide moral, ethical, and practical teachings. These are often in the form of shlokas found in scriptures, epics, and philosophical texts.

Examples:
📖 “Vidya Dadati Vinayam, Vinayad Yati Pātratām.”
(Knowledge imparts humility, and humility leads to worthiness.)

📖 “Asato Mā Sadgamaya, Tamaso Mā Jyotirgamaya.”
(Lead me from untruth to truth, from darkness to light.)

Conclusion

Sukhiyan are short proverbs that offer wisdom, Avyayam are indeclinable words in Sanskrit, and Subhashit are ethical verses that guide life positively. Together, they contribute to personal growth, morality, and enlightenment. 🌿📖

सूक्तियां,   सुभाषित – विवरण

1. सूक्तियां (Sukhiyan / सूक्तियाँ)

सूक्तियां संक्षिप्त और सारगर्भित वाक्य होते हैं जो गहरे जीवन-दर्शन, नैतिकता या व्यवहारिक ज्ञान को व्यक्त करते हैं। ये समाज और व्यक्ति को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

उदाहरण:

  • “सत्यमेव जयते” (सत्य की ही विजय होती है)
  • “अहिंसा परमो धर्मः” (अहिंसा सर्वोच्च धर्म है)

2. अव्ययम् (Avaim / अव्यय)

अव्यय वे शब्द होते हैं जो रूप नहीं बदलते, अर्थात वे विभक्तियों, लिंग या वचन के आधार पर परिवर्तन नहीं करते। संस्कृत में अव्यय शब्दों का विशेष महत्त्व है, जो वाक्यों को अधिक प्रभावशाली बनाते हैं।

उदाहरण:

  • यथा (जैसे)
  • (और)
  • एव (ही)
  • अपि (भी)

3. सुभाषित  सुभाषितम्)

सुभाषित संस्कृत में कहे गए सुंदर और शिक्षाप्रद वचन होते हैं जो नैतिकता, ज्ञान, और सद्गुणों की प्रेरणा देते हैं। ये श्लोक के रूप में होते हैं और विभिन्न ग्रंथों, नीतिशास्त्रों एवं महाकाव्यों में मिलते हैं।

उदाहरण:
📖 विद्या ददाति विनयं, विनयाद् याति पात्रताम्।
(विद्या विनय देती है, विनय से पात्रता आती है।)

📖 असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय।
(असत्य से सत्य की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो।)

निष्कर्ष

सूक्तियां संक्षिप्त ज्ञानवर्धक कथन होते हैं, अव्यय वे शब्द होते हैं जो अपरिवर्तनीय होते हैं, और सुभाषित वे शिक्षाप्रद वचन होते हैं जो जीवन को सही दिशा दिखाते हैं। ये सभी हमारे जीवन में सकारात्मकता और नैतिकता की वृद्धि करते हैं। 🌿📜

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