Description
समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिये स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज की एक सर्वजनोपयोगी पुस्तक – जिसका स्वाध्याय व्यक्ति को कर्तव्य-बोध कराकर आत्मपरिष्कार की योग्यता प्रदान करता है।
पहला है त्याग। मैंने भी एक दिन सुनाया। लोग कहते हैं कि अगर ब्राह्मणों के हाथ में किताबें होतीं तो उन्होंने लिखा कि ब्राह्मण सबसे ऊंचा है। तो यह मामला नहीं है। वास्तव में ब्राह्मण ऊंचा है, इस ब्राह्मण ने अपने हाथ से खुद को ऊंचा बनाया है। जो अपनी स्तुति करेगा वह अशुद्ध हो जाएगा और गिर जाएगा। खुद से बड़ा कौन है
Additional information
Weight | 0.3 kg |
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